करता धरता कायेनात का एक ही है ताकतवर कोई नही है उसके सिवा।.
सदीयो से खेल रहा खेल कायेनात चलाने का न जाने क्या करता होंगा इस के सिवा।
कहानियॉ बडी बना लेता है इन्सां हकीकत एकपल न जी सकता खुद उसकी मर्जी के सिवा।
शुन्य से शुरु शुन्य मे खत्म करदेगा वो कायेनात कहानी है ये राज उसका कोई न जाने उस के सिवा।.
(आशफाक खोपेकर)