नहीं सिखाता बैर रखना मजहब कोई हैवानियत तु छोडकर देख।.
संवर जाएंगी तकदीर रब के सामने खुद को तु झुकाकर देख।.
अपना पराया छोडकर सबको एक नजर से तु देखकर देख।
जन्नत बनजाएंगी दुनिया इन्सानियत को तु जगाकर देख।.
*आशफाक खोपेकर*
12 दिसम्बर 2017
नहीं सिखाता बैर रखना मजहब कोई हैवानियत तु छोडकर देख।.
संवर जाएंगी तकदीर रब के सामने खुद को तु झुकाकर देख।.
अपना पराया छोडकर सबको एक नजर से तु देखकर देख।
जन्नत बनजाएंगी दुनिया इन्सानियत को तु जगाकर देख।.
*आशफाक खोपेकर*