हैदराबाद की मक्का मस्जिद बम ब्लास्ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत का फैसला आ गया है. कोर्ट ने सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया है. स्वामि असीमानंद समेत हिंदू दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत से जुड़े 9 लोग बरी हुए हैं. इस केस के दो आरोपी अब भी फरार हैं और एक आरोपी का सुनवाई के दौरान मर्डर हो गया था. कोर्ट ने कहा कि एनआईए इन आरोपियों के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर पाई. इस मामले में आरोपी बनाए गए कुछ मुस्लिम युवा पहले ही बाइज़्ज़त बरी हो चुके हैं.
तो फिलहाल के लिए इतना कहा जहा सकता है कि मक्का मस्जिद ब्लास्ट किसने किया, हम नहीं जानते.
क्या है मक्का मस्जिद ब्लास्ट?
18 मई, 2007 को हैदराबाद की ऐतिहासिक मस्जिद में 10 हज़ार से ज़्यादा लोग मौजूद थे. तभी घड़ी एक पल के लिए रुक गई. लोगों की आंखों के आगे दृश्य धुंधला हो गया और कान सुन्न. मस्जिद के वुज़ूखाने में एक ज़ोरदार धमाका हुआ था. कुछ समझ आता, उसके पहले 8 लोगों की मौत हो गई और 58 लोग ज़ख्मी हो गए. मस्जिद के अंदर मौजूद लोग एक भीड़ की शक्ल में जान बचाने भागे. इन्हें काबू करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी. इसमें पांच और लोगों की जान गई थी.
इस मामले में पहले शक मुस्लिम कट्टरपंथी आतंकवादियों पर किया गया था. लेकिन केस जब एनआईए को दिया गया, तब इस बात का खुलासा हुआ कि इस धमाके के पीछे दक्षिणपंथी हिंदू सगठनों का हाथ हो सकता है. एक संगठन अभिनव भारत का नाम सामने आया था. सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित इसी संस्था से जुड़े होने के शक में गिरफ्तार हुए थे.
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