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बेटा बचाओ- बेटी बहु बन कहीं जा घर बसाएगी!
जो बहु बन आए वह क्या (?) ''बेटी'' बन पाएगी!!
सुसंस्कार वरण कर पिया का घर-संसार बसाएगी!
उच्च घर में जा कर वह निखरेगी वा सकुचाएगी!!
विदा करते तो शुभ कहते पुरोहित् अभिवावक हैं!
माँ-बाप का हुनर समेटे, वही बनती बड़भागिन है!!
बेटा पास बैठे न बैठे- सहभागिन की बात समझाओ!
न्यारा चौका हो मगर प्रताणित करना मत सिखलाओ!!
बेटी बने लक्ष्मी तो बेटे को भी देवसम बना सुख पाओ!
अंत भला हो वृद्धों का, संचय की गुणवत्ता समझाओ!!
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डॉ. कवि कुमार निर्मल
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