संघर्षों के गंभीर अरण्य में,
जब खुद को तुम एका पाओ ,
तब याद किसी को करने का
पहला अधिकार मुझे देना .....
दरवाज़े पर बन कर भिक्षुक
जब मृत्यु , अटल सी खडी रहे,
तब दान - दक्षिणा देने का
पहला अधिकार मुझे देना. ...
अंतिम शय्या कैसी भी हो
करते सब मरने की इच्छा,
मैं मरूँ तुम्हारे अंकों में
पहला अधिकार मुझे देना. ...
हे प्रिये ! देव-वरदानों को
वापस सहर्ष मैं कर दूँगा,
अपनी साँसों में घुलने का
पहला अधिकार मुझे देना. ...
........मेरी पुस्तक 'तुम से ' का अंश