बातों में तेरे जाने क्यों अब लगता है जैसे मन तेरा
अजनबी होने का अहसास है
धरती को जब भी में देखता तो सोचता हू की धरती कितनी सुन्दर और महान है परन्तु हम आ
🌷🌹"नारी जानो सोये.."🌹🌷 "यत्र नार्यस्तु पूज्यंत
कभी जब घर आँगन, खेतिहर जमीनों में, धूल भरी राहों में, जंगल की पगडंडियों में भोली-भाली शांत दिखने वाली फाख्ता (पंडुकी,घुघूती) भोजन की जुगत में कहीं नजर आती तो उस पर नजर टिक जाती। उसकी भोलेपन से भरी प
कल बादल , जमीन पर उतर आये, उनसे अपने ही पानी का बोझ, नहीं बना उठाते.
आज फिर सर्द हवा चल रही है, लगता है जैसे भयानक तूफान आने वाला है । थोड़ी देर पहले ही नर्स ने चाय क
बच्चे मन के सच्चे होते हैं। उन्हें जो भी बोलो वैसा ही करने लगते हैं। उन्हें हंसने को
मैं हूं बिता हुआ पल ना आने वाला फिर मै कल मुम्मकिन नहीं फिर से मुझे तुम
तड़प-तड़प के इस दिल से जो आवाज निकलती हैं,उसे कौन सुनता हैं, बार-बार ये खयाल आये,क्या वो आकाश धर