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बाल-विमर्श

hindi articles, stories and books related to Bal-vimarsh


हा में नेता हूं 

 बरसाती मेंढक की तरह 
चुनावी सीजन में ही

हर किसी को याद आते हैं वो पुराने दिन 
वो हसीन पल, रंगीन राते

                          &nbs

आखिर कब तक बाल विवाह खत्म नही होगा। ये कहानी कोई कल्पना नही ये कहानी सच पर आधारित है। राजस्थान

किशोरावस्था में बच्चे जब ऐसी स्थिति पर होते हैं जब  ना बड़ों में

ममता का वात्‍सल्‍य

 "मां मुझे 600 रूपए चाहिए"। स्कूल बस से उतरते हुए अरनव ने श्रद्धा से कहा।
" क्यो

आज सुबह-सुबह दादी पोते में किसी बात पर बहस हो गई ।
दोनों साथ में

बच्चे मन के सच्चे
आइने सा उनका मन
छल कपट से परे
मासूमियत

बालकदिन

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इस नये पारिवारिक वातावरण मे ,आज के बालक अनेक समस्या का सा

मालिक मोबाइल से 

रोता हूं आज मैं !

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तुझे सहारा

बचपन ही अच्छे और सच्चे प्रेम का साया है,

बाकी जिन्दगी तो बस मोहमाया है....


अमन और रिया की शादी को 3 साल होने आए थे। दोनों एक मल्टीनेशनल कंपनी मे

तोरी में कैलोरी कम और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है।

यह ब्लड शुगर नियंत्रण करता है, जिससे


              &

अगले दिन सुबह होतें ही मैनें जल्दी से जल्दी अपने घर के सारे काम खत्म किए और मार्केट से कुछ सामा

ये कहानी हैं... बबलू की... 
उसका असली नाम क्या हैं वो इस कहानी में आपको पता चल ज

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