हनुमान चालीसा तो हम सभी के घरों में होता होगा। लेकिन, जब आपको बहुत दिनों तक हनुमान चालीसा पढ़ते रहने के बावजूद कोई खास लाभ नहीं मिल रहा हो तो समझ लें कि आप बहुत बड़ी लगती कर रहे हैं। नीचे जानिए, क्या है वो गलती।
इन नियमों का करें पालन
हनुमान चालीसा से हम सभी भली-भांति परिचित हैं और कई लोगों को तो यह पूरी तरह से याद भी होगा। अक्सर देखा जाता है कि चालीसा का पढ़ने के बावजूद कई लोगों को उनकी हर समस्या का हल मिल रहा है तो कुछ को हर समय समस्याएं घेरे रहती हैं। लेकिन अगर आपको बहुत दिनों तक हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद भी कुछ खास लाभ नहीं मिल रहा हो तो सावधान हो जाइये। अगर, आपके साथ भी ऐसा हो तो सावधान होने कि जरुरत है। तो आइए जानते हैं कि कब और कैसे करें हनुमान चालीसा का पाठ जिससे कि भगवान हनुमान जी की पूर्ण कृपा हम प्राप्त कर सकें।
इस तरह करें हनुमान चालीसा का पाठ
हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले पूरी तरह से साफ यानि धूले हुए कपड़े पहने और स्नान कर लें।
जिस आसन पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करना है वह आसन लाल रंग का ही होना चाहिए। अगर यह आसन ऊनी हो तो ज्यादा बेहतर है।
हनुमान चालीसा में हनुमान जी को चढ़ाये जाने वाला प्रसाद गुड और चने हो या बुंदिया चूरमा का होना चाहिए और इसमें तुलसी के पत्ते जरूर होने चाहिए।
हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले नहा धोकर स्वच्छ कपड़े पहने और हनुमान जी को भी स्नान करा दीजिए।
पाठ शनिवार या मंगलवार को शुरु करें और लगातार 40 दिनों तक करते रहे। इसके अलावा, हर शनिवार और मंगलवार को अगले 11 शनिवार और अगले 11 मंगलवार तक एक दिन में 21 बार पाठ करें।
पाठ करने से पहले हनुमान जी की प्रतिमा पर चमेली के तेल और सिंदूर से श्रृंगार करे और उन्हें जनेऊ पहनाएं।
सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करें। इसके बाद अपने कुलदेवी और कुलदेवता को याद करते हुए पारिवारिक देवता यानी पितृ देवता का स्मरण करें।
कहा जाता है कि अगर हनुमान जी को प्रसन्न करना है तो सबसे पहले उनके प्रभु राम को प्रसन्न करना अच्छा रहता है। इसलिए सबसे पहले राम का नाम लें।
इसके बाद हनुमान जी का स्मरण करके हनुमान चालीसा का पाठ करना प्रारंभ करें।
अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो आपको हनुमान चालीसा का मनोवांछित फल अवश्य मिलेगा।