आख़लाक़ नदारत हो ऐसे इल्म से जहालत भली।.
तकब्बुर लेआए ऐसी दौलत से मुफ़लिसी भली।
तन्दुरस्ती सलामत रखे जो ऐसी फकीरी भली।.
बुराई करे सत्यानाश हम भले तो दुनिया भली।
(आशफाक खोपेकर)
मन मैला तो नजर मैली, होंगे ख्यालात मैले।.
निय्यत मे खलल तो होंगे आख़लाक़ मैले।.
लाख संभालो रोक न पावोंगे मन को होगए गर करम मैले।.
(आशफाक खोपेकर)