*संपूर्ण विश्व में हमारा देश भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अनेक धर्म , संप्रदाय के लोग एक साथ निवास करते हैं | धर्म , भाषा एवं जीवनशैली भिन्न होने के बाद भी हम सभी भारतवासी हैं | किसी भी संकट के समय अनेकता में एकता का जो प्रदर्शन हमारे देश में देखने को मिलता है वह अन्यत्र कहीं दर्शनीय नहीं है | हमें पढ़ाया गया है कि एकता में शक्ति है इसका अर्थ यहीं हुआ कि मजबूत बने रहने के लिए एकजुट रहना आवश्यक है | एकजुट होकर के किसी भी बड़े से बड़े संकट से लड़ा जा सकता है क्योंकि जब हम एक हो जाते हैं तो विरोधी चाहे जितना प्रबल हो उसके छक्के छूट जाते हैं | परतंत्र भारत को स्वतंत्र कराने के लिए हमारे पूर्वजों ने एकता का जो उदाहरण प्रस्तुत किया था वह संपूर्ण विश्व के लिए मिसाल बन गया था | अंग्रेजों की सेना एवं उनके शासन को यदि भारत से खदेड़ा गया तो उसका एक ही कारण था "भारत की एकता" किसी एक नायक के आवाहन पर संपूर्ण भारत एकजुट होकर के किसी संकट से किस प्रकार ने पड़ता है इसका उदाहरण हमको कल अर्थात २२ मार्च २०२० को देखने को मिला | शायद इसीलिए एकता की शक्ति को सर्वश्रेष्ठ शक्ति कहा गया है | जब धर्म , भाषा एवं संप्रदाय का भेदभाव भुलाकर संपूर्ण भारत एक साथ खड़ा होता है तो विश्व के अन्य देश भारत की ओर आश्चर्य भरी दृष्टि से देखने लगते हैं , यही हमारे भारत की महानता है | हमारे देशवासी भले ही एक दूसरे के प्रति मन में वैमनस्यता रखते हों परंतु जहां बात देश के ऊपर आती है वहां सारी वैमनस्यता किनारे रख कर के एकजुटता का उदाहरण देखने को मिलता रहा है | यह सत्य है कि जब हम एकजुट हो जाते हैं तो हम किसी भी चीज या किसी भी मजबूत दुश्मन के साथ लड़ सकते हैं क्योंकि एकजुट होकर हम ज्यादा शक्तिशाली हो जाते हैं | जब मनुष्य एक इकाई के रूप में कोई काम करता है वह काम बहुत ही अच्छे ढंग से पूर्ण हो जाता है और वही काम जब मनुष्य अकेले करने का प्रयास करता है तो वह संघर्ष करते-करते कमजोर पड़कर थक जाता है | इसलिए एकता की शक्ति को पहचानना परम आवश्यक है |*
*आज संपूर्ण विश्व में "कोरोना" नामक महामारी ने अपना पांव पसार लिया है , समस्त विश्व के चिकित्सक एक-एक करके इस संक्रमण के आगे कमजोर पड़ते जा रहे हैं | यद्यपि हमारा देश भारत भी इस संक्रमण की चपेट में है परंतु हिम्मत ना हारते हुए तथा इस संक्रमण के मर्म को समझते हुए हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने एक दिन के जनता कर्फ्यू का आवाहन किया और मैं "आचार्य अर्जुन तिवारी" आश्चर्यचकित हूँ कि एक आवाहन पर पूरा भारत बंद हो गया | अनेक प्रकार के भेदभाव होने के बाद भी जिस प्रकार कल का वातावरण देखने को मिला वह अपने आप में एक अप्रतिम उदाहरण है | एकजुट होकर के पूरे देशवासियों ने दिनभर स्वयं को अपने घरों में बंद रखा और सायंकाल ५:०० बजते ही सैनिकों , चिकित्सकों एवं इस महामारी से लड़ने में सहायता करने वालों के सम्मान में जिस प्रकार एक साथ शंख , घंटा - घड़ियाल एवं थाली - ताली का वादन प्रारंभ हुआ वह इस संक्रमण के विरुद्ध शंखनाद तो था ही साथ ही संपूर्ण विश्व के लिए आश्चर्यचकित कर देने वाला था | यह दृश्य देख कर के हमारे भारत में रह रहे या विश्व के अन्य देशों में भारत को तोड़ने का दिवास्वप्न देखने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि हम अनेक होते हुए भी संकट के समय में एक हो जाते हैं | जब हमने एक होकर के बड़े से बड़े संकट को भी पछाड़ दिया है तो यह विश्वास है कि कोरोना नामक इस संक्रमण को भी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए परास्त करने में अवश्य सफल होंगे | आवश्यकता है सरकार के दिशा निर्देशों के पालन एवं स्वयं के सुरक्षा की क्योंकि जब हम सुरक्षित रहेंगे तभी देश भी सुरक्षित है और स्वयं की सुरक्षा स्वयं का बचाव करके ही हो पाएगी इसलिए घरों में रहकर एकजुटता का प्रदर्शन करते रहे |*
*जैसा कि यह ज्ञात हो गया है कि "कोरोना" का संक्रमण छुआछूत से फैलता है तो ऐसे में सरकार की आवाहन को ध्यान रखते हैं अपने घरों में बैठकर इस महामारी से लड़ने में एकजुट होकर सहयोगी की भूमिका निभाना हम सभी का कर्तव्य है |*