साप्ताहिक प्रतियोगिता में "प्रथम" सर्वोतकृष्ठ चयनित रचना
समुह का नाम:- साहित्यिक मित्र मंडल जबलपुर ( एम. पी.)
पटल संख्या: १-२-३-४-५-६-७ एवम् ८
संपर्क:- 9708055684 / 7209833141
शीर्षक: आँखों के किनारे ठहरा एक आंसू
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आँखों के किनारे ठहरा एक आंसू
भक्तों का सर्वश्रेष्ठ धन है गिरते आंसू
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मानव मन होता है अति चंचल,
प्रचण्ड उच्चाटन्, अति विह्वल
दर्शन पाने की आज
उठी उत्कट् है इच्छा
व्यर्थ हुआ समस्त ज्ञान,
अधुरी गुरुकुल की शिक्षा
आलोढ़ित मन का चितवन,
मन तो आखिर है एक मन-
डोलेगा हीं, वो रे! डोलेगा
मन जब अति आह्लादित-
नयन होते तब अश्रुप्लावित
एक को ठहरा कर हीं-
दूजा कुछ तो बोलेगा
आँखों के किनारे ठहरा एक आंसू
भक्तों का सर्वश्रेष्ठ धन है गिरते आंसू
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आँखों के किनारे ठहरा एक आंसू
प्रसव-पीड़ा की विदारक चित्कार
असख्य वे झर-झर्र झरते आंसू
जन्म के समय नवजात का
क्रंदन और निसरे आंसू
क्रंदन और निसरे आंसू