जम्मू। आज भी जम्मू सीमा के बीसियों गांवों पर पाक सेना ने जबरदस्त बमबारी कर युद्ध के हालात बनाते हुए जो तबाही लाई उसके चलते 4 और नागरिकों की मौत हो गई। पिछले 8 दिनों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। गोलाबारी में 70 से गंभीर रूप से जख्मी हैं। चार सौ से ज्यादा पशु मारे जा चुके हैं। सैकड़ों घरों को क्षति पहुंची है और 50 हजार से अधिक ने पलायन किया है। यह सब सीजफायर के चालू रहते हो रहा है।
पाक सेना ने जम्मू क्षेत्र में अंतर राष्ट्रीय सीमा के साथ लगी अग्रिम चौकियों और गांवों को निशाना बनाकर मोर्टार के गोले दागे। आज सुबह से फायरिंग में अब तक 4 नागरिकों की मौत हो गई है। बुधवार सुबह कठुआ जिले से हीरानगर में सीमा पार से फायरिंग की गई।
इस दौरान इस गोलीबारी में 70 वर्षीय एक महिला समेत पांच लोग जख्मी हो गए। सैकड़ों ग्रामीणों ने अपना घर छोड़कर या तो अपने रिश्तेदारों के यहां या फिर सरकार द्वारा स्थापित राहत शिविरों में शरण ली है।
जम्मू कश्मीर के प्रभावित इलाकों में शिक्षण संस्थान अब भी बंद हैं। अधिकारियों ने कहा कि जम्मू जिले के अरनिया और आर एस पुरा सेक्टर में कौशल्या देवी (70), मदन लाल भगत (48), देसराज (52) और थुंड राम (65) घायल हो गए।
उन्होंने कहा कि कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा दागे गए मोर्टार की चपेट में आकर बोबियां गांव में अमन सिंह नाम का 22 वर्षीय युवक भी जख्मी हो गया। सीमा पर गोलीबारी काफी तेज है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 80 मिलीमीटर और 120 मिलीमीटर मोर्टार गिरने से करीब एक दर्जन गांव प्रभावित हुए हैं। अधिकारी ने कहा कि इसकी वजह से जोरा फार्म में ग्वालों की एक बस्ती में आज सुबह आग भी लग गई।
उन्होंने कहा कि इसमें करीब दो दर्जन झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा। अधिकारी ने कहा कि अग्निशमन और आपात सेवा के कर्मचारियों द्वारा आग पर काबू पाया गया जो भारी गोलीबारी के बावजूद बस्ती तक पहुंचने में कामयाब रहे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गोलीबारी और मोर्टार के गोले गिरने का सिलसिला पूरी रात जारी रहा और अखनूर से लेकर सांबा तक सीमा से लगे सभी सेक्टरों इसकी चपेट में रहे। बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में कुछ पाकिस्तानी रेंजरों के हताहत होने की खबर है और उनके कई बंकर भी नष्ट हुए हैं।
अधिकारी ने कहा कि यह पता चला है कि घायल रेंजरों में से एक को लाहौर के अस्पताल में शिफ्ट किया गया है, जबकि दो अन्य का स्थानीय अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। पाकिस्तान द्वारा पिछले दो दिनों के दौरान सीमा पर गोलीबारी तेज की गई है।
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एस डी सिंह जम्वाल ने कहा कि पुलिस दलों की तैनाती की गई है जो लोगों को प्रभावित इलाकों से सुरक्षित जगहों पर जाने में लोगों की मदद कर रहे हैं।
जम्मू के मंडलायुक्त हेमंत कुमार शर्मा ने कहा कि सीमा से लगने वाले इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं खास तौर पर आर एस पुरा और अरनिया सेक्टरों में। पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में सैन्य और असैन्य ठिकानों पर लगातार की जा रही गोलीबारी और बमबारी के कारण सीमावर्ती गावों से 50,000 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा है।
पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों ने प्रशासन द्वारा बनाए गए अस्थाई शिविरों में शरण ली है, जबकि अधिकांश अन्य अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं। हालांकि मवेशियों और घरों की रखवाली के लिए हर घर में एक पुरुष सदस्य को छोड़ दिया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी अकारण गोलीबारी की और गोलाबारी अभी भी जारी है।