लखनऊ। भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनावों में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा था लेकिन बाद में राजनीति क मजबूरियों के चलते एक-एक करके कुछ मुस्लिमों को सरकार में जगह मिलनी शुरू हुई। मंत्री और कुछ सरकारी अहम पद भी मिले। जब कुछ मुस्लिमों को सत्ता सुख मिला तो उन्होंने भी भगवामय दिखने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अब तो यह स्थिति है कि भाजपा के ये मुस्लिम चेहरे पार्टी के दूसरे नेताओं से भी ज्यादा भगवा दिखने की होड़ करने लगे हैं।
भाजपा के इन भगवा समर्थकों में दो तीन चेहरे सबसे ज्यादा चर्चित हैं। इनमें से एक हैं बुक्कल नवाब, शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रजा और योगी सरकार के पहले मंत्री मोहसिन रजा।
हाल ही में भाजपा ने
बुक्कल नवाबको पार्टी का विधान परिषद प्रत्याशी बनाया। यह तो सभी जानते हैं कि बुक्कल नवाब का बहुत लंबा समय समाजवादी पार्टी में बीता है। सपा की ओर से वे विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य भी रहे।
लेकिन जब अखिलेश सरकार में ही अपार्टमेंट और जमीन पर कब्जे के मामले में कार्रवाई हुई तो उनका सपा से मोह भंग होने लगा और अंतत: वे सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। अब भाजपा ने उन्हें विधान परिषद भेजने का निर्णय लिया है।
भाजपा प्रत्याशी बनते ही बुक्कल नवाब, मंदिर में पूजा-पाठ करने पहुंच गए। उन्होंने हजरतगंज के दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में 20 किलो का घंटा चढ़ाया। इसके बाद बुधवार को बयान दिया कि हम हमेशा मंदिर जाएंगे। हमारे पूर्वजों ने ही अयोध्या और लखनऊ में मंदिर बनवाए हैं। हमारे पूर्वज ब्राह्मण थे।
लगे हाथों उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सपा सरकार ने में मेरे ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज किया जबकि मेरी प्रॉपर्टी गलत नहीं थी।
भाजपा की सरकार बनते ही शिया वक्फ बोर्ड के चैयरमैन वसीम रिजवी राम मंदिर के कट्टर पक्षधर बन गए। वे काफी समय से ऐसे बयान देते रहे हैं कि कट्टर हिंदूवादी नेता भी शर्मा जाएं। वे राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद से लगातार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पैरोकारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अयोध्या समेत सभी विवादित धर्म स्थलों पर नमाज बंद करवा देनी चाहिए। जहां-जहां मंदिर तोड़कर मस्जिदें बनी हैं, वहां फिर मंदिर बनाए जाएं। उन्होंने देश के नौ ऐसे धार्मिक स्थलों की लिस्ट भी जारी की। मदरसों पर भी वह लगातार बयान देते रहे हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था कि कई मदरसे कट्टरपंथ की शिक्षा दे रहे हैं। वहां आतंकवादी बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इनकी जांच करवानी चाहिए। उन्होंने मुस्लिम कट्टरपंथियों से धमकी मिलने की शिकायत भी की थी।
भाजपा के तीसरे बड़े मुस्लिम चेहरा योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा हैं। राज्य में जब भाजपा की सरकार बनी तो उसके पास एक भी मुस्लिम विधायक नहीं था। बाद में यह बात आई कि हज कमिटी का चेयरमैन कोई मुस्लिम ही होगा।
आम तौर पर परंपरा रही है कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ही हज कमिटी के अध्यक्ष होते हैं। योगी सरकार की दिक्कत यह थी कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री तो किसी को भी बना दें लेकिन हज कमिटी के लिए मुस्लिम चेहरा तलाशना ही पड़ता। ऐसे में भाजपा से जुड़े रहे मोहसिन रजा की किस्मत खुल गई।
उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री और हज कमिटी का चेयरमैन बनाया गया। किसी सदन का सदस्य न होने की वजह से उन्हें विधान परिषद भी भेजा जा रहा है। सत्ता में आते ही वे भगवामय दिखने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। हमेशा भगवा कुर्ता पहनते हैं और उन्होंने अपना सरकारी मकान भी भगवा करवा लिया। सदन में भी 'जय श्रीराम' के नारे लगा देते हैं।
वह कहते हैं कि उगते और अस्त होते हुए सूर्य का रंग भी भगवा होता है। वह हमें ऊर्जा देता है और मोहसिन रजा का पसंदीदा रंग अब भगवा ही है और वे हमेशा भगवा कुर्ता पायजामा पहनते हैं।