पिछले कुछ दशकों में भारत में कई सामाजिक कैंपेन काफी लोकप्रिय हुए, वहीं कई अपनी छाप छोड़ने में नाकामयाब रहे लेकिन बुंदेलखंड में सागर नाम की जगह पर एक ऐसा कैंपेन सामने आया है, जो न केवल मजेदार है बल्कि बेहद असरदार भी साबित हो रहा है.
दरअसल क्षेत्र के 250 स्कूली बच्चे एक खास मिशन के तहत हर सुबह अपने घर से निकलते है. 6 से 16 साल की उम्र के इन बच्चों का मकसद होता है खुले में शौच करने वाले लोगों का लोटा या पानी का डिब्बा उठा कर भाग जाना. सुनने में ये जितना मजाकिया लगता है, असल में ये बेहद प्रभावशाली भी साबित हो रहा है क्योंकि लोग इन बच्चों से परेशान होकर खुले में शौच करना भी छोड़ रहे हैं.
शहर का प्रशासन 2017 के स्वच्छ भारत रैकिंग में स्थान पाने के लिए जी जान से जुटा हुआ है और शहर को खुले में शौच करने वाले लोगों से निजात दिलाने के लिए पूरी तैयारी के साथ काम कर रहा है. यही कारण है कि प्रशासन ने इस काम के लिए म्युनिसिपल कर्मचारियों के अलावा इस वानर सेना को भी लगाया है. इस सेना में ज्यादातर स्कूली बच्चे ही होते हैं जो सुबह-सुबह खुले में शौच करने वाले लोगों को स्तब्ध करने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं.
सागर के म्युनिसिपल कमिश्नर के मुताबिक, अक्सर खुले में शौच करने वाले कई लोग शर्म के मारे भाग जाते हैं. हालांकि इस कैंपेन के बाद से स्थिति में थोड़ा सुधार जरूर आया है लेकिन क्षेत्र में कई लोग अब भी ऐसा कर रहे हैं और ये कैंपेन उन्हें लगाातार चुनौतियां दे रहा है.
जहां क्षेत्र के म्युनिसिपल कर्मचारी खुले में शौच करने वाले लोगों को सुबह-सुबह 'सरप्राइज' देने लगे हैं, वहीं स्कूल के बच्चों की टीमें रविवार सुबह सीटियां बजाते हुए अपनी टोलियों में निकलती हैं, ताकि ऐसे लोगों को हैरान परेशान किया जा सके. कई लोग हालांकि अब भी टस से मस होने का नाम नहीं ले रहे हैं, यही कारण है कि प्रशासन ने उन पर नकेल कसने के लिए अपने प्रयासों में तेजी लानी शुरु कर दी है.
कुल मिलाकर यहां 48 वार्ड हैं, जिनमें से कुछ स्थान बेहद पेचीदा हैं. दरअसल इन जगहों पर लोग किसी भी हालत में सहयोग को तैयार नहीं है लेकिन फिर भी हमारी कोशिश है कि पूरे शहर को 31 दिसंबर तक खुले में शौच करने वाले लोगों से छुटकारा दिला दिया जाए.
दरअसल ये प्लान कामयाब होता भी दिख रहा है, क्योंकि डब्बा छीनने की स्थिति में ये लोग बजाए बहस करने के शर्मिंदगी के कारण दूर चले जाना ही बेहतर समझ रहे हैं.
म्युनिसिपल कमिश्नर ने कहा कि पानी के डब्बे और लोटा छीनने के अलावा हमने और भी कई तरीकों से लोगों को जागरुक करने की कोशिश की है. इसी सिलसिले में पिछले हफ्ते एक मैराथन का भी आयोजन किया गया था, जिसमें लगभग 2000 लोगों ने भाग लिया था. सागर के जिला प्रशासन ने अब ऐसे लोगों से डब्बा छीनने के लिए कार्पोरेटर्स तक तैनात कर लिए हैं ताकि इस कैंपेन को बड़े स्तर पर लागू कर जल्द से जल्द शहर को स्वच्छ भारत अभियान की 2017 की रैंकिग्स में नाम दर्ज कराया जा सके.