नफरते मीटाकर इजहारे मोहब्बत हो जाए जिंदगी की शाम ढलने से पहले।.
संभलना बेहतर है नफसा नफसी का आलम खत्म न होंगा कयामत से पहले।
अपने पराये सब छुटकर अंधेरा न हो जाए सुरज ढलने से पहले।
मौत का ऐतबार नही आगोश मे लेले अगला कदम बढने से पहले।.
*आशफाक खोपेकर*
16 फरवरी 2017
नफरते मीटाकर इजहारे मोहब्बत हो जाए जिंदगी की शाम ढलने से पहले।.
संभलना बेहतर है नफसा नफसी का आलम खत्म न होंगा कयामत से पहले।
अपने पराये सब छुटकर अंधेरा न हो जाए सुरज ढलने से पहले।
मौत का ऐतबार नही आगोश मे लेले अगला कदम बढने से पहले।.
*आशफाक खोपेकर*