नफरत से दिल को पत्थर बनाकर तडपकर ही जीना पडता ।.
सिने मे इस लाइलाज मर्ज को पालकर जीना बडा मेहेंगा पडता ।.
मोम होता मोहब्बत को दिल मे बसाकर इन्सां मुश्किल मे नही पडता ।.
सुकुन ही सुकुन मीलता है जिन्दगी मे शैतानी चक्कर मे वो नही पडता ।
*आशफाक खोपेकर*
बचपन करे नादानी जवानी होती मस्तानी ऐसा कुछ कर बन्दे बुढापा न लगे परेशानी।.
जानकर भी दुनिया फानी है करनी पढती है यहॉ अपनो से भी कभी कभी बेइमानी।.
मग्फीरत की उम्मीद गर दिल मे है बन्दे तो करनी पडेंगी बंद तुझे सारी मनमानी।
खुद ही के हातों लिख तु अपनी कहानी जाते जाते छोडजाना तु कुछ अच्छी निशानी।.
*आशफाक खोपेकर*
अंजामे मोहब्बत की फिक्र न होती थी कभी मोहब्बत करने के पहले।.
अब मेहबुबा इझहार इकरार ही नही करती बँक बँलेस देखने से पहले।
किराये की गाडी बंगले के चक्कर मे फंस जाती थी लडकियॉ पहले।.
बेडा गर्क हो तरक्की का अब ऑनलाइन चेक करती सबकुछ मीलने से पहले।.
*आशफाक खोपेकर*