नई दिल्ली. संसद में बजट सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उपवास रखेंगे। उन्होंने सभी भाजपा सांसदों से भी अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में उपवास रखने की अपील की है। मोदी ने एक संदेश में कहा, "लोगों को जमा करिए और अपने क्षेत्रों में उपवास करिए। इसके जरिए लोकतंत्र के दुश्मनों को बेनकाब करिए।" पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मोदी कैबिनेट के मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता देशभर में विभिन्न हिस्सों में जाकर उपवास के जरिए विपक्ष का विरोध करेंगे।
मोदी ने की थी सांसदों से अपील
- मोदी ने बुधवार को भाजपा सांसदों से अपील की, "कल 12 तारीख है। पार्लियामेंट को जिस तरह से बंदी बना दिया गया। मुट्ठीभर लोगों ने 2014 में जो सत्ता नहीं हासिल कर सके, ये लोग देश को आगे बढ़ने देना नहीं चाहते हैं। ये लोग पराजय को पचा नहीं पा रहे हैं इसलिए इन लोगों ने एक दिन भी पार्लियामेंट के अंदर काम नहीं करने दिया। गरीब से गरीब लोगों के लिए वहां पर फैसले लिए जाते हैं, काम होते हैं। उनके (विपक्ष) राजनीति क अहंकार और सत्ता की भूख के कारण लोकतंत्र को कुचलने का गुनाह किया गया है। हम सबका दायित्व बनता है कि जिन लोगों ने लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया है, उनके इस कृत्य को देशभर में पहुंचाएं। मैं कल (गुरुवार) अनशन करूंगा। मेरे सारे काम चलते रहेंगे, लेकिन मैं अनशन करूंगा। मेरा आप सबसे भी आग्रह है कि बहुत बड़ी संख्या में लोगों को जमा करके विधानसभा, लोकसभा क्षेत्र में अनशन करें और देश की संसद को बंदी बनाने वाले लोगों को बेनकाब करें।"
सांसदों-नेताओं को सौंपा गया जिम्मा
- पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मोदी कैबिनेट के मंत्री और वरिष्ठ नेताओं को देशभर में भेजने का शेड्यूल तैयार किया गया है। ये लोग उपवास के जरिए विपक्ष के प्रति विरोध जाहिर करेंगे।
शहर | अनशन में कौन रहेगा मौजूद |
1. हुबली | अमित शाह |
2. दिल्ली | राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, सुरेश प्रभु, सुषमा स्वराज, सुरेश प्रभु, मेनका गांधी व मीनाक्षी लेख ी |
3. वाराणसी | जेपी नड्डा |
4. पटना | रविशंकर प्रसाद |
5. चेन्नई | निर्मला सीतारमण, विजय गोयल |
6. बेंगलुरू | प्रकाश जावड़ेकर |
7. विदिशा | एमजे अकबर |
8.तिरुअनंतपुरम | केजे अल्फोंस |
9. नोएडा | महेश शर्मा |
10. अजमेर | भूपेंद्र यादव |
11. बेंगलुरु | प्रकाश जावडेकर |
12. मोतिहारी | राधामोहन सिंह |
13. इंदौर | थावरचंद गहलोत |
14. नवादा | गिरिराज सिंह |
15. जींद | चौधरी वीरेंद्र सिंह |
8 साल में सबसे कम कामकाज हुआ
- इस बजट सेशन में लोकसभा में कुल 23% और राज्यसभा में 28% कामकाज हुआ। इससे पहले 2000 में लोकसभा में प्रोडक्टिविटी 21% और राज्यसभा की 27% रही थी।
- इस बार, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग, कावेरी विवाद और नीरव मोदी जैसे मुद्दों पर कांग्रेस, टीडीपी और एआईएडीएमके समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों ने हंगामा किया।
दोनों सदनों में 59 बैठकें हुईं, 78.5 घंटे कामकाज हुआ
कैसा रहा बजट सत्र?
लोकसभा
बैठकें:कुल 29 (पहले चरण में 7 और दूसरे चरण में 22)
कामकाज:34.5 घंटे
बर्बाद हुआ वक्त: कुल 127 घंटे 45 मिनट
राज्यसभा
बैठकें: कुल 30
कामकाज:44 घंटे
बर्बाद हुआ वक्त:कुल 121 घंटे
कुल सवाल:दोनों सदनों में कुल 580 सवाल पूछे गए। लोकसभा में 17 और राज्यसभा में 19 सवालों का जवाब दिया गया।
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