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पहला प्यार

7 अक्टूबर 2024

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मां नर्मदा के पावन दर्शन सदा ही सुखमय होता है लेकिन जैसे आज उसे कुछ ज्यादा ही सुखद अनुभव हो रहा था, उसे मैं लगातार देख रही थी, वह अपनी धुन में नमामि देवी नर्मदा की बांसुरी बजा रही थी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि अगले ही पल उसने.....
"पंख होते तो आती रे"बजाना शुरू किया, यह उसके नित्यक्रम से कुछ हटकर था।
              

वह निरंतर संध्या में नर्मदा आरती ऐसे ही सुनाती थी, बहुत से लोग तो जैसे उसे सुनने ही आते हो, सुंदर,सुकोमल और भक्ति से भरपुर उसकी निर्मल साधना मन मोह सी लेती थी, लेकिन समय के अभाव में मैंने उसे बीच में रोककर जल्दी घर चलने को कहा। 


आते समय वह अपनी मस्ती में चली जा रही थी, लेकिन मैं उसकी हर हरकत को ध्यान से देख रही थी, उसका हाल ठीक उस शराबी की तरह था जो अपने आप में सामान्य समझता है, लेकिन सही हाल तो दूसरे ही जानते हैं, हर मंदिर,मजार पर माथा टेकना आज कुछ अस्वाभाविक सा था क्योंकि अक्सर लोग तभी ऐसा करते हैं जब उसे कुछ पाने की मनसा हो या मिल गया हो।
              

आखिरकार हम रूम आए और अपने काम में व्यस्त हो गए। लेकिन ना जाने क्यों वह बार-बार आंटी के घर फोन की घंटी पर उठकर बहाने से बाहर जाती, और फिर वापस आकर बैठ जाती,आखिरकार जैसे ही आंटी ने आवाज दी। 
वह दौड़कर हां आंटी मेरा फोन आया,यह बोलकर सीढ़ी उतरने लगी, आंटी ने मुस्कुराकर हां कहा, आंटी हर बात का ध्यान रखती थी और हमारी हर बात को दूसरे फोन पर सुनती थी, शायद इसलिए वह सब जानती भी थी (उनकी तरफ से एक सुरक्षात्मक उपाय भी था)

काफी देर बात करने के बाद जब वह रूम आई तो मैंने उससे पूछा, क्या कुछ खास बात है , उसने बस ऐसे ही का जवाब दिया और फिर अपनी मस्ती में खो गई। खाना बनाने में मदद भी नहीं कि, ऐसे ही खाना खाकर गुड नाइट बोली और डायरी लिखने बैठ गई। मैं भी गुस्से में गुड नाइट बोलकर सोने चली गई। 
         


लेकिन मेरी उत्सुकता ने मुझे सोने नहीं दिया, सुबह जब वह ट्यूशन जा चुकी थी, तो मैंने उठकर देखा उसकी डायरी खुली हुई थी, मेरे मन का चोर जागा और मैं अपनी उत्सुकता को रोक ना पाई मैंने डायरी पढ़ना शुरू किया...

दिनांक- 01.09.2000

मैं अपनी प्यारी सहेली के साथ आज उसके घर उसकी बड़ी बहन की शादी में जा रही हूं, सफर काफी अच्छा और सुहाना सा लगता है।

दिनांक- 02.09.2000

उसके बड़े भाई को देखकर जैसे मैं अजीब सा रोमांच सा लगता है ,मैं ना जाने क्यों उनकी ओर खींची सी चली जा रही थी, कैसे भी उनसे मिलने और बात करने का बहाना ढूंढ रही थी, लेकिन कोई उपाय ना देख मैं उनके काम में हाथ बंटाने लगी, और इसी दौरान जैसे ही मिठाई के पैकेट को हाथ में लेकर उनका हाथ मेरे हाथ को स्पर्श करता हुआ मेरा शरीर  रोमांचित हो उठा, जिससे मेरा रोम-रोम पुलकित सा हो उठा, हम कुछ सोचे इससे पहले ही मामी ने आकर दूसरे काम में उलझा दिया।

दिनांक- 03.09.2000

पूरी रात एक अजीब से सुखद अनुभव के साथ बिताने के बाद सुबह उठकर जल्दी से किचन में जा पहुंची, जिसका कारण कुछ और था, जैसे ही किचन में पहुंची तो ठीक मेरी सोच के अनुसार वह पहले से किचन में उपस्थित थे, जैसे ही मुझे देखा बोले......
आ गए मैडम जी मुझे मालूम था, यह चल क्या रहा है तुम्हारे दिमाग में..... मैं स्तंभ सी रह गई यह सुनकर...
लो पी लो चाय कह कर चाय का कप आगे बढ़ाया, और जैसे ही चाय का कप लेने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया, उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी और मुझे खींच लिया, मैं तो जैसे दूसरे दुनिया में ही चली गई, सिर चकराने लगा, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं.....क्या कहूं?     
ऐसे लगा जैसे गिर ही जाऊंगी। लेकिन अगले ही पल उनके  चुंबन ने जैसे संपूर्ण रोमांच के साथ जगा दिया, मैं प्रफुल्लित हो उठी।  
            

पहले छोटी की शादी कर ले, फिर अपनी देखेंगे ,वादा रहा, अगर आपकी हा रही तो शादी आपसे ही करेंगे। लेकिन फाइनल ईयर है तो पर पढ़ लो, फिर यह सब भी हो जाएगा। 
मैं मैं चुप सी रह गई, समझ नहीं आ रहा था कि वह मुझे समझा रहे हैं या प्यार का इजहार कर रहे हैं।

मैं कुछ कह पाती,इसके पहले ही आंटी (उनकी मम्मी) आ गई और बोली बेटा चाय मिली ,मीठी तो है ना, और हां थोड़ा सीमा आंटी को भी चाय दे दो, बोलती हुई इस घटना से अनजान बनते हुए चली गई, क्योंकि उनकी नजरों ने सब देख लिया था। 
फिर पूरे दिन उन्होंने मुझे अपने घर से परिचित कराते हुए बहुत से काम बताए। मुझे तो जैसे सब अपना सा ही लग रहा था।

दिनांक- 04.09.2000

आज मुझे किसी बहाने से बुलाकर आंटी सबसे मिलवा रही थी या या कहो, सब को एक संकेत देना चाह रही हो,
लेकिन विदाई के बाद दादी तो दादी है, उन्होंने आते समय मेरे हाथ में तोड़ा मोड़ा 100 का नोट थमाते हुए बोली उम्र हो गई है, इसे सगुन समझकर रख लो और जल्दी आना, यह सुनकर सब ने उनको बड़ी गौर से देखा और मैंने भी शरमा कर उनके चरण छुए और हां, बोल कर आप भी आइएगा दादी बोल कर वापस आ गए।

दिनांक- 20.10.2000

मुझे  बस इंतजार है कि  पेपर समाप्त हो...

दिनांक- 21.10.2000

मुझे मेरे सहेली( रूम पाटनर )में ननंद सा एहसास होने लगा है। मैं उससे खुलकर सब बताना चाहती हूं, लेकिन डर सा लगता है।

दिनांक- 14.12.2000

मां का फोन आया, मैं झूम उठी जैसे मेरी सारी मुरादें पूरी हो गई, आज दादी ने आकर रिश्ता तय कर दिया, मैं बहुत खुश हूं और कल ही अपनी प्यारी सहेली होने वाली ननद को उनके घर वालों से पहले बताऊंगी सुबह मंदिर ले जाकर ,
               

मैंने डायरी वापस पढ़कर यथावत वैसे ही रख दिया और अपने काम में लग गई, उसके वादे के अनुसार वह सब छोड़कर जो मैं जान चुकी थी, यह बताया कि मेरे घर से उसके लिए रिश्ता आया है, वह बहुत खुश दिख रही थी। 
मैंने भी उसे गले लगाकर बधाई दी, आखिर वह मेरी होने वाली भाभी जो थी। 
मैंने आज तक यह किसी को नहीं बताया कि मैंने उसकी डायरी पढ़ ली थी। लेकिन हां मां ने उनके बहू बनकर घर आने के बाद यह जरूर बता दिया था कि वह किचन की सब बात जानती है।

समाप्त


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रचनाएँ
डायरी और कलम
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अकेलापन भी दूर हो जाता है, अगर साथ में डायरी और कलम हो....
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🪔दीपोत्सव🪔

23 अक्टूबर 2022
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दीप चाहे जो जले उजाला होना चाहिए घर तेरा हो या मेरा दीपावली होना चाहिए तू बाँट मेरी खुशी मैं तेरे गम बाँट लु त्यौहार तो है सबका पहले मैं और क्या पहले तू तू भी है हकदार हर खुशी का तेरी भी है दि

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बाल दिवस

14 नवम्बर 2022
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मेरी आँखों से गुजरी जो बीते लम्हों की परछाईं न फिर रोके रुकी ये आँखें झट से भर आयीं वो बचपन गुजरा था जो घर के आंगन में लुढ़कता सा मैं भीगा करती थी जिसमें वो सावन बरसता सा याद आई मुझे माँ ने थी जों

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नए वर्ष की शुभकामनाएं

1 जनवरी 2023
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नए साल के स्वागत में नई खुशी नई उमंगे लाएंगे हो नया सवेरा जीवन में निराशा के अंधेरों को मिलकर दूर भगाएंगे नए ख्वाब नए अरमान ले नूतन स्वप्न सजाएंगे भूल पुरानी बातों को नव उत्सव उत्साह मनाएंगे जिंदगी

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विश्व हिंदी दिवस

10 जनवरी 2023
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हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा का महत्व सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में काफी अधिक है। हिंदी भाषा भारत देश का गौरव है। भारत की राजभाषा

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राष्ट्रीय बालिका दिवस

24 जनवरी 2023
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दोस्तों आइये आज हम बेटियों के ऊपर चर्चा करते हैं । आज भी हमारे देश में ऐसे सोच वाले लोग है जो बेटे और बेटी में भेदभाव करते हैं , क्योकि ऐसे लोगों को लगता है कि बेटे पूरी जिंदगी हमारे साथ रहकर हमारी से

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बिना शर्त का प्रेम

9 फरवरी 2023
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दुर्बलता, उदासीनता और निराशा जैसे उसके जीवन का अंग बन चुका था, ना जाने क्यों इतनी प्रसिद्धि पाने के बाद जिस कारण से कुछ दिनों से जिस भी प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लेता, उसे निराशा ही हाथ लगती है,

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जीवन में कुछ नया

16 मार्च 2023
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जीवन में कुछ नया नया हो तो कुछ बात अच्छी लगे पुराने ज़ख्मों पे मरहम नया लगे तो जीवन में कुछ अच्छा लगे,किसी को खाना हज़म नहीं तो किसी को रोटी न मिलेये भेद अगर मिट जाये तो जीवन में कुछ अच्छा लगे,द

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नवरात्र

22 मार्च 2023
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माँ एक बार फिर सेधरती पर उतरकर देखोआप देख नहीं पाओगी डरी सहमी बेटियों के चेहरेनहीं मिटा पाओगी आप भी मानस पटल पर अंकितउन बेटियों के जख्म गहरेमाँ आप उन्हें गोद में लेकरसहला लोगी थोड़ी देर बहला

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रामनवमी

30 मार्च 2023
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केवट की भक्ति भरी गगरीफल मीठे बेर लिए शबरी,है धन्य अयोध्या की नगरी,अवसादों में जब घिरना,न्याय नीति पर राम अड़े,संग सखा वीर हनुमान खड़े,पशु-पक्षी तक हैं युद्ध लड़े,धन्य हुआ उनका तरना,जो राम नाम रघुराई&

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मजदूर दिवस

1 मई 2023
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मजदूर हूं मैं मजबूर नहीं हां मैं तुमसा नशे में चूर नहीं,निर्माता तो हूं मैं इस जग का,है फक्र मुझे कुछ गुरुर नहीं ईश्वर का दिया वरदान हूं मैं, हर प्रलय परतः निर्माण हूं मैं,नल नील सा बन

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ओडिशा ट्रेन दुर्घटना

3 जून 2023
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किसी की आशा उम्मीदें और वह प्यार रहा होगा, रही होगी किसी की छुट्टी, जुदाईया इतवार रहा होगा, किसी को मिलन की आस होगी तो किसी को अपनों से मिलने का इंतजार रहा होगा,घर से कोई अपने

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विश्व पर्यावरण दिवस

5 जून 2023
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वृक्षारोपण कर करे ,उत्सव की शुरुआत , पर्यावरण की सुरक्षा ,सबसे पहली बात । 🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳नदियाँ मुझसे कह रही,चुभता एक सवाल , कहाँ गया पर्यावरण, जीना हुआ मुहाल । 🌲🌲🌲🌲🌲

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उत्सव

8 जून 2023
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जिंदगी को कुछ इस तरह से सजाए,हर दिन नए नए उत्सव मनाए ,चलो सबको मिलकर गले से लगाए ,मधुर स्वर सरगम का साज फैलाए,हर दिन दिवाली के दीप जलाए,होली के रंगों से सबको हम रंगाए,सारे ग़म भुला कर खुशी को अपनाए ,ग

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Father's day 💐

18 जून 2023
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मैं अपने पापा की प्यारी सी परी हूंपापा अपने जज्बातो को आँसूओ मे बहा नहीं पाते पापा हैं न प्यार जता नहीं पाते...मेरी खुशी में खुश बहुत होते हैं लेकिन खुशी जता नहीं पाते पापा है

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Friendship day

5 अगस्त 2023
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अजब सी है यारी हमारी कभी होती है कड़वी तो कभी फूल से भी प्यारीज़िन्दगी के इन सालों में कुछ रिश्ते हैं ऐसे बुनेजैसे काँटों में से हमने हैं फूल चुनेयारों ने दी इस दिल को कुछ ऐसी खुशीजिसका रहेग

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रक्षाबंधन

29 अगस्त 2023
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यह भाई बहन का रिश्ता बडा प्यारा हैयह ना बधां होता किसी डोर से हैयह दिल से दिल का रिश्ता हैमन को उमंग से भरने का किस्सा हैना इसमें कोई छोटा बड़ा हैयह दोस्ती का एक रिश्ता हैहां इसमें नोकझोंक भी हो

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी

6 सितम्बर 2023
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मिलता है सच्चा सुख केवल कृष्ण तुम्हारे चरणों में, यह विनती है पलपल छिन छिनरहे ध्यान तुम्हारे चरणों में, मिलता है सच्चा सुख केवल कृष्ण तुम्हारे चरणों में,चाहे संकट ने आ घेरा हो&nbsp

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हिंदी दिवस

13 सितम्बर 2023
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अपनों में अपनों से तिरस्कृत, इसी व्यथा में जीती हिंदी भाषा पुरातनों से मिली तू स्वर्ण धरोहर,छोड़ तुझे अपनाएं पीतल और कासा पाठ्यक्रमों में भी खूब पढ़ाए, अंग्रेजी जिंगल बेल पहेली&nbs

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बेटियां

24 सितम्बर 2023
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कभी अपने आप में शून्य नजर आती है बेटियां !कभी अपने आप को भीड़ में पाती है बेटियां!कभी किसी गिरे को संभालती है बेटियां!कभी किसी टूटी पतंग सी खुद गिर जाती है बेटियां!कभी अपने आप को बोझ सा पाती है बेटिया

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श्री राम

22 जनवरी 2024
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श्री राम नाम का महत्व है क्या, हर संघर्ष में राम-रामत्व है क्या,कभी अगर तुम संकट में फंस जाओ,एक बार रामचरितमानस पढ़ जाओ।श्री राम नाम रघुराई है। हमारे जीवन की यही दवाई है। सारे महामंत्र

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वो यादगार गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 2024
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26 जनवरी 2013,,, हां बिल्कुल ठीक 11 वर्ष पूर्व नौकरी के शुरुआती कुछ साल काटने के बाद, संडे और पब्लिक हॉलिडे के चक्कर से ऊब चुका मेरा विद्यार्थी जीवन फिर से एक बार उन दिनों में लौट जाना चाहता था, जहां

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एक दोस्ती ऐसी भी..

3 अगस्त 2024
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अरे यह क्या, भला यह कैसे संभव है, ऐसा तो नहीं हो सकता। लेकिन मंडल साहब माता बंगलामुखी के अनन्य भक्त होने के साथ-साथ अदृश्य शक्तियों को बहुत मानते थे। लेकिन आज तो जैसे उन्होंने अपने खुली आंखों से चमत्क

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अनेकता में एकता 🇮🇳

15 अगस्त 2024
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सोनम..... सोनम.......सुनकर तुम्हारा नाम सोनम ही है ना? सुनकर अचानक वह चौंक पड़ी, पलट कर देखा लेकिन उसके पहले वह कुछ समझ पाती एक जोरदार झटके ने उसे अपनी ओर खींच लिया। &nb

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दर्द भरी पुकार

16 अगस्त 2024
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बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा अब बंद करो, क्या कुछ पल के लिए सोना उसकी इतनी बड़ी भुल है, क्या सच में बेटियां स्वतंत्र है, इसका क्या कोई जवाब है? यह कैसी चीत्कार है कैसी दर्द भरी पुकार है इसमें वेदना

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नारी का सम्मान

24 अगस्त 2024
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दुनिया कहती है अक्सर ये कुछ नहीं आता उस महिला को, झूठी रश्मों में बंधी है धारी तलवार है वो महिला, संसार का यही दस्तूर है अबला नारी का कौन हुआ हो जाता शून्य वजूद है उसका जब जब जो भी मौन हुआ, अगर वो श

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी

26 अगस्त 2024
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कब तक भटके श्याम मेरे इस कालचक्र के पथ पर काले बादल घुमड़ रहे हैं भावों के अध्यात्मिक रथ पर।छाया चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा हमें अर्जुन सा पथ दरसा दो खाली पड़ी मन की भूमि,निर्म

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हमारा सतरंगी प्यार

30 अगस्त 2024
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मैं हृदय की पीड़ा सी तुम इश्क सुहाने से मैं प्रेम में खोयी सी तुम मस्त मौला से मैं भावना में बही सी तुम भाव के स्वप्न से।मैं पौधो में कांटो सी तुम प्रेमरस कलिका सेम

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सपनों की किताब

2 सितम्बर 2024
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मैं तुम्हारे सपनों की किताब जैसे हुं,तुम कभी मुझे एहसासों में पढ़ो,तुम कभी मुझे जज्बातों में पढ़ो ,तुम हर शब्द में मुझे पढ़ो,मैं तुम्हारे सपनों की किताब जैसे हुं।तुम कभी मेरी खुशी को पढ़ो,तुम कभी मेरे

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शिक्षक दिवस

5 सितम्बर 2024
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गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।आप सभी को शिक्षक दिवस की ढेरों शुभकामनाएं🙏💐भारत में सबसे पहले शिक्षक दिवस 5 सितंबर, 1962 को मनाया गया था।

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हिंदी दिवस

13 सितम्बर 2024
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हिंदी तु भाग्यशालीजन-जन की परिभाषामुख वाचाल क्यानेताओं को भी तुमसे आशासंस्कृत वृहद रूपजिसे जनमानस ने अपनायासमस्त भाषाओं को समेट अपने मेंएक नया रूप दिखलायाक्या शास्त्र क्या उपन्यासतेरी सेवा में किये कव

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पुरानी यादें

14 सितम्बर 2024
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कभी हमें भी याद किया तो होता,हमारे भी जज़्बात को पढ़ा तो होता।तुमसे है यह शिकायत शिकवा हमें,हमसे कभी बात करके देखा तो होता।वो गुजरी पुरानी यादें मोहब्बत की,कभी प्यार का इज़हार किया तो होता।आके द

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समय और जीवन

16 सितम्बर 2024
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अमनोल है ये जीवन और समय आज जीने का मौका है इस जिन्दगी को खुलकर जी लो,तुमको किसने रोका है, यही जीवन की एक यात्रा है, जिंदगी एक सांस का झौंका है,न जानें किस समय ये सांस रुख जाये,ना इ

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मेरी मां

19 सितम्बर 2024
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माँ, जननी, अम्मा, अम्मी, आईइन शब्दों मे पूरी दुनिया समाई अपने पराए सारे रिश्ते धोखा दे देएक मां ही है जो अपने आंचल की छांव दे।जिस दिन मैं धीमी स्वर में बात करूंपता नही मां कैसे पहचान लेते है&nbsp

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ईर्ष्या और लालच

24 सितम्बर 2024
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तुम इस ईर्ष्या लालच को पहचानते हैं,फिर क्यों तुम इस लालच को अपनाते हैं।लालच देकर झूठी फ़ाईलो में छिपा कर, गरीबों की जिन्दगी बहुत महंगी तोलते हैं।चुनाव करीब आते तब याद इनको आती,हमें लालच देकर नये

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जय माता दी

3 अक्टूबर 2024
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हे माँ दुर्गा श्रोत्र व धारा , हे माँ दुर्गा तुम महाशक्ति स्वरूपा,हे नवरात्रि की नवो शक्ति माँ,हे माँ दुर्गा देर भई अब तुम्हें पुकारे,अब तो देखो हमारे मन के द्वारे,हे माँ अब तुम ना दे

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पहला प्यार

7 अक्टूबर 2024
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मां नर्मदा के पावन दर्शन सदा ही सुखमय होता है लेकिन जैसे आज उसे कुछ ज्यादा ही सुखद अनुभव हो रहा था, उसे मैं लगातार देख रही थी, वह अपनी धुन में नमामि देवी नर्मदा की बांसुरी बजा रही थी, लेकिन चौंकाने वा

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सबसे अनमोल है माता पिता

8 अक्टूबर 2024
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माता पिता के प्यार का कोई मूल्य नहीं होता,इनकी सेवा करने से बड़ा कोई तीर्थ स्थल नहीं होता,जिसके होने से मैं खुद को मुकम्मल मानती हूं,मेरा पहला दूसरा सारा प्यार मेरे माता पिता को ही मानती हूं।माता-पिता

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दुनियां

25 अक्टूबर 2024
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कश्मकश में जी रही थी न खुशी थी न रो रही थी यूँ समझ लो कि बंदिशों में जी रही थी मेरा भी हसीन सपना थागैर नहीं वो मेरे दिल में बसा अपना थाकद्र उनको मेरी न थीवो बेफिक्र से लगते थे

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पर्यावरण अनुकूल जीवन

26 अक्टूबर 2024
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मिलकर करे पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत , पर्यावरण की सुरक्षा यह ही सबसे पहली बात।नदियाँ हमसे कहती है चुभता हमेशा एक सवाल,कहाँ गया पर्यावरण अब कैसा जीना हुआ मुहाल।बादलों से पूछो जरा क्या है पानी की

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सच्चा प्रेम पत्र

4 नवम्बर 2024
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आज का टॉपिक देखहमें वह जमाना याद आया,वह दिन रंगते जुनून का सोच अजीब सा नशा छाया खो गए उन पुरानी यादों में जब अक्सर बातें हुआ करती थी वादों मेंतब बातें नहीं अक्षर बयां करते थे प्या

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आशातीत मां

9 नवम्बर 2024
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यह बात बिल्कुल सत्य की एक मां के लिए उनके बच्चों से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नहीं होता है। लेकिन क्या एक बच्चे भी अपने माता-पिता को उतना ही प्यार करते है,,,,,,हां, वह तो ठीक है चाचा जी, लेकिन आपने मानस

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बिना रंग की दुनिया

28 नवम्बर 2024
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बेरंग सी दुनिया में क्या है जज्बात,जैसे तुमने की थी इश्क की शुरुआत।कभी करीब दिल के आकर देखो,समझ लोंगे तुम मेरे दिल के हालात।जो देखें थे हमने सपने साथ साथ,आओ कभी करेंगे फिर से वहीं बात।दूर से ही मुझे ए

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सफलता

30 नवम्बर 2024
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खुद तकदीर अपने हाथ से लिखते जाओ तो,जिंदगी की किताब खुद से पढ़ते जाओ तो।असंभव कुछ भी नही अगर तुम ठान लो तो, एकाग्रता से अगर आगे बढ़ते जाओ तो।वो और होगे जो डर जाते है तूफां के सामने,जंग की हर

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