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2(6)अतिशयोक्ति अलंकार HYPERBOLE

19 जून 2023

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अतिशयोक्ति अलंकार:-Hyperbole

यह सादृश्य मूलक अर्थालंकार है।

परिभाषा:-अतिशयोक्ति Hyperbole में एक बात को बहुत बढ़ा या घटाकर कहा जाता है जो वास्तव में नहीं होती है।

       इस अलंकार में उपमेय-उपमान में समानता दिखाते-दिखाते ऐसी स्थिति बना दी जाती है कि उपमेय  से ध्यान हट जाता है उपमान बच जाता है.दूसरे शब्दों में जहाँ किसी का वर्णन इतना बढ़ा-चढ़ाकर किया जाय कि सीमा या मर्यादा का उल्लंघन हो जाय, वहाँ 'अतिशयोक्ति अलंकार' होता है।

जैसे- 

बाँधा था विधु को किसने, इन काली जंजीरों से। 

मणिवाले फणियों का मुख, क्यों भरा हुआ हीरों से। 

यहाँ मोतियों से भरी हुई प्रिया की माँग का कवि ने वर्णन किया है।
विधु या चन्द्र-से मुख का, काली जंजीरों से केश और मणिवाले फणियों से मोती भरी माँग का बोध होता है।
(a) हनुमान की पूँछ में, लगन न पायी आग। 

    लंका सिगरी जल गई, गए निसाचर भाग।
(b) देख लो साकेत नगरी है यही।

   स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही।

अतिशयोक्ति अलंकार के भेद

(i) रूपकातिशयोक्ति, (ii) सम्बन्धातिशयोक्ति,

(iii)असम्बन्धातिशयोक्ति, (iv) भेदकातिशयोक्ति 

(v)चपलातिशयोक्ति(vi)अक्रमातिशयोक्ति

(vii)अत्यन्तातिशयोक्ति 

1.रूपकातिशयोक्ति

भेद में अभेद दिखलाने वाली।

 जहाँ पर उपमेय को अलग न कहकर केवल उपमान का ही वर्णन किया जाए,  अर्थात उपमेय को उपमान में पूर्ण रुप से विलीन कर दिया जाए वहां पर रूपकातिशयोक्ति अलंकार होता है।

 जैसे

 ' कनकलता पर चन्द्रमा, धरे धनुष द्वै बाण |'

 यहाँ पर कवि नायिका का वर्णन कर रहा है ! उसने उसके सुंदर अंगों-- शरीर, मुख, भोंह, कटाक्ष आदि का वर्णन करके उपमानों कनकलता, चंद्रमा, धनुष,  बाण आदि का वर्णन किया है अतएव यहां पर इन उपमानों  के द्वारा उपमेय का ज्ञान होने के कारण रूपकातिशयोक्ति है !

राम सीय सिर सिन्दूर देही।

सोभा कहि न जात बिधि केही।।

अरुन पराग जलजु भरि नीके।

ससिहि भूष अहि लोभ अमी के।।

अरुन पराग=सिन्दूर, जलजु=राम का हाथ, ससि= सीता का मुख अमी=सीता का सौन्दर्य 

यहाँ  इन उपमानों के द्वारा उपमेयों का ज्ञान हो रहा है अतः रूपकातिश्योक्ति अलंकार है।

2.संबंधातिशयोक्ति
असम्बन्ध में सम्बंध

 जहाँ पर और असंबंध में संबंध की कल्पना की जाती है वहाँ पर संबंधातिशयोक्ति होती है जैसे ------

 फबि फहरै अति उच्च निसाना |

जिन महँ अटकट विवुध विमान ||

 वास्तव में विमानों द्वारा निसानों में उपर्युक्त संबंध संभव नहीं है, परंतु यहां पर निसानों की ऊंचाई दिखाने के लिए यह संबंध दिखाया गया है !

जो संपदा नीच गृह सोहा।

सो बिलोकि सुरनायक मोहा।।

3.असंबंधातिशयोक्ति
सम्बन्ध रहने पर भी  जहाँ असम्बन्ध कथन किया जाय।

 जहाँ पर संबंध में असंबंध की कल्पना की जाए वहां पर

असंबंधातिशयोक्ति अलंकार होता है जैसे -----

 महि पत्रि   कर सिंधु   मसि, तरु   लेखनी   बनाई |

  तुलसी गनपति सों तदपि, महिमा लिखी न जाय ||

उपर्युक्त दोहे में संतों की महिमा का वर्णन किया गया है !यद्यपि अनंत लेखन शक्ति वाले गणेश जी इसे लिख सकते हैं फिर भी यहाँ पर उन्हें इसके अयोग्य बताया गया है !

बिधि हरि हर कबि कोबिद बानी।

कहत साधु महिमा सकुचानी।।

4.भेदकातिशयोक्ति

अभेद रहने पर भी भेद कथन

 जहाँ पर उपमेय में उपमान से कोई भेद ना होते हुए भी कुछ भेद दिखाया जाए ! यह भेद और, अन्य न्यारा, अनोखा आदि शब्दों द्वारा दिखाया जाता है ! इस प्रकार रूपकातिशयोक्ति में भेद में अर्थ होता है, परंतु भेदकातिशयोक्ति में अभेद में भेद  दिखाया जाता है जैसे ------

 औरै हँसनि बिलोकि वह,  औरै बचन उदार |

 तुलसी  आमबधून  के , देखे  रह न   संभार ||

यहाँ पर औरै शब्द के द्वारा साधारण हँसने तथा देखने में भेद दिखाया गया है !

 बिहारी का निम्न दोहा इसका सुंदर उदाहरण है !-----

 अनियारे दीरघ दृगनि , किती न तरुनि समान |

 वह चितवनि औरै कछु, जिहि बस होत सुजान ||

 यहाँ पर औरै पद के द्वारा उपमान को उपमेय से भिन्न बताया गया है । उस दृष्टि को लौकिक दृष्टि से अलग बताया गया है !

सुनहु सखा कह कृपा निधाना।

जेहि जय होइ सो स्यंदन आना।।

5.चपलातिशयोक्ति

कारण के ज्ञान मात्र से कार्य का होना

 जहाँ कारण के ज्ञान मात्र से कार्य का होना कहा गया है वहाँ पर चपलातिशयोक्ति अलंकार होता है जैसे -------

  उन हर की  हँसि  कै इतै, उन   सौंपी  मुस्काय |

  नैन मिलत मन मिलि गयो, दोऊ मिलवत गाय ||

 यहाँ पर राधा कृष्ण के मन के मिलने के कारण का नेत्र,  ज्ञान मात्र ही कराते हैं अतएव यहां पर चपलातिशयोक्ति अलंकार है ।

तब सिव तीसर नयन उघारा।

चितवत काम भयउ जरि छारा।।

6. अक्रमातिश्योक्ति

कारण-कार्य जहाँ एक साथ वर्णित होते हैं।

सामान्यतः कारण पहले और कुछ समय बाद कार्य संपन्न होता है।लेकिन जहाँ कारण के साथ ही कार्य सम्पन्न हो जाता है वहाँ अक्रमातिश्योक्ति अलंकार होता है।

1-बिनु फर बान राम तेहि मारा।

  सत जोजन गा सागर पारा।


2-संधानेउ प्रभु बिसिख कराला।

  उठी उदधि उर अंतर ज्वाला।।

 7. अत्यंतातिशयोक्ति

जहाँ कार्य पहले हो कारण बाद में

 जहाँ कारण से पहली कार्य होने का कथन किया जाए वहाँ पर अत्यंतातिशयोक्ति अलंकार होता है ।जैसे ----

हनुमान की पूँछ में, लगन न पायी आग। 

 लंका सिगरी जल गई, गए निसाचर भाग।

   यहाँ पर लंका का जलना तथा राक्षसों का भागना कार्य है तथा हनुमान की पूंछ में लगी हुई आग कारण यहाँ  पर कारण की उत्पत्ति से पहले ही कार्य का होना दिखा दिया गया है अतएव अत्यंतातिशयोक्ति अलंकार है ।

राजन राउर नामु जस सब अभिमत दातार।

फल अनुगामी महिप मनि मन अभिलाषु तुम्हार।।

                       ।।।    धन्यवाद     ।।।

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रचनाएँ
साहित्याभूषण
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"साहित्याभूषण" समस्त अलंकार जन-जन के लिए सरल-सहज सुलभ कराने का प्रयास मात्र है।किसी को भी कुछ मिल जाय तो यह संपादक का सौभाग्य है।आशा है कि सभी को "साहित्याभूषण" सर,अलंकार-सरोज समर्पित कर अलंकार-सरोवर में डुबकी लगाने की प्रेरणा अवश्य देता रहेगा। किसी भी सुधी जन को किसी भी प्रकार की त्रुटि मिल जाय तो सर्व प्रथम मैं उसके लिए हमेशा क्षमा प्रार्थी रहूँगा और उनके द्वारा की गयी हर अनुशंसा को शिरोधार्य करूँगा।
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।।अलंकार परिचय।।

18 जून 2023
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"अलंकार"अलंकरोति इति अलंकारः अर्थात् जो विभूषित करता हो वह अलंकार है। अलं क्रियते अनेन इति अलंकारः अर्थात्  जिसके द्वारा किसी की शोभा होती है वह अलंकार है। आचार्य जयदेव ने ‘‘चन्द्रालोक’’ में अलंकार

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1 √(1) ।। अनुप्रास अलंकार ।।

18 जून 2023
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 ।।अनुप्रास अलंकार।।                   अनुप्रास अलंकार एक प्रमुख शब्दालंकार है।अनुप्रास शब्द ‘अनु’ तथा ‘प्रास’ शब्दों के योग से बना है। ‘अनु’ का अर्थ है :- बार-बार तथा ‘प्रास’ का अर्थ है- वर्ण। अर्था

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1 ( 2 ) ।।√यमक अलंकार।।

18 जून 2023
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               ।।यमक अलंकार।। यह प्रमुख शब्दालंकार है। परिभाषा:-  वही शब्द पुनि पुनि परे,अर्थ परे जब होय। यमक अलंकार ही है,जान जाय सब कोय।। अर्थात      जब काव्य में एक ही शब्द बार-बार भिन्न-भिन्

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1(3)√पुनरुक्ति, पुनरुक्तिप्रकाश,पुनरुक्तिवदाभास और विप्सा अलंकार

18 जून 2023
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पुनरुक्ति, पुनरुक्तिप्रकाश पुनरुक्तिवदाभासऔर विप्सा अलंकार(आवृत्ति मूलक अलंकार) 1-पुनरुक्तिअलंकार और पुनरुक्तिप्रकाशअलंकार                  ।।1-पुनरुक्तिअलंकार।।   पुनरुक्तिअलंकार और पुनरुक्तिप्रक

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1(4)√वक्रोक्ति अलंकार

18 जून 2023
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  वक्रोक्ति अलंकार      वक्रोक्ति शब्द वक्र+उक्ति के योग से बना है, जिसका अर्थ है टेढ़ा कथन अर्थात् जब वक्ता के  कथन का श्रोता अन्य अर्थ ग्रहण कर,ग्रहण किये गये अर्थ के अनुसार व्यहार या कथन करे तब वहा

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1(5) √ ।।श्लेष अलंकार।।

18 जून 2023
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श्लेष अलंकार (प्रमुख शब्दालंकार) परिभाषा:- इक शब्द में जब रहते,चिपके अनेक अर्थ। तब उसमें श्लेष होता,  जानो बनो समर्थ।। श्लेष का अर्थ चिपका हुआ होता है अर्थात जब काव्य में एक ही शब्द के कई अर्थ होत

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1(6)-वीप्सा अलंकार

18 जून 2023
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        ।।वीप्सा अलंकार।। "आदर घृणा विस्मय शोक हर्ष युत शब्दों को दोहराये। अथवा विस्मयादिबोधक चिह्नों से भाव जताये। शब्द वा शब्द समूहों से विरक्ति घृणादि दर्शाये। तह वीप्सा अलंकार बन जन जन को लुभा

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2 (1) √उपमा अलंकार simile

18 जून 2023
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   उपमा अलंकार SIMILE      उपमा दो भिन्न-भिन्न वस्तु या प्राणी को बराबर-बराबर तौल( उप+मा)देने का प्रयत्न करती है। उपमा दो शब्दों से मिलकर बना है:-उप+मा यहाँ उप का अर्थ है समीप,पास या निकट और मा का

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2(2) √रूपक अलंकार:- Metaphor

18 जून 2023
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           रूपक अलंकार:- Metaphor  यह सादृश्य मूलक अभेद प्रधान आरोपधर्मी ताद_रुप्य अलंकार है। उपमेय और उपमान के भेद को मिटा देने वाली उपमा रूपक हो जाती है।  परिभाषा:-            जहाँ उपमेय पर उपमान

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2(3)√।।उत्प्रेक्षा अलंकार-Poetic Fancy।।

19 जून 2023
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।।उत्प्रेक्षा अलंकार-PoeticFancy।। "सादृश्य मूलक अर्थालंकार" है। उत्प्रेक्षा का शाब्दिक अर्थ- संभावना या कल्पना है।परिभाषा:-जहाँ  उपमेय में उपमान की  संभावना या कल्पना की जाए वहाँ उत्प्रेक्षा अलंक

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2(4)√दृष्टान्तअलंकार तथा दृष्टांत,उदाहरण और अर्थान्तरन्यास में अन्तर

19 जून 2023
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दृष्टान्त अलंकार तथा दृष्टांत ,उदाहरण और अर्थान्तरन्यास में अन्तर दृष्टान्त अलंकार examplification सादृश्य मूलक अर्थालंकार परिभाषा:- ।।चेद्विम्बप्रतिविम्बत्वं दृष्टांतस्तदलंकृतिः।।आचार्य कुवलयान

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2(5) सन्देह अलंकार-Doubt

19 जून 2023
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      सन्देह अलंकार  -Doubt उपमेय में जब उपमान का संशय हो तब उसे संदेह अलंकार कहते हैं। प्रकृत(प्रस्तुत) में अप्रकृत(अप्रस्तुत) का संशय अर्थात संदेह होता है। संशय ही रहता है स्पष्ट नहीं होता है। ध्य

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2(6)अतिशयोक्ति अलंकार HYPERBOLE

19 जून 2023
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         अतिशयोक्ति अलंकार:-Hyperbole यह सादृश्य मूलक अर्थालंकार है। परिभाषा:-अतिशयोक्ति Hyperbole में एक बात को बहुत बढ़ा या घटाकर कहा जाता है जो वास्तव में नहीं होती है।        इस अलंकार में उ

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2(7) उपमेयोपमा अलंकार

19 जून 2023
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       उपमेयोपमा अलंकार -सादृश्य-मूलक            उपमेय और उपमान को परस्पर  एक दूसरे का उपमेय और उपमान बना देना ही  'उपमेयोपमा' कहा जाता  है।इस वर्णन से यह भी ज्ञात होता है कि इनके समान तीसरा है ही न

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2(8) प्रतीप अलंकार

19 जून 2023
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              प्रतीप अलंकार-अर्थालंकार है     प्रतीप का अर्थ है - विपरीत अथवा उल्टा। जहाँ उपमेय का कथन उपमान के रूप में तथा उपमान का कथन उपमेय के रूप में कहा जाता है वहाँ प्रतीप अलंकार होता है।अर्था

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2(9) अनन्वय अलंकार Self Comparison

19 जून 2023
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  अनन्वय अलंकार- Self Comparison    सादृश्य-मूलक  अनन्वय अलंकार :- एक ही वस्तु को उपमेय और उपमान- दोनों बना देना 'अनन्वय' अलंकार कहलाता है। वामन के अनुसार भी देखें:- एकस्योपमेयोपमानत्वेऽनन्वय  अर्

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2(10)भ्रांतिमान अलंकार - Error

19 जून 2023
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        भ्रांतिमान अलंकार- Error      सादृश्य के कारण प्रस्तुत वस्तु में अप्रस्तुत वस्तु के निश्चयात्मक ज्ञान को भ्रांतिमान् कहते हैं- प्रस्तुत अर्थात उपमेय ,प्रकृत present जो हमारे सामने है उस पर अ

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2 (11)दीपक अलंकार - Illuminater

19 जून 2023
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   ।। दीपक  अलंकार - Illuminater।।  जब किसी पद में उपमेय (वर्ण्य, प्रकृत,प्रस्तुत पदार्थ)तथा उपमान (अवर्ण्य, अप्रकृत,अप्रस्तुत पदार्थ) दोनों के लिए एक ही साधारण धर्म होता है तो वहाँ दीपक अलंकार होता

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2(12)अपह्नुति अलंकार - Concealment

19 जून 2023
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         अपह्नुति अलंकार  - Concealment            प्रकृत, प्रस्तुत या उपमेय का प्रतिषेध/निषेध कर अन्य अप्रकृत,अप्रस्तुत या उपमान का आरोप या स्थापना किया जाए तो 'अपह्नुति अलंकार' होता है।        अपह

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2(13) व्यतिरेक अलंकार

19 जून 2023
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                ।।व्यतिरेक अलंकार।।      काव्य में जहाँ उपमेय को उपमान से श्रेष्ठ बताया जाता है, वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।दूसरे शब्दों में जहाँ उपमान की अपेक्षा अधिक गुण होने के कारण उपमेय का

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2 (14) विभावना अलंकार-Peculiar Causation

19 जून 2023
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   ।।विभावना  अलंकार-Peculiar Causation।।          (विलक्षण हेतु अर्थात करणीय सम्बन्ध) वि=विशिष्ट, भावना=भावना, कल्पना।        सामान्यतः जबतक कोई कारण नहीं हो तब तक कार्य नहीं होता लेकिन बिना कारण

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2 (15) विशेषोक्ति अलंकार-Peculiar Allegation

19 जून 2023
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विशेषोक्ति अलंकार-Peculiar Allegation                                   (विलक्षण आरोप) परिभाषा:- सति हेतौफलाभाव:विशेषोक्तिर्निगद्यते-  आचार्य विश्वनाथ : साहित्य-दर्पण। अर्थात जहाँ कारण के रहने

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2 (16)अर्थान्तरन्यास अलंकारCorroboration

19 जून 2023
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अर्थान्तरन्यास अलंकार    (Corroboration) जहाँ सामान्य कथन का विशेष से या विशेष कथन का सामान्य से समर्थन किया जाए, वहाँ अर्थान्तरन्यास अलंकार होता है।सामान्य - अधिकव्यापी, जो बहुतों पर लागू हो। वि

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2 (17) उल्लेख अलंकार

19 जून 2023
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                उल्लेख अलंकार  जहाँ एक वस्तु का वर्णन अनेक प्रकार से किया जाये, वहाँ 'उल्लेख अलंकार' होता है। जैसे- तू रूप है किरण में, सौन्दर्य है सुमन में, तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में

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2 (18)विरोधाभासअलंकार-Contradiction

19 जून 2023
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     ।।विरोधाभास अलंकार -Contradiction।।       विरोधाभास’ शब्द ’विरोध+आभास’ के योग से बना है।इस प्रकार  जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास हो वहाँ 'विरोधाभास अलंकार' होता है।   विरोधाभास अलंका

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2(19)।। असंगति अलंकार ।।

19 जून 2023
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           ।। असंगति अलंकार  ।। परिभाषा :-  जहाँ कारण कहीं और कार्य कहीं होने का वर्णन किया जाय वहाँ 'असंगति' अलंकार होता है।  कार्यकारणयोर्भित्रदेशतायामसंगति  साहित्यदर्पण आचार्य विश्वनाथ 'असंगत

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2 (20)।।मानवीकरण अलंकार Personification।।

19 जून 2023
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।।मानवीकरण अलंकार  Personification।। यह मूलतः English का अलङ्कार है।अतः हम English,हिन्दी दोनों में इसे समझते हैं। अंग्रेजी परिभाषा:-    In personification inanimate objects and abstract ideas

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2 (21)।।अन्योक्ति अलंकार।।

19 जून 2023
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।।अन्योक्ति अलंकार।।                 ।।अन्योक्ति अलंकार।।  परिभाषा:- जहाँ उपमान(अप्रस्तुत,अप्रत्यक्ष) के वर्णन द्वारा उपमेय (प्रस्तुत,प्रत्यक्ष) की प्रतीति कराई जाती है, वहाँ अन्योक्ति अलंकार

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2(22) काव्यलिंग अलंकार

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काव्यलिंग अलंकार:- किसी युक्ति से समर्थित की गयी बात को 'काव्यलिंग अलंकार' कहते है। यहाँ किसी बात के समर्थन में कोई-न कोई युक्ति या कारण अवश्य दिया जाता है।यह एक तर्क न्यायमूलक अलंकार है।बिना ऐसा किय

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2(23) स्वभावोक्ति अलंकार

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             ।।स्वभावोक्ति अलंकार।। जब काव्य में किसी वस्तु,व्यक्ति या स्थिति का स्वाभाविक वर्णन हो तब वहाँ स्वभावोक्ति अलंकार होता है।  इस अर्थालंकार की  सादगी में ही चमत्कार रहता है।  उदाहरण :

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2 (24)परिणाम अलंकार

19 जून 2023
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             ।।परिणाम अलंकार।।       जहाँ असमर्थ उपमान उपमेय से अभिन्न रहकर किसी कार्य के साधन में समर्थ होता है, वहाँ परिणाम अलंकार होता है। जब कवि उपमेय के लिए उपमान लाये औऱ वर्णन करते समय केवल

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2 (25) स्मरण अलंकार

19 जून 2023
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              ।।स्मरण अलंकार।।      जहाँ किसी सदृश वस्तु के स्मरण से अन्य वस्तु का स्मरण हो जाय वहाँ स्मरण अलंकार होता है। इसमें दो वस्तुओं  अथवा  स्थितियों का सादृश्य या वैसादृश्य  वर्णन होता है।प्र

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2 (26) तुल्योगिता अलंकार-Equal Pairing

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    तुल्योगिता अलंकार-Equal Pairing               जिन अलंकारों में क्रिया की समानता का चमत्कारपूर्ण वर्णन होता है, वे क्रिया साम्यमूलक अलंकार कहे जाते हैं।इन्हें पदार्थगत या गम्यौपम्याश्रित अलंकार भी

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2 (27) प्रतिवस्तूपमा अलंकार(Typical Comparison)

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  प्रतिवस्तूपमा अलंकार-TypicalComparison  प्रतिवस्तूपमाअलंकार:-जहाँ उपमेय और उपमान के पृथक-पृथक वाक्यों में एक ही समानधर्म दो भिन्न-भिन्न शब्दों द्वारा कहा जाय, वहाँ प्रतिवस्तूपमा अलंकार होता है। जै

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2 (28)सहोक्ति अलंकार

19 जून 2023
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          ।।सहोक्ति अलंकार।।  जहाँ कई बातों का एक साथ होना सरल रीति से कहा जाता है वहाँ सहोक्ति अलंकार होता है ।  सह+उक्ति=सहोक्ति अर्थात साथ-साथ उक्ति। इसमें  प्रायः सह, समेत, साथ, संग आदि शब्दों क

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2 (29) परिकर अलंकार

19 जून 2023
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परिकर अलंकार              जब विशेष्य के साथ किसी विशेषण का साभिप्राय प्रयोग हो, तब परिकर अलंकार होता है। उदाहरण:- 1.सोच हिमालय के अधिवासी, यह लज्जा की बात हाय। अपने ताप तपे तापों से, तू न तन

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2(30) परिकरांकुर अलंकार

19 जून 2023
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      ।।परिकरांकुर अलंकार।। जहाँ विशेष्य का प्रयोग अभिप्राय-सहित हो, वहाँ परिकरांकुर अलंकार होता है। जहाँ परिकर में विशेषण का प्रयोग साभिप्राय होता है वहाँ परिकरांकुर में विशेष्य  का प्रयोग साभिप्रा

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2(31)।।पर्यायोक्ति अलंकार।।

20 जून 2023
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            ।।   पर्यायोक्ति अलंकार   ।। अभीष्ट अर्थ का स्पष्ट कथन न कर अभ्यंतर से कथन करना पर्यायोक्ति होता है। इस अलंकार में कवि अपना वक्तव्य घूमा-फिराकर प्रगट करता है। पर्यायोक्ति के दो भेद हैं .

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2 (32) विनोक्ति अलंकार

20 जून 2023
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।। विनोक्ति अलंकार।।        जहाँ पर उपमेय या प्रस्तुत को किसी वस्तु के बिना हीन  अर्थात अशोभन या रम्य अर्थात शोभन   कहा जाता है वहाँ विनोक्ति अलंकार होता है. शोभनीय या अशोभनीय बताने के लिए बिना,विन

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2 (33)अप्रस्तुतप्रशंसा अलंकार --Indirect description (a figure of speech)

20 जून 2023
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                 अप्रस्तुत प्रशंसा अलंकार  Indirect description a figure of speech अप्रस्तुतप्रशंसा अलंकार :-    जहाँ अप्रस्तुत के वर्णन में प्रस्तुत की प्रतीति हो, वहाँ 'अप्रस्तुतप्रशंसा' अलंकार ह

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2 (34)आक्षेप अलंकार

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               ।।आक्षेप अलंकार।।             आक्षेप करने का सामान्य अर्थ है दोषारोपण करना। परन्तु साहित्य में आक्षेप एक अलंकार है जिसका अर्थ है निषेध। इस अर्थालंकार में लेखक या कवि अपने इष्टार्थ को

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2 (35)ब्याजस्तुति अलंकार एवं ब्याजनिंन्दा अलंकार

20 जून 2023
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ब्याजस्तुति अलंकार एवं ब्याजनिन्दा अलंकार 1.ब्याजस्तुति अलंकार :- काव्य में जब निंदा के बहाने प्रशंसा किया जाता है , तो वहाँ  ब्याजस्तुति  अलंकार होता है । उदाहरण :-   निर्गुन निलज कुबेष कपाली। 

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2 (36)निदर्शना अलंकार:- Illustration

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  ।।निदर्शना अलंकार- Illustration।।   जहाँ वस्तुओं का पारस्परिक संबंध संभव अथवा असंभव होकर उनमें बिंब प्रतिबिंब भाव सूचित करता है और सदृशता का आधार करता है, वहाँ निदर्शना अलंकार होता है।  आचार्य वि

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2(37) सम अलंकार

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  ।। सम अलंकार।। परिभाषा:-  दो वस्तुओं में योग्य रूप से सम्बन्ध वर्णन को  सम  अलंकार  कहते हैं। उदाहरण:- 1.मो सम दीन न दीन हित तुम्ह समान रघुबीर।  अस बिचारि रघुबंस मनि हरहु बिषम भव भीर॥ 2.भलो भल

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2(38) विचित्र अलंकार

20 जून 2023
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          ।। विचित्र अलंकार।। परिभाषा:-  अपने कारण से विपरीत फल की प्राप्ति के लिए प्रयत्न विचित्र अलंकार है। उदाहरण:- 1.जान आदिकबि नाम प्रतापू।    भयउ सुद्ध करि उलटा जापू॥ 2. मुनि हित कारन कृपा

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2 (39)अधिक अलंकार

20 जून 2023
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                         ।।अधिक अलंकार।। परिभाषा:-  आधार और आधेय में किसी एक का आधिक्य वर्णन अधिक अलंकार कहलाता है। उदाहरण:- 1.ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै।   मम उर सो बासी

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2(40) अन्योन्य अलंकार

20 जून 2023
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        ।।       अन्योन्य अलंकार       ।। परिभाषा:-  दो पदार्थ यदि एक ही क्रिया परस्पर करें, तो अन्योन्य अलंकार होता है। उदाहरण:- 1.राम तुम्हहि प्रिय तुम प्रिय रामही।    यह निरजोसु दास बिधि बामही

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2(41) विशेष अलंकार

20 जून 2023
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      ।।  विशेष अलंकार ।। परिभाषा:- आधेय का आधारहीन होना,एक का अनेक गोचर होना तथा असम्भाभ्य वतस्यन्तर का निष्पादन होना विशेष अलंकार होता है। उदाहरण:- 1.नख आयुध गिरि पादपधारी।    चले गगन महि इच्छा

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2 (42) अल्प अलंकार

20 जून 2023
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 ।।   अल्प अलंकार  ।। परिभाषा:-   बृहद आधार को अल्प बताया जाना ही अल्प अलंकार  होता है। उदाहरण:- गूलरि फल समान तव लंका।  बसहु मध्य तुम्ह जंतु असंका॥ .. तेरी लंका गूलर के फल के समान है। तुम सब की

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2 (43) व्याघात अलंकार

20 जून 2023
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।।  व्याघात अलंकार  ।। परिभाषा:- अन्य किसी कारण के विरोधी नहीं होने पर भी जहाँ कारण कार्य का उत्पादन नहीं करता वहाँ व्याघात अलंकार होता है। उदाहरण:- नाम प्रभाव जान शिव नीको।  कालकूट फल दीन्ह अमी

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2 (44)विषम अलंकार

20 जून 2023
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              ।। विषम अलंकार।। परिभाषा:- जहाँ कार्य और कारण से सम्बद्ध गुणों अथवा क्रियाओं का परस्पर विरोध उत्पन्न हो वहाँ  विषम अलंकार होता है। उदाहरण:- 1.कस कीन्ह बरू बौराह  बिधि जेहिं तुम्हहि स

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2 (45)अनुमान अलंकार

20 जून 2023
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                    ।।अनुमान अलंकार।। परिभाषा:- प्रत्यक्ष के आधार पर अप्रत्यक्ष की कल्पना या अनुमान करना ही अनुमान अलंकार होता  है,यह एक तर्क न्यायमूलक अलंकार है। उदाहरण:- 1.चलत मार अस हृदय बिचारा

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2 (46) ।।पर्याय अलंकार।।

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                 ।।पर्याय अलंकार।।   परिभाषा:-        जहाँ एक वस्तु की अनेक वस्तुओं में अथवा अनेक वस्तुओं की एक वस्तु में क्रम से (काल-भेद से) स्थिति का वर्णन हो वहां पर्याय अलंकार होता है।यह एक वाक

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2(47) ।।परिसंख्या अलंकार।।Special mention।।

20 जून 2023
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 ।।परिसंख्या अलंकार।। ।। Special mention।।     परिसंख्या अलंकार-Special mention:-       एक वस्तु की अनेकत्र संभावना होने पर भी, उसका अन्यत्र निषेध कर, एक स्थान में नियमन 'परिसंख्या' अलंकार कहलाता है

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2(48)यथासंख्य अलंकार

20 जून 2023
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             ।।यथासंख्यअलंकार।। परिभाषा:-   भिन्न धर्म वाले अनेक निर्दिष्ट अर्थों का अनुनिर्देश यथासंख्य अलंकार कहलाता है।    यथासंख्य का अर्थ हैं संख्या(क्रम) के अनुसार। इसमें एक क्रम से कुछ पदार्

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2(49) समासोक्तिअलंकार-SpeechofBrevity

20 जून 2023
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   ।।समासोक्ति अलंकार -Speech of Brevity।। परिभाषा:-         जहाँ प्रस्तुत के वर्णन में अप्रस्तुत की प्रतीति हो वहाँ समासोक्ति अलंकार होता है।         दूसरे शब्दों में जब प्रस्तुत वृत्तान्त के वर्ण

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2( 50)उदाहरण अलंकार

20 जून 2023
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  ।।उदाहरण अलंकार ।।परिभाषा:-            जहाँ पर एक वाक्य कहकर उसके उदाहरण के रूप में दूसरा वाक्य कहा जाए वहाँ उदाहरण अलंकार होता है। विशेष ध्यान रखने योग्य बात है कि उदाहरण अलंकार में उपमेय वाक्य द

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3-उभयालंकार(संकर-संसृष्टि)

20 जून 2023
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                ।।उभयालंकार।। परिभाषा:-     जब काव्य में चमत्कार शब्द तथा अर्थ दोनों में स्थित हो तब उभयालंकार होता है।               दूसरे शब्दों में जब एक ही जगह शब्दालंकार और अर्थालंकार दोनों हो

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4।।English में अलंकार(Figure of Speech)।।

20 जून 2023
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।।English में अलंकार(Figure of Speech)।। English  में अलंकार Figure of Speech मुख्य  रूप से सात प्रकार के होते हैं: 1-Simile (उपमा) 2-Metaphhor(रूपक/गुप्त उपमा) 3-Hyperbole(अतिश्योक्ति) 4-Oxymo

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5 अलंकार सम्बन्धित प्रश्नोत्तर

20 जून 2023
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।।अलंकार सम्बन्धित प्रश्नोत्तर।। आइये अब हम  सभी क्लासेज एवं सभी कंपेटिशन्स के लिए मोस्ट इम्पॉर्टेन्ट अलंकार सम्बन्धित प्रश्नोत्तर को विस्तार से जानें और लाभ उठायें। प्रश्न-1- कनक कनक ते सौगुनी, माद

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