17 फरवरी... 2022
गुरुवार....
कल सफ़र से घर वापसी पर बेहद थकान महसूस हो रहीं थी..।
किसी ने सच ही कहा हैं... अपना घर स्वर्ग से सुंदर..।
आप चाहे कितना भी बाहर घुम लो... चाहे कितना ही आंनद उठा लो
.. लेकिन जो सुकून घर आकर मिलता हैं वो कही नही मिलता...। पांच दिन घर से बाहर रहकर पहले तो घर की साफ सफाई में समय बहुत बीत गया..। उसके बाद... सबके लिए लाए हुए गिफ्ट्स देने और मिठाई बांटने में भी बहुत समय निकल गया...।
थोड़ा सा समय कल के टी ट्वन्टी मैच को भी दिया..।
भारत की जीत से थोड़ी राहत मिली..। कब्बडी के मैच में भी जयपुर पिंक पैंथर की जीत से बहुत खुश हुई...।
स्पोर्ट्स में मेरी शुरुआत से ही बहुत रूचि हैं...। बचपन से लेकर आज तक मुझे इस बात के लिए बहुत कुछ सुनना पड़ता हैं... पर कोई नहीं जी..।
इस बार दिल्ली में भी बड़े भाई और पतिदेव ने मिलकर बहुत कुछ सुनाया की ये सब उम्र के साथ छोड़ देना चाहिए...। बेवजह के शौक पाल रखें हैं...। लेकिन मुझे तो अब आदत हो गई हैं..।
वैसे भी मेरे हर काम हर शौक से बहुत से लोगों को तकलीफ हैं...। मेरे लिखने से भी परेशानी होतीं हैं लोगों को...। लेकिन वो कहते हैं... "कुछ तो लोग कहेंगे..... लोगों का काम हैं कहना"
मैने कभी लोगों की परवाह नहीं की...। चाहे जब मैं क्रिकेट खेला करती थी तब... चाहे जब मैं पेन्टिंग करतीं थीं तब... चाहे आज में लिखती हूँ तब....।
मेरे हर हूनर का हर शौक का सिर्फ मजाक बनाया गया हैं...।
मुझे तो यहाँ तक कहा गया हैं की ये सब काम क्रिकेट, पेन्टिंग, राईटिंग.... फालतू लोगों का काम हैं...।
लेकिन मैं जानती हूँ... ये सब करना हर किसी के बस की बात नहीं हैं...।
मैं जब भी ऐसे लोगों की बातों से परेशान होतीं हूँ तब अपने आप से एक बात कहतीं हूँ --बुराई वहीं लोग करते हैं जो बराबरी नहीं कर सकते.....।
इस बात से मुझे बहुत प्रोत्साहन मिलता हैं....।
कहने दिजिए जिसे जो कहना हैं.... आप वही किजिए जो आपका दिल करता हैं..।
कल ना लिख पाने का कुछ कारण ये भी था पर मैं ज्यादा देर अपने आप को लिखने से रोक नहीं पाई...।
ना रुकी हूँ... ना रुकुंगी...।
क्योंकि लिखना मेरा पेशा नहीं... मेरा सपना हैं... मेरी चाहत हैं..।
कल भी मिलुंगी.... वादा हैं.... ☺....
जय श्री राम....।