जुबां से कहूं तभी समझोगे तुम इतने भी नादां तो नहीं होगे तुम अपना दिल देना चाहते हो मुझे मतलब मेरी जान ले जाओगे तुम भड़क उठी जो चिंगारी मोहब्बत की फिर वो आग ना बुझा पाओगे तुम इश्क में सुकूं तभी मिलेगा जब जिस्म से रूह में समाओगे तुम प्यार करना कोई वादा न करना वरना बेवफा कहलाओगे तुम अब तो कहते हैं दुश्म
किसी की मोहब्बत में खुद को मिटाकर कभी हम भी देखेंगे अपना आशियां अपने हाथों से जलाकर कभी हम भी देखेंगे ना रांझा ना मजनूं ना महिवाल बनेंगे इश्क में किसी के महबूब बिन होती है ज़िंदगी कैसी कभी हम भी देखेंगे मधुशाला में करेंगे इबादत ज़ाम पियेंगे मस्ज़िद में क्या सच में हो जायेगा ख़ुदा नाराज़ कभी हम भी देखेंगे
चक्षुओं में मदिरा सी मदहोशीमुख पर कुसुम सी कोमलतातरूणाई जैसे उफनती तरंगिणीउर में मिलन की व्याकुलताजवां जिस्म की भीनी खुशबूकमरे का एकांत वातावरणप्रेम-पुलक होने लगा अंगों मेंजब हुआ परस्पर प्रेमालिंगनडूब गया तन प्रेम-पयोधि मेंतीव्र हो उठा हृदय स्पंदनअंकित है स्मृति पटल परप्रेम दिवस पर प्रथम मिलन
गौर से देखा उसने मुझे और कहालगता है कवि हो तुम नश्तर सी चुभती हैं तुम्हारी बातें लेकिन सही हो तुम कहते हो कि सुकून है मुझे पर रुह लगती तुम्हारी प्यासी है तेरी मुस्कुराहटों में भी छिपी हुई एक गहरी उदासी है तुम्हारी खामोशी में भी सुनाई देता है एक अंजाना शोर एक तलाश दिखत
*कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष* शिक्षा से रहे ना कोई वंचित संग सभी के व्यवहार उचित रहे ना किसी से कोई कर्ष कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष भले भरत को दिलवा दो सिंहासन किंतु राम भी वन ना जायें सीता संग सबको समान समझो सहर्ष कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष मिलें पुत्रियों को उनके अधिकार पर न
वर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएँ कोस कोस परबदले पानी, चार कोस पर बानी भारत मेंविभिन्न प्रान्तों व समुदायों के नववर्षआज 2019 का अन्तिम दिन है – दिसम्बर माह का अन्तिम दिवस... और कल वर्ष 2020का प्रथम दिवस - पहली जनवरी – जिसे लगभग हर जगह नव वर्ष के रूप मेंमनाया जाता है | सबसे पहले तो सभी को कलसे आरम्भ हो
साथी उसे बनाओं जो सुख दुख में साथ दे.ना कि उसे जो सिर्फ तस्वीरों में आपकी शोभा बढ़ाएं.शिल्पा रोंघे
स्वर्गीय बाला साहब का नारा ‘मराठा मानुष’ से सत्ता की चाह तक उद्धव ठाकरे डॉ शोभा भारद्वाज एक मई 1960 बाम्बे प्रेसिडेंसी टूटने के बाद दो नये राज्यों का निर्माण हुआमहाराष्ट्र एवं गुजरात बाला साहब ठाकरे कोमहाराष्ट्र के राजनीतिक धरातल का भरपूर ज्ञान था | वह ‘मराठी मानुष के गौरव’ के ना
महोदय आपको सादर प्रणाम मैंने कुछ दोहे आपको लिंक में भेंजे है आपको अच्छा लगे तो सूचित करे ...और प्रकाशित कर सके तो बड़ी कृपा होगी बहुत बहुत धन्यबाद रुपेश धनगर मथुरा 9410490520 9760986966
"नुक्कड़ की मुलाकात"ये झिनकू भैया भी अजीब किस्म के इंसान है, जब भी मिलते हैं गाँव के नुक्कड़ पर ही मिलते हैं। यहाँ तक तो ठीक है पर मिलते ही किसी न किसी समस्या के जनक बन जाते हैं। लगता है इनकी कुंडली के सारे ग्रह झगड़ालू विरादरी से ताल्लुक रखते हैं। पूजा के लिए दुकान पर अगरबत्ती लेने आये थे आना भी चाहिए
सीए कोर्स को लेकर छात्रों और उनके माता पिता की यह धारणा है की यह एक बहुत ही महंगा कोर्स है और इस कोर्स की फीस बहुत अधिक है | लेकिन यह बिलकुल ही गलत धारणा है | इस कोर्स की फीस को इतना सामान्य रखा गया है की किसी भी वर्ग का सामान्य छात्र भी यह कोर्स कर सकता है और CA बनने के अपने सपनों को पूरा कर सकता
वर्ष 1925 में विजयादशमी के पावन दिवस पर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा एक शाखा प्रांरभ कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई थी। वर्ष 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी सौवीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। किसी भी संगठन के लिये 100 वर्ष पूर्ण करने का अत्यधिक महत्व होता है, क्योंकि इतने लम्बे सम
🏵💐🌼🌹🏵💐🌼🌹🏵💐🌼🌹🏵💐🌼🌹 *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम*🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼 *जय श्रीमन्नारायण* सभी मित्रों को की श्री सीताराम -------------- आज जीवन में ना जाने कितने उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और अक्सर देखा जाता है की एकता अत्यधिक चिंता ग्रस्त होकर अपने जीवन को समाप्त करने तक की योजना
★★★★★★★★★★★★★★आजूबाजू में हैं- मोबाइल खेलते हैं!चाँद है पास हमिमून तक भूलते हैं!!★★★★★★★★★★★★★★दिल धड़कता है महसूस गर करते।राह पर चलते, गर नहीं- बहकते।।ठहर जाना हीं काबलियत है।खुशबुओं में बह जाना हीं ज़िंदगी है।।दिल धड़कता है महसूस गर करते।राह पर चलते, गर नहीं बहकते।।★★डॉ. कवि कुमार निर्मल★★
पुरस्कारमेरे अच्छे कर्मों के लिए,मुझे पुरस्कार है मिला।मेरी प्यारी प्यारी बहना,उसका वाह क्या है कहना।धरती मिली है भारत जैसीजो है हमारी माँ के जैसी।ये पर्यावरण मिला है ऐसापिता जैसे सब देते वैसा।और मिले संस्कार महानजैसे प्यारा हिंदुस्तान।एक पुरस्कार और मैं चाहूं,किसी को भूखा न मैं पाऊँ।देना है तो दे द
विप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार डॉ शोभा भारद्वाज रावण के भय से सम्पूर्ण ब्रह्मांड थर्राने लगा दस सिर बीस भुजाओं एवं ब्रह्मा जी से अमरत्वका वरदान प्राप्त राक्षस राज रावण निर्भय निशंक विचर रहा था हरेक को युद्ध मेंललकारता |रावण का पुत्र मेघनाथमहत्वकांक्षी ,रावण के समान बलशाली पिताको समर्पित
CA की सैलेरीदेश में चार्टेड अकाउंटेंट एक प्रतिष्ठित जॉब है | चार्टेड अकाउंटेंट बनने के बाद आप चाहे तो स्वतंत्र रूप से भी काम कर सकते है | CA कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्र और उनके माता पिता के मन में एक
जाने चले जाते हैं कहाँ ,दुनिया से जाने वाले, जाने चले जाते हैं कहाँ कैसे ढूढ़े कोई उनको ,नहीं क़दमों के निशां अक्सर मैं भी यही सोचती हूँ आखिर दुनिया