माना के बदल रही है दुनिया पर तुम न बदलजाना मेरे दोस्त।
खजाना भरा होगा दोस्तो से तेरा मेरे पास बचे है चन्द पुराने दोस्त।
वो बीते हुए दिन वो पुरानी यादें अब वही अनमोल खजाना है मेरा दोस्त।.
बदलते जमाने ने बदलदी काया मेरी मै न बदलुंगा वो चन्द पुराने दोस्त।.
अलाइदा राहे थी जिंदगी के सफर की इसी रिश्ते न हमेेशा जोड़े रखा हमे दोस्त।
खुशियों मे दुर रहे होंगे हम दुखों में सब ने निभाया है ये रिश्ता मेरे दोस्त।.
शरीकेहायात से छुपाकर भी कभी कभी निभाना पड़ता है ये रिश्ता मेरे दोस्त।.
आखिरी पड़ाव पर जिंदगी के यही रिश्ते का सहारा मीलता है मेरे दोस्त।.
माना के बदल रही है दुनिया पर तुम न बदलजाना मेरे दोस्त।
*आशफाक खोपेकर*