सौन्दर्य प्रतियोगिताओं का असर —मित्रो दस साल पहले भारत से कई विश्व सुंदरियां बनी इसके पीछे विदेशी कंपनियों की सोची समझी साजिश थी .– कई प्रसाधन बनाने वाली कम्पनियां भारत में अपन
वर्तमान में देखा जाए तो महिलाओं पर आधुनिक शिक्षा का प्रभाव काफी हुआ ,समान्यता आज भी यह माना जाता है कि महिलाएं अपने जीविकोपार्जन के लिए काम नहीं करती और उनके लिए षिक्षा की आवष्यकता नहीं थी । ऐसे बात भक्ती आंदोलन की करें तो उन्हों ने रूच
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीन तलाक के मुद्दे पर तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा -''मुस्लिम महिलाओं से क्रूरता है तीन तलाक ''.आरम्भ से हम सुनते आये कि मुसलमानों में बस पति ने कहा ''तलाक-तलाक-तलाक'' और हो गया तल
नोटबंदी और पुराने नोट बदलने के लिए आ रही दिक्कतों के बीच एक महिला कांस्टेबल ने मिसाल पेश की है. इस महिला कांस्टेबल को कैशियर ने गलती से ज्यादा दे दिए थे, जिसे लौटाने के लिए वह दोबारा बैंक पहुंची.महिला कांस्टेबल के ईमानदारी की मिसाल कायम करने का यह मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का है. यहां कांस्
खूबसूरती की कोई सीमा नहीं होती और ना ही उसकी कोई परिभाषाी होती है। खूबसूरती आंखों का नजरिया और हमारे दिमाग की सोच है। किसी कोई कोई खूबसरत लगता है तो दूसरे को वो बदसूरत। लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसी महिला की तस्वीर वाय रल हो गई है, जिसे देखना वाला शख्स उनकी खूबसूरत
यूपीएससी परीक्षा में उसे 85 वें रैंक (पूरे भारतमे)के साथ, “संजुक्ता पाराशर” एक आरामदायक डेस्क काम के लिए चुनी जा सकती थीं। जवाहरलाल विश्वविद्यालय से Ph.Dकरने के बाद औरदो साल बेटे के होने के बावजूद उन्होनें एक कठिन रास्ता चुना जैस्पर चलते हुए वो हर रोज आतंक से लड़ रही
ये केसा दौर आ गया इंसान खुद ही खुद को मार रहा है ।बेटे की अती चाहत में बेटी को तु क्यों मार रहा है ।।अपने मान समान के कारण ग़लत क़दम तु क्यों उठा रहा है ।बेटे की अती चाहत में बेटी को तु क्यो मार रहा है ।।बेटीयॉं घर की लक्ष्मी है पगले बेटीयॉं घर की शान है ।बेटियों की ही बदौलत से तो यह सारा संसार है ।
आदर्श नारी के गुण बखान करती कविता - ******************************************** @@@@@@@@ सुलखण नार @@@@@@@@ ************************************************************ घर -मन्दिर की जो हो देवी ,पूजे जिसको उसका भरतार | जीवन में ही स्वर्ग मिल जाए ,पाकर पत्नी सुलखण नार || जान हो जो अपने बच्चों की ,पत
नारी , तुम किसकी बराबरी करना चाह रही हो ? नर की , जिसे तुम जन्म देती हो !कुछ बड़ा और अलग करो , देवी ।
नारी "-ईश्वर की सर्वश्रेष्ठतम कृति ================== ‘नारी तुम केवल श्रद्धा हो विश्वास रजत नग, पग-तल में, पीयूष स्रोत सी बहा करो जीवन के सुन्दर समतल में।' वास्तव में नारी इन पक्तियों को चारितार्थ करती है।नारी श्रद्धा,प्रेम,समर्पण और सौंदर्य का पर्याय है। नारी अमृत तुल्य है क्योंकि वह जीवन देती है,
सूर्य में कितनी ऊर्जा है ये उसे नहीं पता ,चन्द्रमा में कितनी शीतलता है ये उसे नहीं पता ,फूल अपनी सुगंध से अवगत नहीं है ,हीरा अपने मूल्य से अंजान है
ईश्वर ने पावन प्रतिमा ऊपर से उतारी है .
@@@@@@@@- नारी- @@@@@@@@इस दुनिया की शोभा है , इस दुनिया की रौनक है |खुश रखें सदा इसको ,रचा कुदरत ने है जिसको ||जिसकी दीवानी सृष्टि सारी,वो नारी है कहलाती |बुझे -बुझे मर्दों का मन ,नारी ही तो बहलाती ||घर में पायल खनकाती ,मन का मोर नचवाती |पतली कमर लचकाती ,प्यार में आकर इठलाती ||इस दुनिया की शोभा है
आज पुरुष और नारी समानता का युग होने के बावज़ूद, अभी भी नारी अत्याचार की इतनी घिनौनी कुप्रथाएं मौजूद है कि जिन्हें जानकर आप दाँतों तले उंगली दबा देंगे। नारी अत्याचार की क्रृरतम कुप्रथाएं | आपकी सहेली ज्योति देहलीवाल
सामान्यतः मनुष्यों को जल, भाफ, अग्नि, विद्युत, वायु, गैस आदि की शक्ति का तो अनुभव हुआ करता है, परन्तु ‘शब्द’ में भी कोई ऐसी शक्ति होती है, जो स्थूल पदार्थों पर प्रत्यक्ष प्रभाव डाल सके, इस पर उनको शीघ्र विश्वास नहीं होता। वे यह तो मान सकते हैं कि मधुर शब्दों से श्रोता का चित्त प्रसन्न होता है कठोर श
वैदिक काल में नारी की स्थिति अत्यन्त उच्च थी। उस काल में यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता की कहावत चरितार्थ होती थी। भारतीयों के सभी आदर्श रूप नारी में पाए जाते थे, जैसे सरस्वती(विद्या का आदर्श), लक्ष्मी(धन का आदर्श), दुर्गा(शक्ति का आदर्श), रति(सौन्दर्य का आदर्श) एवं गंगा(पवित्राता का आदर
@लाज है नारी का गहना,इसका मत व्यापार करो@*******************************************************नारी जिस्म-फ़रोशी का , बन्द यह बाजार करो ।लाज है नारी का गहना,इसका मत व्यापार करो ॥नारी के जिन उरोजों पर,शिशुओं का होता है अधिकार।मिलती है जिनसे उनको , उज्ज्वल पावन जीवन-धार॥सरे आम उघाड़ कर उनको , न उन पे
नारी तुम मुक्त हो।नारी तुम मुक्त हो। बिखरा हुआ अस्तित्व हो। सिमटा हुआ व्यक्तित्व हो। सर्वथा अव्यक्त हो। नारी तुम मुक्त हो।शब्द कोषों से छलित देवी होकर भी दलित। शेष से संयुक्त हो। नारी तुम मुक्त हो।ईश्वर का संकल्प हो।प्रेम का तुम विकल्प हो। त्याग से संतृप्त हो। नारी तुम मुक्त हो
1980 में जब मास्को में हुए ओलंपिक में पहली बार महिला हॉकी को शामिल किया गया तो भारत की महिला हॉकी टीम भी पहली बार इतने बड़े स्पर्धा में भाग लेने गई थी। भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए पहली बार कप्तानी का जिम्मा रूपा सानी ने निभाई थी। भारतीय महिला टीम ने मास्को के ओलंपिक में चौथा स्थान प्राप्त किया था।
भावुकता स्नेहिल ह्रदय ,दुर्बलता न नारी की ,संतोषी मन सहनशीलता, हिम्मत है हर नारी की ........................................................................भावुक मन से गृहस्थ धर्म की , नींव वही जमाये है ,पत्थर दिल को कोमल करना ,नहीं है मुश्किल नारी की.................................................