लडकी वह है जो किसी शादी मेँ जाने से पहले फेश वॉश फेश स्टिक कॉन्सलर आई शैडो मस्कारा लिपस्टिक लिप ग्लोज लिप पेन्सिल आई लाईनर फेश क्रीम फेश पाउडर काजल ब्लश ऑन नेल पॉलिश बॉडी स्प्रे परफ्यूम और साथ मेँ हील और एक अच्छा सा ड्रेस पहनने के बाद अपनी फ्रेँड से कहे "यार जल्दी जल्दी मेँ मैँने तो कुछ किया ही नहीँ
मां को खुशियाँ और सम्मान देने के लिए पूरी ज़िंदगी भी कम होती है। फिर भी विश्व में मां के सम्मान में मातृ दिवस मनाया जाता है। मां शब्द में संपूर्ण सृष्टि का बोध होता है। मां के शब्द में वह आत्मीयता एवं मिठास छिपी हुई होती है, जो अन्य किसी शब्दों में नह
टी.वी, रेडियो, दूरसंचार, मौसम की भविष्यवाणी करने, अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन संवादों, सुरक्षा उपायों, जासूसी करने, दूरस्थ ग्रह-नक्षत्रों का अध्ययन करने के लिए कृत्रिम अपग्रह अंतरिक्ष में भेजे जाते हैं। संसार का पहला उपग्रह स्पुतनिक-1 था। इसे 4 अक्तूबर, 1957 को सोवियत संघ से अंतरिक्ष में छोड़ा गया था। आज
दो छोटे लड़के घर से कुछ दूर खेल रहे थे। खेलने में वे इतने मस्त थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि वे भागते-भागते कब एक सुनसान जगह पहुँच गए। उस जगह एक पुराना कुंवा था , और उनमे से एक लड़का गलती से उस कुवें में जा गिरा। “बचाओ-बचाओ”, वो चीखने लगा। दूसरा लड़का एकदम से डर गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा , पर उस
एक किसान सब के सामने फाँसी पर लटक जाता है कोई उसको बचाने नही आता वहाँ पुलिस के साथ साथ मीडिया के लोग व अन्य लोग खङे थे और आज जब कोई माँफी माँग रहा है जो निर्दोश है वह नही चाहता कि किसी किसान की मौत पर कोई राजनीति हो तो अन्य उसकी इस सहानभूति पर भी राजनीति कर रहे है वाह इन्सानियत
एक बार सुकारात सुबह के समय दर्पण देख रहे थे ऐसा वह लगभग रोज करते थे ऐसा देखकर उनका एक शिश्य पीछे से मुसकरा रहा था कि सुकारात इतने बदसूरत है फिर भी दर्पण देख रहे है सुकारात ने उसे मुसकराते देखा तो पूँछा क्या बात है उसने कहा कुछ नही तब सुकारात ने कहा मै दर्पण इस लिए देखता हूँ कि और कितने अच्छे का
बहुत पहले की बात है। एक नगर मे भिखु नाम का मजदुर रहता था। दिन भर मेहनत करके अपना और परिवार का पेट पालता था। लेकिन भिखु के बारे मे एक अफवाह तेजी से नगर मे फैल रही थी। कुछ लोगो का मानना था की सुबह-सुबह भिखु का मुख देख लेने मात्र से उनका सारा काम बिगड़ जाता है तो कुछ लोगो का मानना था कि उनके साथ कुछ-न-
पाँच सच 1- हमारी सरकारें वादे ज्यादा काम कम करती है 2- लोगो का वोट जातिवादिता तथा धर्म के नाम पर भङका कर वोट लेती है 3- ये अपना अधिकतम समय पिछली सरकार की आलोचना करने मे लगाती है 4-हम गलत जानते हुए भी पार्टी का चश्मा लगाकर उसकी तारीफ करते है 5-आप सभी यह पढ़ने के बाद भी अपनी आदतें नही बदलेंगे
अभी अन्नदाता का दर्द कम नही हुआ था कि आज फिर से आसमान मेँ बादलों ने डेरा जमा लिया है अन्नदाता का कलेजा फिर से तेज धङकने लगा है क्योंकि उसकी साल भर की कमाई खेतों मे पङी है लेकिन यही बादल कुछ लोगों को सुहाना लग रहा होगा सरकार किसानो को मुवावजे के नाम पर धोका दे रही है
इस दुनिया मैँ दोलत कमाना बहुत आसान है लेकिन किसी के दिल में घर बनाना बहुत मुशकिल है मुझे जाय्दा तर्जुवा तो नही जिदगी का किन्तु अपनी उम्र के इन 19 वषों इतना तो समझ आया कि जितनी मोहब्बत अपनी मोहब्बत से की उसकी अगर आधी भी मोहब्बत मैँ अपने माँ बाप से करता तो शायद मुझे जन्नत नसीन होती पर अब शायद उन लावा
मेरी अब तक की सबसे बेस्ट स्टोरी मैँ से एक "wrongcall" का कुछ अंश आपके लिये लिख रहा हूँ ;"मोहब्बत ऐक ऐसे नशे की तरह जिसकी एक बार लत पढजाये तो उसका नशा जाके उतरता है या तो "शराब केमहखाने मैँ"या फिर"आँशुओँ के पैमाने मैँ""मोहब्बत को हम बेबफा पत्नी की तरह तलाकभी नहीँ दे सकते , मोहब्बत तो हमेँ बुढापे के ह
एक टॅाफी मिला।जैसे गुल खिला।कई दिनों से इन्तजार था।उस टॅाफी के स्वाद का।न जाने कैसा होगा स्वाद।यही दिल के अन्दर आस।तभी अचानक याद आई।वो टॅाफी मेरे हाथ में आई।स्वाद होगा कैसा आखिर।चखकर देखें इसे जरुर।तभी याद आये साथी लोग।लिये स्वाद हम तीन लोग।तब जाकर पता चला ऐसा।है इसका स्वाद मिठा जैसा।बहुत बहुत स्वाद
प्रकृति के नियम अनुसार पुरातन काल से ही परिवर्तन की लहरें चल रही हैं। समाज एवं प्रकृति में परिवर्तन एक शास्वत प्रक्रिया है। दुनिया में शायद ही कोई ऐसा समाज होगा जो इस परिवर्तन से अछूता होगा। जहां तक भारत का प्रश्न है, यह सर्विदित है कि उसके राजनीतिक इतिहास के आरंभ से बहुत पहले ही सामाजिक इतिहास का आ
भारत के इतिहास में गाय का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। अलग-अलग कालों में इसने अलग-अलग भूमिका निभाई है। सामान्यत: मानव जाति के उदयकाल तथा श्री कृष्ण जी के अवतार काल से विशेषत: गाय को भारत में बहुत श्रद्धा से पूजा जाता रहा है। भागवत में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि समुद्र-मंथन के समय क्षीरसागर से पां
! एक लङकी थी रात को आँफिस से वापस लोट रही थी तो देर भी हो गई थी पहली बार ऐसा हुआ ओर काम भी ज्यादा था तो टाइम का पता ही नही चला वो सीधे बस स्टेशन पहुँची वहाँ एक लङका खङा था वो लङकी उसे देखकर डर गई की कही उल्टा सीधा ना हो जाए तभी वो लङका पास आया ओर कहा बहन तू मौका नही जिम्मेदारी हे मेरी ओर जब तक तुझ
प्रश्न- एन.पी.पी.ए. का संबंध है-(a) पेंशन फंड की देखभाल से(b) नेशनल प्रोडक्ट के निर्धारण से(c) राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण से(d) राष्ट्रीय योजनाओं के निर्धारण सेउत्तर-(c) http://ssgcp.com/%E0%A4%B5%E0%A5%88%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A
सफलता के 20 मँत्र " 1.खुद की कमाई से कम खर्च हो ऐसी जिन्दगी बनाओ..! 2. दिन मेँ कम से कम 3 लोगो की प्रशंसा करो..! खुद की भुल स्वीकारने मेँ कभी भी संकोच मत करो..! 4. किसी के सपनो पर हँसो मत..! 5. आपके पीछे खडे व्यक्ति को भी कभी कभी आगे जाने का मौका दो..! 6. रोज हो सके तो सुरज को उगता हुए देखे..! 7. ख
Mai abhimani hun. kyo ki mai bharat jaise vishal ganrajya me rahta hun. mere apni kuch abhiyuktiya hai jise mai pradarshit karne ke liye swatantra hun. jiske liye mera savidhan mujhe azadi deta hai. bharat jaise vishal rashtra me vibhinn prakar ke dharm avam samuday k log rahte hai. aur en sabhi vib
ये छोटी सी कहानी मेरी आप लोँगोँ के लिये मेरा बचपन है कहानी छोटी सी मेरी, सुनाता हु आपको को पुरी. बचपन से ही मुझे शौक कुछ अलग करने की, कुछ भी अलग करने की चाहता हो जाती गलती मुझसे हो जाती शौक अधुरी। शैतान था बचपन से ही पर था सबका लाडला, गलती करता हर बार, पड़ती थी दाँट. माँ की फटकार पापा का प्यार हा ह
ये Women's Day वगैरह विदेशी टँटा है टोटल । तुम महिलाओँ 'का' ध्यान रखो अपन महिलाओँ 'पर' ध्यान रखते हैँ । तुम साल मेँ एक दिन महिला महिला कर लेते हो इधर अपन एक दिनमेँ दस बार माँ बहन करते हैँ ।और ये कौन बक रहा था कि अपन महिलाओँ को नजरअँदाज करतेहैँ?? अरे उसकी प्रोफाइल पिक तक नहीँ छोड़ते, बकायदा जूम करकर