नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के एक आदेश पर रोक लगा दी जिसने घोड़े और खच्चर मालिकों की पुनर्वास योजना को अंतिम रूप नहीं देने के लिए जम्मू - कश्मीर सरकार पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। कटरा से
वैष्णो देवी मंदिरतक घोड़े और खच्चरों के आने - जाने पर रोक लगा दी गई है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार की अपील पर जब तक यह अदालत कोई निर्णय नहीं करती है तब तक दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि फिलहाल जम्मू - कश्मीर सरकार पर एनजीटी द्वारा 50 लाख रुपए के जुर्माने पर रोक लगाई जाती है और कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल मनिंदर सिंह और वकील शोएब आलम ने कहा कि खच्चरों और घोड़ों के मालिकों के पुनर्वास के लिए मसौदा नीति तैयार है और अधिकरण से कुछ और वक्त की मांग की गई है, जिसने काफी जुर्माना लगा दिया है। सिंह ने कहा कि राज्य कैबिनेट पुनर्वास पर मसौदा नीति को मंजूरी देगी जिसके बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। (भाषा)