किसी की आशा उम्मीदें
और वह प्यार रहा होगा,
रही होगी किसी की छुट्टी, जुदाई
या इतवार रहा होगा,
किसी को मिलन की आस होगी
तो किसी को अपनों से
मिलने का इंतजार रहा होगा,
घर से कोई अपने तो कोई
अपनों की खातिर निकला होगा,
गांव या शहर से कोई दिल में ख्वाब लिए
तो कोई सपनों के खातिर निकला होगा,
निकला था हर कोई
कुछ ना कुछ यह जरूर सोचकर
कोई दिल मसोटकर निकला होंगा,
तो कोई निकला होंगा अपनों
के आसूं पोंछकर,
किसने सोचा था कि वो शिकार होंगा
किसी की लापरवाही का,
मरने वाला कोई मजबूर था
लेकिन अपने घर का सच्चा सिपाही था,
किसी ने नम आंखों से
वापसी का किया होगा वादा,
तो किसी ने ठाना होगा
घर की गरीबी मिटाने का वादा,
कौन करेगा अब वह सपनों को पूरे
क्या पैसे ही पूरे करते हैं सब ख्वाब,
हर कोई करेगा राजनीति अब
लूटा देश की संपत्ति खुद को समझेगा नवाब।
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बहुत ही दर्दनाक हादसा ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर से भीषण हादसा। अब तक हजारों की संख्या में यात्री घायल व 200 से ज्यादा लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद ! हम विनम्र आदरांजलि अर्पित करते हैं, मृतकों के परिजनों को ये दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।
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