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माँ तो सबकी एक जैसी हीं होती है।
दोनों हाथों से सदा- देती रहती है॥
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खून-पसीना-दूध-हुनर-संचित देती सारा।
कहती रहती है मेरा बच्चा- प्यारा दुलारा॥
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माँ तो ममता की साक्षात मूरत होती है।
भ्रूण का १०माह सिंचन- जीवन देती है॥
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बच्चे को माँ, आँख का तारा कहती है।
माँ तो सबकी एक जैसी हीं होती है॥
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🙏🙏 डॉ. कवि कुमार निर्मल🙏🙏
पुनश्च: १० माह सिंचन के संदर्भ में🙏
यह मेडिकल कैलक्युलेशन पर आधारित अवधि है। गायनॉकोलोजी और
ऑब्सट्रेटिक्स में 28 दिन का एक मास गिना जाता है और फुलटर्म दस माह मान कर चला जाता है, अतयेव दस माह* लिखा।🙏 ऐसे सतमसिया, नौमसिया और दसमसिया कहने का प्रचलन है🤓