राहे जिन्दगी के सफर मे हर पल संभलकर चलना होगा। बेकसुर राहगिर भी कभीकभी हादसो का शिकार होते है। वक्त का लिखा कोई नही जानता वक्तके खेल से सब अंजान होते है। गलती करे कोई कम्बख्त और बेकसुर शिकार होते है। *आशफाक खोपेकर*
2 जून 2018
राहे जिन्दगी के सफर मे हर पल संभलकर चलना होगा। बेकसुर राहगिर भी कभीकभी हादसो का शिकार होते है। वक्त का लिखा कोई नही जानता वक्तके खेल से सब अंजान होते है। गलती करे कोई कम्बख्त और बेकसुर शिकार होते है। *आशफाक खोपेकर*