कुर्बानीयो से ही टल जाती है मुसीबते।
कुरबानीयो से ही हासील होती है नियामते।.
कुछ खोकर ही कुछ मीलता है यहॉ यारो।.
नाकारों पर मेहरबान कुदरत भी नही होती ।.
(आशफाक खोपेकर)
7 अगस्त 2016
कुर्बानीयो से ही टल जाती है मुसीबते।
कुरबानीयो से ही हासील होती है नियामते।.
कुछ खोकर ही कुछ मीलता है यहॉ यारो।.
नाकारों पर मेहरबान कुदरत भी नही होती ।.
(आशफाक खोपेकर)