5 सितम्बर 2017
51 फ़ॉलोअर्स
आचार्य अर्जुन तिवारी पुराण प्रवक्ता / यज्ञाचार्य ग्राम व पोस्ट - बड़ागाँव (रेलवे स्टेशन) तहसील - सोहावल थाना - रौनाही जनपद - श्री अयोध्या जी पिन - २२४१२६ बचपन से ही भगवत्पथ के पथिक बनने की चाह में कुछ लिखना प्रारम्भ किया ! शनै: शनै: कीर्तन - रामायण का आश्रय लेते हुए अपनी शिक्षा आचार्य तक पूरी की तथा पिताजी से ज्ञानार्जन करके पुराणों की कथाओं का अध्ययन करते हुए व्यासपीठ पर पुराणों का प्रवचन एवं ब्राह्मणोचित यज्ञादि कर्म सम्पन्न करवाते हुए लेखन के क्षेत्र में भी सूक्ष्म प्रयास करते रहे ! आज हमारी कई पुस्तकें शब्दनगरी के प्लेटफॉर्म प्रकाशित हैं ! D
आदरणीय आपकी बात बहुत ही विचारणीय है --------- सच में पुरुष अपने आचरण पर अंकुश ना लगकर नारी के लिए मर्यादा की सीमायें तय करने में अधिक रूचि रखते हैं -- जबकि ये दोहरा चरित्तर ही समाज परिवार के लिए घातक है | मर्यादा जितनी नारी के लिए जरुरी है उतनी ही पुरुष के लिए भी ---------- सही लिखा आपने ------- हार्दिक आपका आपका
5 सितम्बर 2017