दीप चाहे जो जले
उजाला होना चाहिए
घर तेरा हो या मेरा
दीपावली होना चाहिए
तू बाँट मेरी खुशी
मैं तेरे गम बाँट लु
त्यौहार तो है सबका
पहले मैं और क्या पहले तू
तू भी है हकदार
हर खुशी का
तेरी भी है दिवाली
जानती हूं तेरा बेटा
सरहदे हिंद की
करता रखवाली
तू जला दिया
रख दरवाजे पर
कर उजाले
देखिए यह रात काली
अंदाज नहीं तुझे
तू खास है
क्योंकि तुझसे ही है
होली - दीपावली
तूने भेजा जो बेटे को
सरहद पार
तभी हम हैं बेखौफ
मत कर चिंता
आती हूं लेकर मैं
तेरे घर कुछ मिठाई
तेरे दिल में रहता है
बना डर हरदम
मैं मानती हूं
तेरी हर मुस्कान
और दुआओं में
छिपा राज मैं जानती हूं
मिलकर हम सब
दुआ करते हैं
महफूज रहे तेरा लाल
तभी तो है यहां
दिवाली और होली में
उड़ती गुलाल
कौन कहता है
बंदे ने बंदगी छोड़ी
और ईश्वर खुद
ना करता किसी का सजदा
जिस कठिनाई में जीते हैं
वह हर दम मौत से खेले
हम क्या खुद ईश्वर भी हैं
उन पर फ़िदा
छोड़ चिंता चल जला दिए
मनाएंगे दिवाली
हर ले जो समाज का क्लेश
कट जाए यह रात फिर काली
यह दिन सबके लिए
खुशियां बनकर आए
क्या अमीरी और क्या गरीबी
दिए जले सबके घर
क्या जोसेफ, मुन्ना,
जसमीत और सलीम
हिंदुस्तान है यह
सबके त्यौहार मनाए
गले मिले ईद में सबके
और सब के त्यौहार अपनाए
ईद, क्रिसमस, गुरुनानक
और दीपावली की
भी क्या बात
की देखो कितना प्यार
यहां हर पल मिलती
खुशियों की सौगात
और क्या कहूं फिर
जितना लिखूं कम है
हम है हिंदुस्तानी
फिर भी क्या तुझको गम है
काट लेते हर गम मिलकर
बांट लेते खुशहाली
छोड़ो चिंता जलाए दिए
और मिलकर मनाए दिवाली
सबको मिले खुशियां
और समृद्धि ...................
🙏आप सभी को मेरे तरफ से दिवाली की शुभकामनाएं 🙏
🥀शुभ दीपावली 🥀
❤💐यह रचना उन भाइयों और उनके परिवारों के लिए जो सरहद पर रहकर हमारी रक्षा करते, ताकि हम अपने परिवार के साथ सारे त्यौहार मना पाए💐❤