भाग (16)👩👨❣️💞💓💕💕 अपनी इच्छाओं से परेशान छवि बहुत ही दुखी हो गई ये प्यार- व्यार कुछ नहीं है &nbs
भाग (15)छवि ने वैभव का स्वागत करती हुई बोली" आप आ गए मुझे यकीन नहीं हो रहा,तुम ने इतने दिल से जो बुलाया था कि मैं
पैरोडी : गम का फसाना बन गया अच्छा एक बहाना बन गया सच्चा लड़का : इधर तो आना अरी ओ री दीवानी
भाग (13)💞💞💞💞💞सुबह जब आँख खुली तो देखा दिन बहुत ही चढ़ गया था रात को क्या हुआ ये छवि को याद ही नहीं लेकिन जैसे ही खिड़की की ओ
खुशी की शादी के अब कुछ ही दिन बचे हुए थे, जिस कारण ख़ुशी को बहुत चिंता थी कि बाकी काम कैसे होगा खुशी के घर वाले भी शहर ही आ गए थे क्योंकि लड़का&nb
भाग (11)💞💞💞💞💞 छवि ने पूरी लगन और मेहनत से अपने फाइनल एग्जाम दिए छवि के चेहरे की मुस्कुराहट से पता चलता है कि वो अपने सुखद परिणाम की&nbs
भाग(10)जैकी और छवि दोनों एक साथ कुछ समय बिताने लगे, कॉलेज के बाद छवि अपने कामों में ज्यादा व्यस्त हो जाती वो दिल की
भाग(9)💕🌺💕🌺💕🌺💕 छवि ने बहुत कोशिश करके अपने को संभाल के रखा, छवि को आज भी कुनाल से प्यार है या उसके झूठ ने सभी को इस
भाग(8)💞💞💞💞💞छवि अपने को अन्य कामों में व्यस्त रखती थी कभी मायूस भी हो जाती तो खुद को समझा लेती पर वो प्यारी सी मुस्कान कन्हि गुम ह
छवि का जीवन अस्त- व्यस्त हो गया था क्या दिल टूटने पर इंसान इतना मानसिक रोगी हो जाता है ?कि उसे और अपने आस -पास के लोगों का तनिक भी ख्याल नहीं रहता। श
भाग (6)💓💓💔💔 सुबह जब हुई तो वही रात की बेचैनी थी छवि के चेहरे पर थी फोन को उठाकर देखा कोई मै
कुनाल के मन मे छवि की छवि छप गई, दोनों ने एक दूसरे के मन मे जगह बनाली थी, छवि कुनाल की पसन्द के कपड़े पहनती कुनाल का नाम आ
भाग (4)💞💞💞💞💞 कुनाल ने हाय भेजी.....! है पर नबंर कैसे पहुँचा कैसे...? लेकिन इस सवाल को साइड करते हुए वो भी हाय....!! लिख भेजती है और फो
भाग (3) छवि की नजर जैसे ही खिड़की से नीचे की ओर गई तो हैरान रह गई उसने देखा कि कुनाल कार के बोनट पर बैठा खिड़की की तरफ ही देख रहा है , ये देख
💝 लव लाइफ 💞💞💞💞💝 (भाग 2) खुशी बेचैन होकर बाहर ही इंतजार कर रही थी, कार को रुकता देखकर खुशी के होठों पर मुस्कान आ गई,
पांव भी तभी थिरकते हैं जब दिल खुशी से ता ता थैया करता है ये दिल का उत्साह ही तो है जो पांवों को थिरकने पे विवश करता है कोई भगवत् भक्ति में थिरकता है कोई पेट भरन
लाजो जी को रितिका का यूं उठकर जाना अच्छा नहीं लगा था । प्रथम की शादी को पांच साल हो गये थे मगर अभी तो "मैडम" जी का मन "मस्ती" करने में ही रमा हुआ है । घर गृहस्थी की जिम्मेदारी क्या बुढापे में संभालेगी
एक सुबह आर्यमा अपने काम के लिेये निकलने ही वाली थी कि उसके फोन पर एक मैसेज आया, “मैं आ रहा हूं आज शाम”, आर्यमा मुस्कुराने लगी, बादल का मैसेज था। कुछ साल पहले बादल और आर्यमा एक साथ काम कर रहे थ
चूड़ी बोले कंगना डोले मनवा क्यों खाए हिचकोले हार सिंगार कुछ ना सुहाए दिल में भड़क रहे हैं शोले तुम बिन सजन मैं कुछ नहीं ये ठंडी पवन क्या कह रही रिमझिम सावन तड़पा रहा