मालिक के भरोसे चल राहे जिन्दगी मे सुख दुख के साथी मीलते रहेगे।
मतलबी मतलब निकालकर चले जायेंगे,सच्चे आखिरी खांदेतक साथ रहेंगे।
जैसा बोवोंगे दुगना वैसे ही पावोंगे ये दस्तुर है कुदरत का----
तौफिक कुछ ऐसा करने की दे मालिक,फना होकर भी सब के दिलमे रहेंगे।
*आशफाक खोपेकर*