निष्कर्ष सीधा अपने कमरे में चला गया उसने किसी से कोई बात नहीं की, कुछ देर बाद काश्वी भी अपने कमरे में आ गई
रात भर वो निष्कर्ष के मैसेज या फोन का इंतजार करती रही। रात गुजर गई और सुबह के 9 बजे तक भी निष्कर्ष ने काश्वी से कोई बात नहीं की, किसी को पता नहीं था कि वो कहां हैं, काश्वी ने कई बार फोन लगाया लेकिन निष्कर्ष ने फोन रिसीव नहीं किया, अब तो काश्वी को भी चिंता होने लगी उसके मन में एक ही सवाल था कि क्या निष्कर्ष उससे नाराज हो गया है? लेकिन इसी बीच रोहन ने उसे आकर बताया कि निष्कर्ष रिजॉर्ट में नहीं है वो किसी काम से बाहर गया है। अब तो काश्वी को और हैरानी हुई क्योंकि निष्कर्ष ने जाने से पहले उससे बात तक नहीं की, कुछ देर बाद काश्वी भी वहां से बाहर निकल गई, दो घंटे के बाद निष्कर्ष जब वापस लौटा तो उसने सबसे बात की और काश्वी के बारे में भी पूछा पर काश्वी वहां नहीं थी और वहां
किसी को पता नहीं था कि वो है कहां
निष्कर्ष ने कई बार फोन ट्राई किया लेकिन कुछ पता नहीं चला, कुछ देर बाद पता चला कि काश्वी उस जगह से कुछ दूर का पता पूछ रही थी और फिर उसने एक कार भी हायर की थी। गाड़ी का पता चलने पर निष्कर्ष उस जगह की तरफ निकल गया, शाम होने वाली थी और काश्वी का कुछ पता नहीं चला, थोड़ी देर बाद रास्ते के एक कोने पर वही कार खड़ी मिली जो काश्वी लेकर गई थी, निष्कर्ष ने कार के अंदर देखा लेकिन उसमें कोई नहीं, आस पास सुनसान जगह है, सड़क के दोनों तरफ घना जगंल है, निष्कर्ष को समझ नहीं आया कि काश्वी यहां क्यों रुकी, वही पास में एक बोर्ड भी लगा था, 'टाइगर प्रोन
एरिया' यानि उस इलाके में कई बार जंगल में बाघ देखे गये थे इसलिये सावधानी बरतने को कहा गया था, वहां रूकना भी खतरे से खाली नहीं था, निष्कर्ष थोड़ा घबराया सा फिर काश्वी का फोन ट्राई करने लगा, उसका फोन अब भी आउट ऑफ रेंज बता रहा है लेकिन कुछ देर और ट्राई करने पर अचानक घंटी बजनी शुरू हुई, फोन पर बहुत धीरे से काश्वी की आवाज आई लेकिन बात कुछ समझ नहीं आई, फोन काटकर काश्वी ने निष्कर्ष को एसएमएस किया कि नेटवर्क का प्रोब्लम हैं, बात मैसेज से करें निष्कर्ष ने मैसेज कर पूछा कि वो कहां है, काश्वी का जवाब आया कि वो फोटो लेने जंगल के अंदर गई है निष्कर्ष अब थोड़ा और घबरा गया और काश्वी से उसकी लोकेशन पूछी, काश्वी ने उसे बताया कि जहां उसकी गाड़ी मिली उसी तरफ सीधा जंगल की तरफ आये, निष्कर्ष उसी तरफ आगे बढ़ने लगा, घना जंगल था अंधेरा भी बढ़ रहा है लेकिन
निष्कर्ष का ध्यान सिर्फ काश्वी की तरफ है, बहुत देर सीधा चलने के बाद उसे कुछ रोशनी दिखाई दी, टॉर्च की रोशनी की तरफ वो बढ़ने लगा थोड़ा पास पहुंचने पर देखा वो काश्वी ही है, चांद की हल्की रोशनी के बीच अपने हाथ में टॉर्च लिये काश्वी,
जो मुस्कुराते हुए निष्कर्ष को देख रही है
निष्कर्ष को कुछ समझ नहीं आया, वो पूरी तरह से घबराया हुआ था और पूछा, “तुम ठीक तो हो? यहां क्या कर रही हो?”
काश्वी ने निष्कर्ष को पहले कूल डाउन होने के कहा और पानी की बोतल भी दी, पानी पीने के बाद निष्कर्ष ने फिर काश्वी से
पूछा, “यहां हो क्या रहा है काश्वी तुम यहां कैसे आई?”
काश्वी ने हंसते हुए कहा "मुझे टाइगर देखना था इसलिये आई"
“क्या? टाइगर? तुम पागल हो क्या? तुम्हें पता ये कितना डेंजरस हो सकता है चलो वापस”, निष्कर्ष ने कहा
“कुछ नहीं होगा, आप क्यों फिक्र कर रहे हो, आओ मैं दिखाती हूं आपको” काश्वी ने निष्कर्ष को चलने का इशारा किया
“कहां जा रही हो चलो वापस जाना है” निष्कर्ष ने काश्वी को रोका
“मुझे कहीं नहीं जाना, आपको जाना है तो जाओ, जैसे सुबह गये बिना बताएं” काश्वी ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा
“अच्छा तो ये सुबह का गुस्सा है” निष्कर्ष ने मुस्कुराते हुए कहा
“नहीं… मतलब.. ऐसा कुछ नहीं.. इतना अच्छा चांस दोबारा नहीं मिलेगा.. सबने कहा यहां टाइगर रहता है” काश्वी ने जवाब दिया
“टाइगर रहता है इसलिये कह रहा हूं चलो, सामने आ गया तो खा जाएगा” निष्कर्ष
ने काश्वी को फिर समझाने की कोशिश की पर काश्वी कुछ सुनने को तैयार नहीं थी, वो और आगे बढ़ने लगी,
“रात हो रही है काश्वी चलो वापस, ये क्या बचपना है?”, निष्कर्ष ने फिर कहा
“रात हो रही है इसलिये कह रही हूं यही रूकना पड़ेगा, अभी रास्ता नहीं मिलेगा और अब ज्यादा अंदर गये तो और मुश्किल होगी” काश्वी ने कहा
“तुम क्या सोच रही हो, काश्वी?” निष्कर्ष ने पूछा
“एक बार वैसा करो जैसा मैं कह रही हो उसके बाद अगर आपको ठीक न लगे तो जो आप बोलो” काश्वी ने कहा
निष्कर्ष को कुछ समझ नहीं आ रहा, काश्वी के साथ इस जंगल में उसे कुछ ठीक नहीं लग रहा पर कोई और रास्ता भी नहीं दिखा तो निष्कर्ष ने काश्वी पर भरोसा कर उसकी बात मान ली, काश्वी ने निष्कर्ष को एक पेड़ पर चढ़ने का इशारा किया और कहा यहां हम सेफ रहेंगे, चलो,
निष्कर्ष काश्वी को देखता रहा, और वो तेजी से पेड़ के ऊपर चढ़ गई,
निष्कर्ष भी उसके पीछे ऊपर चढ़ा, दोनों अब आराम से वहां बैठ गये।
जब निष्कर्ष को लगा कि अब सब सेफ है तो उसने अपने मोबाइल का नेटवर्क चेक किया, सिग्नल लो है और कॉल कनेक्ट नहीं हो पा रही, जब काफी देर तक निष्कर्ष परेशान होता रहा तो काश्वी उसे देखकर मुस्कुराने लगी। निष्कर्ष की नजर उस पर गई तो उसने पूछा, “तुम्हें ये सब मजाक लग रहा है”
“नहीं क्यों?” काश्वी ने थोड़ा सीरीयस होकर पूछा
“तुम्हें कोई फिक्र नहीं हो रही, यहां हम इस तरह…” निष्कर्ष इतना कह कर चुप हो गया
“आपको पता है आपकी प्रोब्लम क्या है, आप हिंदी मूवीज बहुत देखते हो, हमेशा हर चीज बुरी नहीं होती, यहां जो है उसे इंजॉय करो, अब कोई ऑप्शन नहीं है न तो कूल डाउन” काश्वी ने निष्कर्ष की टेंशन दूर करने के लिये कहा
“अच्छा तुम्हें सब पता है न बताओ आगे क्या होगा” निष्कर्ष ने पूछा
“आगे का तो पता नहीं पर कल रात को क्या हुआ था आप क्यों चले गये और फिर सुबह भी गायब हो गये” काश्वी ने पूछा
“कुछ नहीं बस यूं ही चला गया” निष्कर्ष ने कहा
“यूं ही मतलब मेरी बात बुरी लगी” काश्वी ने पूछा
“नहीं ऐसा नहीं था, बस ऐसे ही तुमने कहा तो कुछ दिमाग में नहीं आया और समझ नहीं आया क्या करूं इसलिये चला गया” निष्कर्ष ने जवाब दिया
“अच्छा पर आज सुबह क्या हुआ आपने बताया भी नहीं कहां गये” काश्वी ने पूछा
“वो एक फोन आया था सुबह, मां की एक फ्रेंड यही रहती है उनकी तबियत खराब थी तो उन्हें देखने चला गया, सोचा
सुबह मिल आता हूं फिर बाद में तो ग्रुप के साथ रहना था इसलिये गया” निष्कर्ष ने कहा
“ओ के मतलब आप मुझसे नाराज नहीं” काश्वी ने फिर पूछा
“नहीं बिल्कुल नहीं नाराज क्यों?” काश्वी को हैरानी से देखते हुए निष्कर्ष ने पूछा
“चलो छोड़ो आपकी कहानी अधूरी है उसके बारे में बताओ” काश्वी ने निष्कर्ष से कहा
कहानी अभी नहीं अभी कुछ और बात करते हैं, ये बताओ तुम ऐसी हरकतें करती रहती हो अक्सर?” निष्कर्ष ने पूछा
“नहीं पहली बार की है..” काश्वी ने मुस्कुराते हुए कहा
"पहली बार… इस बार ऐसा क्या हुआ?” ये पूछता हुआ निष्कर्ष अब थोड़ा कम टेंशन में लग रहा है
“मेरा ऐसा कोई प्लान नहीं था मैं तो वापस लौट रही थी पर आपका फोन आया तो रूक गई” काश्वी ने कहा
“अच्छा मेरी वजह से रूक गई… तुम्हें पता है यहां से बाहर निकलने का रास्ता” निष्कर्ष ने हंसते हुए पूछा
“हां पता है, मैंने जीपीएस सेट किया था कार से स्टार्ट करके तो अब वापस जाने का रास्ता भी यही बताएगा”, काश्वी ने अपना फोन दिखाते हुए जवाब दिया
“तो फिर हम यहां क्या कर रहे हैं, वापस क्यों नहीं जा रहे काश्वी” निष्कर्ष ने झल्लाते हुए कहा
“क्योंकि इस वक्त जंगल के अंदर घूमना सेफ नहीं हैं सुबह होते ही निकल जाएंगे आपको नींद आ रही है तो सो जाओ”
काश्वी ने बात खत्म करने के लहजे में कहा
“तुम्हें क्या कहूं… छोड़ो एक काम करना कुछ भी हो तो मुझे मत उठाना मैं यहां सोने की कोशिश करता हूं” निष्कर्ष इस बार थोड़ा चिड़ कर बोला
काश्वी अपने कैमरे को ठीक करने में लगी रही, उसमें खींची गई तस्वीरों को देखते देखते कुछ तस्वीरें उसने निष्कर्ष की भी ले ली उसे बिना बताए।
सुबह की पहली किरण के साथ चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई देने लगी, ठंड भी हल्की सी और बढ़ गई, निष्कर्ष की आंख खुली तो उसे एहसास हुआ कि वो बैठे बैठे ही गहरी नींद में सो गया था, उठकर निष्कर्ष ने काश्वी को ढूंढा पर वो
वहां नहीं थी।