*मानव जीवन एक संघर्ष है | इसमें उतार चढाव लगे रहते हैं | जीवन में सफलता का मूलमंत्र है :- साहस | जिसके पास साहस है वह कभी असफल नहीं होता है | साहस के ही बल पर संसार में मनुष्य ने असम्भव को भी सम्भव कर दिखाया है | कहते हैं कि ईश्वर भी उसी की सहायता करता है जिसके पास साहस होता है | इतिहास में उन्हीं का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है जिन्होंने कठिन कुसमय में भी प्रभु की शरण एवं साहस का त्याग नहीं किया | चाहे वह वीर बालक अभिमन्यु रहा हो , या वीर शिवाजी , महाराणा प्रताप या फिर वीर अब्दुल हमीद ये ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपने साहस के बल पर ही अपना नाम किया है | कभी कभी ऐसा समय आता है कि मनुष्य किंकर्तव्यविमूढ हो जाता है कि क्या करे ! ऐसे कुसमय में उसका साहस ही उसका सम्बल होता है | अयोध्यापति महाराज हरिश्चन्द्र का साहस अनुपम उदाहरण है | राज्य छुट गया , पत्नी एवं पुत्र बिछड़ गये , अपने पद के विपरीत चाकरी भी करते रहे परंतु उन्होंने साहस नहीं छोड़ा | बस परिस्थितियों सामना करते रहे , और अंत में विजय भी प्राप्त हुई | मनुष्य को कभी भी साहस नहीं छोड़ना चाहिए | कहा भी गया है :- "हारिये न हिम्मत , बिसारिये न राम" | आज भी
समाज में कई उदाहरण देखने को मिलते हैं जहाँ दुर्भाग्यवश भरे पूरे परिवार के सदस्य एक एक करके प्रभु की शरण (मृत्यु) को प्राप्त करते रहते हैं , और परिवार का मुखिया अकेला ही रह जाता है | उसका साहस एवं प्रभु की शरण का भरोसा ही उसे संसार में सम्बल प्रदान करता है | उसी साहस के सम्बल से वह अपना जीवन प्रभु को या सत्कार्यों में समर्पित कर देता है | जिसके जीवन में साहस नहीं है वह मृत के समान ही है |* *आज सभी लोग अपने तनाव भरे जीवन से बहुत ग्रसित दिखाई पड़ते है और इस तनाव के चलते उनका जीवन बहुत नकारात्मकता की और बढ़ता चला जा रहा है | मनुष्य इस तनाव एवं घबराहट के कारण जहां अपने सामाजिक जीवन से दूर हो जाता है वहीं तरह तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है | इन समस्याओं के कारण वह निर्णय लेने में भी अपने आपको असमर्थ समझने लगता है | यह स्थिति बहुत समय तक यदि बनी रहती है तो वह मानसिक दबाव का शिकार होने लगता है | पहले की अपेक्षा आज के दौर में कार्य का दबाव अधिक हो गया है प्रत्येक मनुष्य को अपने कार्य में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है | यदि व्यक्ति बैंककर्मी है तो उसे अपने लक्ष्य पूरे करने होते है और यदि वह इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाता है तो उसे अपनी
नौकरी से हाथ धोने पड़ सकते है , यदि वह व्यापारी है तो उसे अन्य व्यापारियों से बेहतर प्रदर्शन करना होता है और यदि कोई बेरोजगार है तो फिर उसके क्या कहने | यह सभी स्थितियां मनुष्य को तनाव की ओर ले जाती है और इन सब विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए हमें सदैव यह स्मरण रहना चाहिए की यह परिस्थितयां सभी के साथ होती है | केवल हम ही इनसे नही गुजर रहे है इसलिए इनसे भागने की बजाये हमें ऐसे समय में साहस को अपनी ढ़ाल बना लेना चाहिए | यह समझना चाहिए की इस समस्त संसार को चलाने वाला कोई और है जो समय आने पर सभी रास्ते खोल देता है इसलिए हमें जीवन की किसी भी आपात स्थिति से न घबराते हुए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए |* *प्रत्येक मनुष्य को सदैव “ हारिये न हिम्मत , बिसारिये न राम ”! को ह्रदय कि गहराई में उतार लेना चाहिए | जिसने भी यह बात अपने जीवन में उतार ली वह निश्चित ही स्वंय को सफलता के शिखर पर ले जा सकता है |*