
यादें पुरनी जब भी याद आये दिल को सुकुन पोहचाये ऐसा हर दिन गुजरजाए।.
आज का दिन खराब करदे उस हरकत की यादें आनेवाले वक्त को दुखी करजाए ।
फुंक कर रखना हर कदम दोस्तो अपना कुकर्म ही कभी सामने अपने न आजाए।.
कलयूग का दस्तुर निराला है भरे रहेंगे खज़ाने और मालीक कंगाल होजाए।.
*आशफाक *