अपनो परायो से भरा कारवा जिंदगी का ऐतबार दोस्तो का किया करो।.
हमदर्द भी दगा देते है इस कलयुग मे होश अपने खोकर न जीया करो।.
समझ समझ का फेर है एक दुसरे को समझकर जिंदगी जीया करो।.
सुबह का भुला शाम को घर लौटे तो प्यार से गले उसे लगाया करो।.
*आशफाक खोपेकर*
निखर जाएगा चेहरा सजने संवरने से दिल की सफाई नहीं होंगी।.
एशो-आराम मीलेगे दौलत सेे बगैर मोहब्बत आखिरत की कमाई नहीं होंगी।.
जिंदगी बीत जाती है कमाने-खाने में सब की........
बगैर खुदा के सजदे के हरगीज दिल की सफाई नहीं होंगी।
*आशफाक खोपेकर*
नहीं सिखाता बैर रखना मजहब कोई हैवानियत तु छोडकर देख।.
संवर जाएंगी तकदीर रब के सामने खुद को तु झुकाकर देख।.
अपना पराया छोडकर सबको एक नजर से तु देखकर देख।
जन्नत बनजाएंगी दुनिया इन्सानियत को तु जगाकर देख।.
*आशफाक खोपेकर*
भुलकर औकात अपनी धोखे ही खाओंगे।.
अपने आपको परेशानीयों में घीरा पाओंगे।.
वक्त हर शैय को बदलदेता है दोस्त।.
ज़मीन पर रहनेवालो कभी गिर न पाओंगे ।
*आशफाक खोपेकर*