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भाग–15 काश्वी तुम यहां कैसे आई?

28 अगस्त 2022

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 निष्‍कर्ष सीधा अपने कमरे में चला गया उसने किसी से कोई बात नहीं की, कुछ देर बाद काश्‍वी भी अपने कमरे में आ गई
रात भर वो निष्‍कर्ष के मैसेज या फोन का इंतजार करती रही। रात गुजर गई और सुबह के 9 बजे तक भी निष्कर्ष ने काश्वी से कोई बात नहीं की, किसी को पता नहीं था कि वो कहां हैं, काश्वी ने कई बार फोन लगाया लेकिन निष्कर्ष ने फोन रिसीव नहीं किया, अब तो काश्वी को भी चिंता होने लगी उसके मन में एक ही सवाल था कि क्या निष्कर्ष उससे नाराज हो गया है? लेकिन इसी बीच रोहन ने उसे आकर बताया कि निष्कर्ष रिजॉर्ट में नहीं है वो किसी काम से बाहर गया है।  अब तो काश्‍वी को और हैरानी हुई क्‍योंकि निष्कर्ष ने जाने से पहले उससे बात तक नहीं की, कुछ देर बाद काश्वी भी वहां से बाहर निकल गई, दो घंटे के बाद निष्कर्ष जब वापस लौटा तो उसने सबसे बात की और काश्वी के बारे में भी पूछा पर काश्वी वहां नहीं थी और वहां
किसी को पता नहीं था कि वो है कहां 

निष्कर्ष ने कई बार फोन ट्राई किया लेकिन कुछ पता नहीं चला, कुछ देर बाद पता चला कि काश्वी उस जगह से कुछ दूर का पता पूछ रही थी और फिर उसने एक कार भी हायर की थी। गाड़ी का पता चलने पर निष्कर्ष उस जगह की तरफ निकल गया, शाम होने वाली थी और काश्वी का कुछ पता नहीं चला, थोड़ी देर बाद रास्ते के एक कोने पर वही कार खड़ी मिली जो काश्वी लेकर गई थी, निष्कर्ष ने कार के अंदर देखा लेकिन उसमें कोई नहीं, आस पास सुनसान जगह है, सड़क के दोनों तरफ घना जगंल है, निष्कर्ष को समझ नहीं आया कि काश्वी यहां क्यों रुकी, वही पास में एक बोर्ड भी लगा था, 'टाइगर प्रोन
एरिया' यानि उस इलाके में कई बार जंगल में बाघ देखे गये थे इसलिये सावधानी बरतने को कहा गया था, वहां रूकना भी खतरे से खाली नहीं था, निष्कर्ष थोड़ा घबराया सा फिर काश्वी का फोन ट्राई करने लगा, उसका फोन अब भी आउट ऑफ रेंज बता रहा है लेकिन कुछ देर और ट्राई करने पर अचानक घंटी बजनी शुरू हुई, फोन पर बहुत धीरे से काश्वी की आवाज आई लेकिन बात कुछ समझ नहीं आई, फोन काटकर काश्वी ने निष्कर्ष को एसएमएस किया कि नेटवर्क का प्रोब्लम हैं, बात मैसेज से करें निष्कर्ष ने मैसेज कर पूछा कि वो कहां है, काश्वी का जवाब आया कि वो फोटो लेने जंगल के अंदर गई है निष्कर्ष अब थोड़ा और घबरा गया और काश्वी से उसकी लोकेशन पूछी, काश्वी ने उसे बताया कि जहां उसकी गाड़ी मिली उसी तरफ सीधा जंगल की तरफ आये, निष्कर्ष उसी तरफ आगे बढ़ने लगा, घना जंगल था अंधेरा भी बढ़ रहा है लेकिन
निष्कर्ष का ध्यान सिर्फ काश्वी की तरफ है, बहुत देर सीधा चलने के बाद उसे कुछ रोशनी दिखाई दी, टॉर्च की रोशनी की तरफ वो बढ़ने लगा थोड़ा पास पहुंचने पर देखा वो काश्वी ही है, चांद की हल्की रोशनी के बीच अपने हाथ में टॉर्च लिये काश्वी,
जो मुस्कुराते हुए निष्कर्ष को देख रही है 

निष्कर्ष को कुछ समझ नहीं आया, वो पूरी तरह से घबराया हुआ था और पूछा, “तुम ठीक तो हो? यहां क्या कर रही हो?” 

काश्वी ने निष्कर्ष को पहले कूल डाउन होने के कहा और पानी की बोतल भी दी, पानी पीने के बाद निष्कर्ष ने फिर काश्वी से
पूछा, “यहां हो क्या रहा है काश्वी तुम यहां कैसे आई?” 

काश्वी ने हंसते हुए कहा "मुझे टाइगर देखना था इसलिये आई"  

“क्या? टाइगर? तुम पागल हो क्या? तुम्हें पता ये कितना डेंजरस हो सकता है चलो वापस”, निष्कर्ष ने कहा 

“कुछ नहीं होगा, आप क्यों फिक्र कर रहे हो, आओ मैं दिखाती हूं आपको” काश्वी ने निष्कर्ष को चलने का इशारा किया 

“कहां जा रही हो चलो वापस जाना है” निष्कर्ष ने काश्वी को रोका 

“मुझे कहीं नहीं जाना, आपको जाना है तो जाओ, जैसे सुबह गये बिना बताएं” काश्वी ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा 

“अच्छा तो ये सुबह का गुस्सा है” निष्कर्ष ने मुस्कुराते हुए कहा 

“नहीं… मतलब.. ऐसा कुछ नहीं.. इतना अच्छा चांस दोबारा नहीं मिलेगा.. सबने कहा यहां टाइगर रहता है” काश्वी ने जवाब दिया 

“टाइगर रहता है इसलिये कह रहा हूं चलो, सामने आ गया तो खा जाएगा” निष्कर्ष
ने काश्वी को फिर समझाने की कोशिश की पर काश्वी कुछ सुनने को तैयार नहीं थी, वो और आगे बढ़ने लगी,  

“रात हो रही है काश्वी चलो वापस, ये क्या बचपना है?”, निष्कर्ष ने फिर कहा 

“रात हो रही है इसलिये कह रही हूं यही रूकना पड़ेगा, अभी रास्ता नहीं मिलेगा और अब ज्यादा अंदर गये तो और मुश्किल होगी” काश्वी ने कहा 

“तुम क्या सोच रही हो, काश्वी?” निष्कर्ष ने पूछा 

“एक बार वैसा करो जैसा मैं कह रही हो उसके बाद अगर आपको ठीक न लगे तो जो आप बोलो” काश्वी ने कहा 

निष्कर्ष को कुछ समझ नहीं आ रहा, काश्वी के साथ इस जंगल में उसे कुछ ठीक नहीं लग रहा पर कोई और रास्ता भी नहीं दिखा तो निष्कर्ष ने काश्वी पर भरोसा कर उसकी बात मान ली, काश्वी ने निष्कर्ष को एक पेड़ पर चढ़ने का इशारा किया और कहा यहां हम सेफ रहेंगे, चलो, 

निष्कर्ष काश्वी को देखता रहा, और वो तेजी से पेड़ के ऊपर चढ़ गई,
निष्‍कर्ष भी उसके पीछे ऊपर चढ़ा, दोनों अब आराम से वहां बैठ गये। 

जब निष्कर्ष को लगा कि अब सब सेफ है तो उसने अपने मोबाइल का नेटवर्क चेक किया, सिग्नल लो है और कॉल कनेक्ट नहीं हो पा रही, जब काफी देर तक निष्कर्ष परेशान होता रहा तो काश्वी उसे देखकर मुस्कुराने लगी। निष्कर्ष की नजर उस पर गई तो उसने पूछा, “तुम्हें ये सब मजाक लग रहा है” 

“नहीं क्यों?” काश्वी ने थोड़ा सीरीयस होकर पूछा 

“तुम्हें कोई फिक्र नहीं हो रही, यहां हम इस तरह…” निष्कर्ष इतना कह कर चुप हो गया 

“आपको पता है आपकी प्रोब्लम क्या है, आप हिंदी मूवीज बहुत देखते हो, हमेशा हर चीज बुरी नहीं होती, यहां जो है उसे इंजॉय करो, अब कोई ऑप्शन नहीं है न तो कूल डाउन” काश्वी ने निष्कर्ष की टेंशन दूर करने के लिये कहा 

“अच्छा तुम्हें सब पता है न बताओ आगे क्या होगा” निष्कर्ष ने पूछा 

“आगे का तो पता नहीं पर कल रात को क्या हुआ था आप क्यों चले गये और फिर सुबह भी गायब हो गये” काश्वी ने पूछा 

“कुछ नहीं बस यूं ही चला गया” निष्कर्ष ने कहा 

“यूं ही मतलब मेरी बात बुरी लगी” काश्वी ने पूछा 

“नहीं ऐसा नहीं था, बस ऐसे ही तुमने कहा तो कुछ दिमाग में नहीं आया और समझ नहीं आया क्या करूं इसलिये चला गया” निष्कर्ष ने जवाब दिया 

“अच्छा पर आज सुबह क्या हुआ आपने बताया भी नहीं कहां गये” काश्वी ने पूछा 

“वो एक फोन आया था सुबह, मां की एक फ्रेंड यही रहती है उनकी तबियत खराब थी तो उन्हें देखने चला गया, सोचा
सुबह मिल आता हूं फिर बाद में तो ग्रुप के साथ रहना था इसलिये गया” निष्कर्ष ने कहा 

“ओ के मतलब आप मुझसे नाराज नहीं” काश्वी ने फिर पूछा 

“नहीं बिल्कुल नहीं नाराज क्यों?” काश्वी को हैरानी से देखते हुए निष्कर्ष ने पूछा 

“चलो छोड़ो आपकी कहानी अधूरी है उसके बारे में बताओ” काश्वी ने निष्कर्ष से कहा 

 कहानी अभी नहीं अभी कुछ और बात करते हैं, ये बताओ तुम ऐसी हरकतें करती रहती हो अक्सर?” निष्कर्ष ने पूछा 

“नहीं पहली बार की है..” काश्वी ने मुस्कुराते हुए कहा 

"पहली बार… इस बार ऐसा क्या हुआ?” ये पूछता हुआ निष्कर्ष अब थोड़ा कम टेंशन में लग रहा है 

“मेरा ऐसा कोई प्लान नहीं था मैं तो वापस लौट रही थी पर आपका फोन आया तो रूक गई” काश्वी ने कहा 

“अच्छा मेरी वजह से रूक गई… तुम्हें पता है यहां से बाहर निकलने का रास्ता” निष्कर्ष ने हंसते हुए पूछा 

“हां पता है, मैंने जीपीएस सेट किया था कार से स्टार्ट करके तो अब वापस जाने का रास्ता भी यही बताएगा”, काश्वी ने अपना फोन दिखाते हुए जवाब दिया 

“तो फिर हम यहां क्या कर रहे हैं, वापस क्यों नहीं जा रहे काश्वी” निष्कर्ष ने झल्लाते हुए कहा 

“क्योंकि इस वक्त जंगल के अंदर घूमना सेफ नहीं हैं सुबह होते ही निकल जाएंगे आपको नींद आ रही है तो सो जाओ”
काश्वी ने बात खत्म करने के लहजे में कहा 

“तुम्हें क्या कहूं… छोड़ो एक काम करना कुछ भी हो तो मुझे मत उठाना मैं यहां सोने की कोशिश करता हूं” निष्कर्ष इस बार थोड़ा चिड़ कर बोला 

काश्वी अपने कैमरे को ठीक करने में लगी रही, उसमें खींची गई तस्वीरों को देखते देखते कुछ तस्वीरें उसने निष्कर्ष की भी ले ली उसे बिना बताए। 

सुबह की पहली किरण के साथ चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई देने लगी, ठंड भी हल्की सी और बढ़ गई, निष्कर्ष की आंख खुली तो उसे एहसास हुआ कि वो बैठे बैठे ही गहरी नींद में सो गया था, उठकर निष्कर्ष ने काश्वी को ढूंढा पर वो
वहां नहीं थी।   

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रचनाएँ
तलाश में हूं खुद की
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अपनी तलाश की है कभी, कभी खुद को ढूंढने निकले हैं, फुर्सत के लम्हों में कभी खुद से बात की है, कभी जाना क्या चाहता है दिल, हालातों में गुम होने पर तन्हाई की रात में खुद से टकराएं हैं कभी, कभी चलते चलते यूं ही रुक कर पीछे मुड़कर देखा है, सोचा कहां छोड़ आये खुद को, किस मोड़ पर खुद को खो दिया, किस मोड़ पर खुद से फिर मिले, हां, पता है, ये सब सोचने का टाइम किसके पास है, टाइम हो न हो, सवाल तो है, सोच का दायरा छोटा हो, पर जवाब बड़ा है, यूं ही चलते चलते कोई बता जाता है, यूं ही चलते चलते कोई समझा जाता है, यूं ही चलते चलते कोई खुद को खुद से मिलवा जाता है, ये कहानी भी ऐसी ही है अपने आप को तलाशने की, एक सफर अपने आप तक पहुंचने का। काश्‍वी और उत्‍कर्ष एक दूसरे के करीब आये और तब दोनों को एहसास हुआ कि उनकी जिदंगी कितनी अधूरी थी एक तलाश जो हमेशा से उन्‍हें थी धीरे – धीरे पूरी होने को है…
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भाग–1 बिंदास काश्‍वी

2 अगस्त 2022
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कहानी शुरु होती है एक स्कूल के प्रिंसिपल रुम से जहां एक 10 साल की बच्ची को उसी के पेरेंटस के सामने प्रिंसिपल डांट रही है, “मिस्टर कुमार आपकी बेटी इतनी शरारती है, इसकी वजह से एक बच्चे का हाथ टूट गया, इ

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भाग–2 काश्‍वी का नया दोस्‍त

3 अगस्त 2022
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काश्वी के बड़े होने के सिलसिले में कई मोड़ आए, कभी वो खुद से सवाल करती, तो कभी कोई उससे, कब खुश होती, कब उदास उसे खुद भी नहीं पता चलता, दूसरी लड़कियों से कुछ अलग थी, उसके पापा उससे अक्सर पूछते थे कि उ

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भाग–3 जिदंगी की तलाश

5 अगस्त 2022
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काश्वी ने अपने पापा को काम्पिटीशन के बारे में बताया, वो इतनी खुश थी कि उसके पापा ने झट से हां कर दी, रात भर पूरा परिवार उसकी तस्वीरों में से 10 ऐसी तस्वीरें ढूंढता रहा जो उसके टेलेंट को सही - सही दिखा

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भाग–4 धुंधली होती खुशियां

6 अगस्त 2022
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 निष्‍कर्ष की बात ने काश्‍वी की सारी खुशी को धुंधला कर दिया। थोड़ी देर पहले तक वो खुद पर इतरा रही थी लेकिन अब उसे खुद पर ही शक होने लगा। धीरे – धीरे निराशा उसे घेरने लगी और वो चुपचाप एक कोने में जाकर

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भाग–5 जिंदगी की झलक

17 अगस्त 2022
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काश्‍वी के करियर का ये मोड़ उसके परिवार को नए उत्‍साह से भर गया। घर लौटते हुए सब इसी के बात करते रहे। पापा ने काश्वी से पूछा “एक महीने की वर्कशॉप, कब से जाना है?” “दो दिन बाद रजिस्ट्रेशन कराने जाना है

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भाग –6 पहाड़ों का सफर

18 अगस्त 2022
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तेरह घंटे का सफर शुरू तो बहुत जोश के साथ हुआ लेकिन दिन चढ़ते-चढ़ते सबका जोश ठंडा होने लगा। बस में बातों का सिलसिला अहिस्ता अहिस्ता थमने लगा। अब बस, बस के चलने की आवाज और हवा का शोर सुनाई दे रहा है। हम

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भाग –7 बस एक नजर

21 अगस्त 2022
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पहाड़ों की शाम बहुत शांत होती है यहां सच में आप महसूस कर सकते हैं कि शाम हो गई है बड़े शहरों की तरह यहां ट्रेफिक का शोर नहीं होता जिसमें पंछियों की आवाज गुम हो जाती हैं। यहां शाम होते ही पंछी अपने घरो

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भाग –8 जिदंगी ढूंढने निकला जब भी…

22 अगस्त 2022
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काश्वी अब थोड़ी कंफर्टेबल हो गई, काश्वी ने उत्कर्ष से पूछा, “आपने मेरी फोटोग्राफ देखी हैं?” उत्कर्ष ने सिर हिला कर हां कहा और ये भी कहा कि काश्वी को पहला प्राइज देने का आखिरी फैसला उन्होंने ही लिया था

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भाग –9 पुराना कैमरा और नया दोस्‍त

23 अगस्त 2022
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“फोटोग्राफी एक प्रोफेशन से ज्यादा पेशन है, अगर चीजों को देखकर आपको उसमें कुछ खास नजर नहीं आता तो आप एक अच्छे फोटोग्राफर नहीं बन सकते, कैमरे की नजर से पहले अपनी नजर और नजरिये को समझना जरुरी है यहां क्ल

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भाग–10 तुम सवाल बहुत करती हो

24 अगस्त 2022
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रात के बाद फिर सुबह हुई, काश्वी और दूसरे फोटोग्राफर को आज बाहर भेजा जा रहा है जहां वो अपने फोटोग्राफी के हुनर को निखार सके, अपने अपने कैमरे के साथ सब निकलने के लिये लॉबी में इकट्ठा हो गये, काश्वी की न

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भाग–11 नीला आसमान और तुम

25 अगस्त 2022
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अपना पहला एसाइनमेंट देखने के लिये सभी एक्‍साइटेड हैं लेकिन वापस आने के बाद से काश्वी काफी बेचैन  है, वो काफी देर से हॉल के बाहर कोरिडोर के एक छोर से दूसरे छोर तक चक्कर लगा रही है,  निष्कर्ष काफी देर त

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भाग–12 क्‍या हम दोस्‍त हैं?

26 अगस्त 2022
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करीब दो घंटे तक सबकी तस्वीरों पर खूब चर्चा हुई गलतियों और खूबियों को बताने के बाद उत्कर्ष वहां से चले गये, निष्कर्ष अब भी चुप रहा उसने काश्वी से कोई बात नहीं की, दोनों वहां से कोरिडोर की तरफ निकले, क

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भाग–13 मेरा घर कहीं खो गया है !

28 अगस्त 2022
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निष्कर्ष को ऐसे देखकर काश्वी परेशान हो गई और उसने पूछ ही लिया “क्या हुआ? बात क्या है अचानक सीरीयस क्‍यों हो गये?”  “कुछ नहीं बस यूं ही” निष्कर्ष ने जवाब दिया  “नहीं.. कुछ तो है आप और आपके पापा के बी

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भाग–14 नाराज क्‍यूं हो तुम?

28 अगस्त 2022
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 “पापा तो जैसे अपने कैमरे को भूल ही गये थे, उनके लिये अपने परिवार के लिये पैसा कमाना ज्यादा जरूरी था पर मां को लग रहा था कि ऐसे वो अपने सपनों के साथ समझौता कर रहे हैं, जिस कैमरे की वजह से वो दोनों मिल

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भाग–15 काश्वी तुम यहां कैसे आई?

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 निष्‍कर्ष सीधा अपने कमरे में चला गया उसने किसी से कोई बात नहीं की, कुछ देर बाद काश्‍वी भी अपने कमरे में आ गई रात भर वो निष्‍कर्ष के मैसेज या फोन का इंतजार करती रही। रात गुजर गई और सुबह के 9 बजे तक भ

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भाग–16 बोलो दोगे मेरा साथ

9 सितम्बर 2022
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निष्कर्ष इधर–उधर सब तरफ काश्वी को ढूंढने लगा, उसने काश्‍वी को फोन भी किया लेकिन फोन लगा नहीं, वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्‍लाकर काश्‍वी को बुलाने लगा लेकिन काश्‍वी का कुछ पता नहीं लग रहा था, उसने थोड़ी दूर जा

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भाग–17 कुछ सामने है तो कुछ छुपा है

13 सितम्बर 2022
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रात को अकेले अपने कमरे में काश्वी ने उन किताबों में से एक को पढ़ना शुरू किया, उसे पढ़ते हुए काश्वी को निष्कर्ष की बात याद आने लगी, निष्‍कर्ष ने उसे ये किताबें इसलिये दी जिससे वो अकेला ना महसूस करें और

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भाग–18 दोस्‍ती में दीवार ?

29 अक्टूबर 2022
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निष्‍कर्ष को इस तरह अचानक देखकर उत्कर्ष को कोई फर्क नहीं पड़ा लेकिन काश्वी एक दम शॉक थी। निष्‍कर्ष का चेहरा देखकर उसे समझ आ गया कि वो क्या सोच रहा है, उत्‍कर्ष के साथ काश्‍वी को ऐसे देखकर निष्‍कर्ष को

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भाग–19 आखिरी असाइनमेंट

3 नवम्बर 2022
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जो बात हमें तकलीफ देती है उसे दिमाग से निकालना इतना आसान नहीं होता और उसे भूलकर किसी और चीज पर ध्‍यान लगाना काफी मुश्किल होता है, निष्कर्ष और उसके पापा का रिश्‍ता अब उस स्‍टेज पर पहुंच गया है जहां दोन

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भाग–20 मुझसे मिलोगे दिल्ली में?

4 नवम्बर 2022
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एक तरफ बर्फ से ढके पहाड़ इौर दूसरी तरफ रंग बिरंगा छोटा सा बाज़ार, निष्‍कर्ष और काश्‍वी अपनी थीम की तलाश करते आगे बढ़ने लगे। दुकानों के बाहर लटके रंग बिरंगी चीजें, ठंड का एहसास कराते गर्म कपड़ों से सजे

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भाग–21 कहानी अनकही

14 नवम्बर 2022
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निष्कर्ष ने काश्वी से पूछा एक बात बताओ, “तुम तो दिल्ली में रही हो हमेशा, फिर नेचर से कितनी करीबी कैसे हो गई? दिल्ली की लड़कियों को तो बड़े बड़े मॉल्स और फोरेन ट्रिप्स पर जाने का शौक होता है और तुम यहा

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भाग–22 एक खूबसूरत रिश्‍ता

30 जनवरी 2023
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सुबह जब निष्‍कर्ष उठा तो उसने अपने फोन पर कई मिस कॉल देखी, रात के ढाई बजे काश्‍वी क्‍यों फोन कर रही थी? ये सोचकर निष्‍कर्ष कुछ परेशान भी हुआ उसने तुंरत काश्‍वी को कॉल किया लेकिन फोन उठा नहीं, शायद अब

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भाग–23 सबसे बड़ी उलझन

30 जनवरी 2023
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कुछ देर तक सब शांत रहा, काश्वी की नजर पहले उत्कर्ष पर गई जो चुप हैं शायद किसी गहरी सोच में हैं, फिर उसने निष्कर्ष को देखा जो उसे ही देख रहा है, निष्कर्ष भी चुप है, कुछ सैकेंड बाद हॉल की शांति तालियों

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भाग–24 प्‍यार के पड़ाव

1 फरवरी 2023
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एक और पड़ाव पार कर लिया निष्कर्ष और काश्वी ने अपनी दोस्ती का, एक महीने के अंदर ही दोनों इतने गहरे दोस्त बन गये कि अब एक दूसरे की जिंदगी से अच्छी तरह परिचित हैं   रात तो गहरी हो रही है लेकिन काश्वी को

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भाग–25 वापसी

2 फरवरी 2023
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काश्वी मुस्कुराते हुए उत्कर्ष के ऑफिस से बाहर निकली, उसे खुशी है कि निष्कर्ष अपने पापा के बारे में जो सोच रहा है वो गलत है और एक न एक दिन दोनों फिर साथ होंगे, ये कैसे होगा ये काश्वी को नहीं पता पर एक

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भाग–26 “ये क्या है काश्वी?”

8 फरवरी 2023
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 पापा के जाने के बाद काश्वी ने अपना फोन चेक किया, निष्कर्ष का मैसेज था, उसे भी नींद नहीं आ रही थी इसलिये मैसेज किया, काश्वी ने टाइम देखा तो रात के तीन बज रहे थे, उसने सोचा अब सुबह ही बात करेगी निष्कर्

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भाग–27 दूर कैसे रह पाएंगे?

10 अप्रैल 2023
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काश्वी ने देखा तो उसका ईमेल खुला हुआ है वहीं मेल जो उत्कर्ष ने उसे किया… मेल में उत्कर्ष ने काश्वी को रिमांइड कराया कि उसे जल्द एडमिशन के बारे में फैसला करना है… काश्वी सब समझ गई… उसका डर अब उसके सामन

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भाग–28 यादगार सफर

26 जुलाई 2023
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निष्कर्ष के कहने पर काश्वी ने उत्कर्ष को रिप्लाई किया और एडमिशन के लिये हां कर दिया… कुछ घंटे बाद ही रिप्लाई आया जिसमें कंफरमेशन के साथ काश्वी को 15 दिन में ज्वाइन करने को कहा गया रिप्लाई आते ही काश्

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भाग–29 सच से सामना

12 सितम्बर 2023
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फ्लाइट में पूरा समय निष्कर्ष ने काश्वी से उदयपुर की बात की… उसने बताया कि वो जब भी उदयपुर आता था तो उसकी मां उसे अपने बचपन की कहानियां सुनाती थी… “रेगिस्तान के बीच पहाड़ों और झीलों से घिरा एक छोटा सा

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भाग–30 हर वक्त साथ रहूंगा

21 सितम्बर 2023
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निष्कर्ष कुछ उदास है… काश्वी ने ठीक कहा था उसे नींद नहीं आ रही है… बहुत बैचेनी है… जब कुछ समझ नहीं आया तो निष्कर्ष ने अपने पापा को फोन किया…   कुछ देर घंटी बजने के बाद उत्कर्ष ने फोन उठाया वो कुछ घबर

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भाग–31 उत्‍कर्ष का सच

3 नवम्बर 2023
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 काश्वी चली गई और निष्कर्ष अपने घर लौट आया… कई घंटे की यात्रा के बाद काश्वी पहुंच गई… एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सबसे पहले उसने निष्कर्ष को फोन किया… निष्कर्ष ने उसे वहीं रूकने को कहा… काश्वी कुछ पूछ प

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भाग–32 नया चैप्‍टर

3 नवम्बर 2023
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 सुबह हुई और काश्वी की जिंदगी का नया चैप्टर शुरू हुआ,,, नया देश,, नया कॉलेज और नये लोग पर एक डोर थी जो उसे घबराने या डरने नहीं दे रही थी पहली बार वो नये माहौल में भी इतनी कांफिडेंट थी,,,, वो डोर

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भाग–33 मुझे तुम्हारे पास होना चाहिए था

3 नवम्बर 2023
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 हम हमेशा सोचते है कि हमसे ज्यादा दुख और तकलीफ किसी को नहीं,,,दूसरा हमेशा खुद से खुश ही लगता है,,,किसी की तकलीफ का एहसास तभी होता है जब आप उसी तकलीफ को महसूस करते है,,और उस वक्त जो इसे समझ जाये वो

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भाग–34 सामना करो अपने डर का

3 नवम्बर 2023
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 निष्कर्ष को देखकर काश्वी काफी खुश थी डॉक्टर्स भी हैरान थे उसकी इंप्रूवमेंट देखकर,,, अगले ही दिन काश्वी को आईसीयू से वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया,,,,कोई ऐसा पास हो जिससे जिंदगी की हर सांस जुड़ी हो त

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भाग–35 तलाश आज पूरी हुई

3 नवम्बर 2023
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 जब सवालों की भीड़ लग जाये तो जवाब तलाशने पड़ते हैं और जवाब कहां मिलेगा ये सबसे बड़ा सवाल होता है,,,निष्कर्ष के सामने भी अब ये हालात थे काश्वी के सवालों के जवाब उसके पास नहीं थे और जो सवाल उसके मन म

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