ठहरे मन के आँसू
मन चंचल,
आलोढ़ित चितवन,
मन तो आखिर है मन-
डोलेगा
मन आह्लादित-
मन अश्रुप्लावित
एक को ठहरा कर हीं-
कुछ बोलेगा
प्रसव-पीड़ा के आँसू
जन्म के आँसू
सुख के आँसू
दुख के आँसू
प्रतारणा
पठन-पाठन के आँसू
धुयें के आँसूं
प्रेम के आँसू
भक्ति के आँसू
आसक्ति के आँसू
विरक्ति के आँसू
मरण के आँसू
मन ठहर सकता नहीं
बह कर आँखों तक आता है
मन में रख लेने से तो
मन धुट सा जाता है
डॉ. कवि कुमार निर्मल
मन चंचल,
आलोढ़ित चितवन,
मन तो आखिर है मन-
डोलेगा
मन आह्लादित-
मन अश्रुप्लावित
एक को ठहरा कर हीं-
कुछ बोलेगा
प्रसव-पीड़ा के आँसू
जन्म के आँसू
सुख के आँसू
दुख के आँसू
प्रतारणा
पठन-पाठन के आँसू
धुयें के आँसूं
प्रेम के आँसू
भक्ति के आँसू
आसक्ति के आँसू
विरक्ति के आँसू
मरण के आँसू
मन ठहर सकता नहीं
बह कर आँखों तक आता है
मन में रख लेने से तो
मन धुट सा जाता है
डॉ. कवि कुमार निर्मल