24 मार्च 2022
केवल यह सोचकर कि मेरे लिखे को कोई पढ़ नहीं रहा है, यह सोच सही नहीं है। इंटरनेट की दुनिया में कभी न कभी ये कुछ अच्छा रचा-बसा गया हो तो देर-सवेर ही सही लेकिन उसे पाठक मिल ही जाया करते हैं। हमारे उन साहित्यकारों के बारे में सोचिए जब न इंटरनेट था न फ़ोन और न कोई संपर्क ही किसी से। समाचार पत्र और कुछ पत्र पत्रिकाओं में वे छपते थे। लेकिन वे उस समय आजीविका के लिए नहीं बल्कि समाज के कल्याणार्थ लिखा करते थे। मुंशी प्रेमचंद जी को ले लीजिए क्या मिला उन्हें इतना रच कर, ताउम्र मुफलिसी में रहे, विरोध झेला लेकिन वे पीछे नहीं हटे और आज देखिये उनके साहित्य जैसा क्या कोई लेखक हुआ है। हमारे अल्मोड़ा के शैलेश मटियानी जी के जीवन के बारे में पढ़िए आंख से आँसू आये बिना नहीं रहेंगे, कैसी-कैसे विकट स्थितियों के बाद भी उनका लेखन नहीं रुका और आज उनके नाम से पुरस्कार दिया जाता है लेकिन वे सदैव अभाव में ही जिए और मरे। और भी कई लेखक हैं जिनके नाम से कई पुरस्कार कई सरकार अपने लेखकों को देते हैं लेकिन उनके बारे में पढ़ने पर ज्ञात होता है कि वे तत्समय कितने अभाव में रहे और उन्हें क्या हासिल हुआ? सोचिये जरा! इसलिए अपना कर्म करते चलिए फल कभी न कभी मिलेगा जरूर यह निश्चित है
31 मार्च 2022
जी मैम.... मैंने सबके बारे में पढ़ा हैं और मैं ये पहले भी कह चुकी हूँ की मैंने कभी लेखन आजीविका के लिए नहीं किया हैं... ना ही मैंने लिखना छोड़ा हैं.. मैने सिर्फ एक शिकायत बयां की हैं की आखिर ऐसा होने की वजह क्या हैं... इतना तो हक हम सभी को हैं मैम... रहीं बात विरोध झेलने की तो मैम कुछ बातें ऐसी हैं जो मैं इस मंच पर नहीं बता सकती इसलिए थोड़े समय का अवकाश लिया हैं.... हर किसी की जिंदगी में बहुत बार ऐसे मोड़ आ जाते हैं जिनका वो सामना तो कर लेता हैं पर संभाल नहीं पाता... उसे संभालने के लिए कुछ वक्त चाहिए होता हैं...। मुझ पर बहुत से लोगों ने इल्जाम लगाये हैं की मैं सिर्फ प्रसिद्धि के लिए और कमाई के लिए लिखती हूँ.... वो मिल गया तो छोड़ने के बहाने बना रहीं हूँ.... लेकिन मेरी परिस्थितियों के बारे में मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता हैं.... इसलिए मैं एक बार फिर से आप सभी से कह रहीं हूँ... मैं लिखना कभी नहीं छोड़ुगी चाहे मुझे प्रसिद्धि और कमाई मिले या ना मिले... मैने इन सबको पाने के लिए नहीं लिखा हैं कभी..। मेरे लिखने की सबसे बड़ी क्या हैं वो बहुत जल्द आप सभी को बताउंगी...। अगर कुछ गलत या बुरा लगा हो तो क्षमा मांगती हूँ आप सभी से..
Mem aap nirash kyo ho jati hai aapke padhe jate h ye lekh bhi dikhiye 15 bar dekha gya aap accha likhti ho yu nirash hokr likhna kyo chhod rhi ho
24 मार्च 2022
लिखना नहीं छोड़ रहे हैं जी.... लिखना तो मैं कभी छोड़ भी नहीं सकती... बस यूँ समझ लिजीए बहुत ज्यादा प्रेशर है अभी मुझपर....इसलिए एक लंबा और एकांत ब्रेक ले रहे हैं...।