जय हो- अमर सृजन हो
दग्ध मानवता- रक्षित हो
अष्टपाश- सट् ऋपु मुर्छित हों
''नवचक्र'' आह्वाहन जागृत हों
कीर्तित्व उजागर - बर्धित हों
शंखनाद् प्रचण्ड, कुण्डल शोभित हों
कवि का हृदयांचल अजर - अमर हो
जय हो! 'वीणा वादनी' की जय हो!!
🙏 डॉ. कवि कुमार निर्मल 🙏
17 सितम्बर 2019
जय हो- अमर सृजन हो
दग्ध मानवता- रक्षित हो
अष्टपाश- सट् ऋपु मुर्छित हों
''नवचक्र'' आह्वाहन जागृत हों
कीर्तित्व उजागर - बर्धित हों
शंखनाद् प्रचण्ड, कुण्डल शोभित हों
कवि का हृदयांचल अजर - अमर हो
जय हो! 'वीणा वादनी' की जय हो!!
🙏 डॉ. कवि कुमार निर्मल 🙏
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