दिन छिपते ही शहर से गांव की तरफ जाने बाली सङक वीरान हो जाती। फिर कोई
नगर के बीचोंबीच घंटाघर पर लगी घङी कभी की खराब हो चुकी थी। कभी अंग्रेज
जब से नये अधिकारी आये हैं तभी से कर्मचारियों की बाट लगा
जब कान्सटेबल प्यारेलाल की पुत्रवधू और स्त
आगरा शहर भारत के सबसे प्रसिद्ध शहरों में एक है। प्रसिद्धि का क
राजन और मंगल को अय्याशियों से फुर्सत मिले तो पढाई करें।
मैं मानव ! संस्कृति की धरोहर,सभ्यता की नींव, छुपाता हूँ अपनी बुराईयों क
दिल्ली से बैठै वनीता को बस दस मिनट ही हुये थे। उसने नजर घुमाई पर कोइ भी लेडीज नही थी। पास के सिट वाल
तथाकथित आज़ादी !!!!!!!! कहते रहे चरख़े से आई !!!! कंगना ने आजादी दिलवाने वाले कथित का
भाग 1
कुसुम.... अरी ओ कुसुम.... कहाँ हैं.... ये लड़की भी ना पता नहीं कहाँ चलीं जाती हैं.... इतनी बड़ी हो ग
क्या हमे पुलिस को इसकी जानकारी देनी चाहिए , पता नही इसक
मुंबई सुबह की भागदौड़ ओर रात का रंगीन सहर, सपनो का सहर जह
साहिल ने स्टोररूम में पड़े एक पुराने गद्दे को जमीन पर दीवार से लगाकर बिछाया और दीवार से टिककर बैठ गय