17 मार्च...
सबसे पहले तो आप सभी को होली की ढेर सारी बधाइयाँ...।
मुझे होली खेलना बहुत पसंद हैं....। लेकिन मायके और ससुराल दोनों में हमारे यहाँ कोई होली नहीं खेलता..। मायके का कारण तो समझ में आता हैं.. एक हादसा ही ऐसा हुआ था.. पर मेरे ससुराल में भी कोई होली नहीं खेलता..। सभी को ना जाने क्यूँ रंगों से तकलीफ हैं...। बिना रंगों के तो जिंदगी ही बेरंग सी लगती हैं...। मेरी छोटी बेटी को मेरी तरह बहुत पसंद हैं पर उसे भी घर पर खेलने की इजाज़त नहीं हैं.... इसलिए वो घर के बाहर अपने दोस्तों के साथ जाकर खेलतीं हैं...। लेकिन मैं लोगों को होली खेलते हुए देखकर... रंगों में रंगा हुआ देखकर ही बहुत खुश हो जाती हूँ...।
लेकिन अब यहाँ किस तरह से होली खेली जाती हैं उससे मैं अभी तक अंजान हूँ...।
इस नए घर में आए हुए कल हमें छ: महिने पुरे हुए । इस साल यहाँ की होली भी देखने का मौका मिलेगा..।
हम पहले जहां रहते थे वहाँ बहुत जबरदस्त होली खेली जाती थी....। हमारे घर को छोड़कर सोसाइटी के हर घर के लोग एक दूसरे के घर जाते.... रंग लगाते.... नाचते गाते फिर बीच मैदान में आते.... कोई गुलाल उड़ाता तो कोई पानी फेंकता...।
हम बालकनी से खड़े होकर देखकर उन सभी नजारों का भरपूर आनंद उठाते...।
मुझे हर त्यौहार बहुत पसंद हैं.... त्यौहारों के बहाने ही तो एक दूसरे को जानने का.. मिलने का.... बात करने का मौका मिलता हैं....। लेकिन शुरुआत से ही मेरे दोनों घरों में ( मायका और ससुराल) किसी को भी किसी भी त्यौहार को मनाने में कोई रुचि ही नहीं हैं...। सिवाय एक के.... मकरसंक्रांति...।
उसके अलावा.... दिवाली हो, होली हो, जन्माष्टमी हो, रामनवमी हो, राखी हो, दशहरा हो, शिवरात्रि हो..... या कोई भी त्यौहार... निरसता से गुज़र जाता हैं..।
मेरी होली तो ऐसे ही बीत जाएगी.... लेकिन आप सभी अच्छे से होली का लुत्फ़ उठाए... उसके लिए आप सभी को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं.... और मेरी सबसे प्यारी डियर डायरी को भी...।
1--मुझे रंगों से प्यार हैं....
रंग बदलने वालों से नहीं...।
2--रंगों का त्यौहार हैं...
रंगों से ही मनाना....
रंगों की आड़ में...
किसी को दागदार ना करना...।
जय श्री राम... 🙏