कामदं मोक्षदं चैव
ॐकाराय नमो नमः
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आज की है यही एक पुकार
लबों से चिपकाओ बार- बार
जरुरत हो तो लगा कर जाओ
जो भी शुद्ध मिले घर में खाओ
धूप में टाँग- रोजाना चमकाओ
मिस किए तो रुमाल लटकाओ
चाइनिज-प्लेट है, अभी हटाओ
मास्क पहन कर अबकी आओ
डॉ. कवि कुमार निर्मल