🍀🏵️🍀🏵️🍀🏵️🍀🏵️🍀🏵️🍀🏵️
*‼️ भगवत्कृपा हि केवलम् ‼️*
🚩 *सनातन परिवार* 🚩
*की प्रस्तुति*
🌼 *वैराग्य शतकम्* 🌼
🌹 *भाग - छियालीसवाँ* 🌹
🎈💧🎈💧🎈💧🎈💧🎈💧🎈💧
*गताँक से आगे :---*
*यदा मेरुः श्रीमान्निपतति युगान्ताग्निनिहितः*
*समुद्राः शुष्यन्ति प्रचुरनिकरग्राहनिलायाः !!*
*धरा गच्छत्यन्तं धरणिधरपादैरपि धृता*
*शरीरका वार्त्ता करिकल भकर्णाग्रचपले !! ७१ !!*
*अर्थात्:-* जब प्रलय की अग्नि के मारे श्रीमान सुमेरु पर्वत गिर पड़ता है; मगरमच्छों के रहने के स्थान समुद्र भी सूख जाते हैं; पर्वतों के पैरों से दबी हुई पृथ्वी भी नाश हो जाती है; तब हाथी के कान की कोर के समान चञ्चल मनुष्य की क्या गिनती ?
*अपना भाव:---*
इस संसार में आदिकाल से लेकर आज तक एक से एक बड़े बलवान यहाँ आये परंतु काल बली से आज तक कोई भी नहीं बच पाया ! *जब काल सुमेरु जैसे पर्वतों को जला कर गिरा देता है, महासागरों को सुखा देता है, पृथ्वी को नाश कर देता है, तब इस छोटे से चञ्चल मनुष्य की क्या गिनती ?* इसके नाश में कौन सा आश्चर्य ?
*कहा गया है:--*
*मेरु गिरत सूखत जलधि, धरनि प्रलय ह्वै जात !*
*गजसुत के श्रुति चपल त्यौं, कहा देह की बात !!*
*×××××××××××××××××××××××××××××*
*एकाकी निस्पृहः शान्तः पाणिपात्रो दिगम्बरः !*
*कदा शम्भो भविष्यामि कर्मनिर्मूलनक्षमः !! ७२ !!*
*अर्थात्:-* हे शिव ! मैं कब अकेला, इच्छा रहित और शान्त होऊँगा ? कब हाथ ही मेरा पात्र होगा और कब दिशाएं मेरे वस्त्र होंगे ? मैं कब कर्मों की जड़ उखाड़ने में समर्थ होऊँगा ?
*अपना भाव:--*
इस संसार में सभी सुख की ही कामना करते रहते हैं , प्रत्येक व्यक्ति सुखी ही रहना चाहता है ! इस सुख को प्राप्त करने के लिए उसके द्वारा अनेकों कुकृत्य भी करते रहते हैं ! सुख क्या है और सुखी कौन है ? यह जान लेना परमावश्यक है ! *हमारे शास्त्र बताते हैं कि* एकान्त वास करना, इच्छाओं को त्याग देना, शान्त रहना, हाथ से ही पानी वगैरह पीने के बर्तन का काम लेना, दिशाओं को ही वस्त्र समझना; यानी नग्न रहना और कर्मो की जड़ उखाड़ने में समर्थ होना - *ये ही कल्याण के मार्ग हैं । जिनमें ये गुण हैं, वे धन्य हैं और वे ही सच्चे सुखिया हैं |*
*सारांश:--*
*एकाकी इच्छा-रहित, पाणिपात्र दिगवस्त्र !*
*शिव शिव ! हौं कब होऊंगा, कर्मशत्रु को शस्त्र ?*
*××××××××××××××××××××××××××××××××××*
*!! भर्तृहरि विरचित "वैराग्य शतकम्" षष्ठचत्वारिंशो भाग: !!*
*शेष अगले भाग में:--*
🌸🌳🌸🌳🌸🌳🌸🌳🌸🌳🌸🌳
आचार्य अर्जुन तिवारी
प्रवक्ता
श्रीमद्भागवत/श्रीरामकथा
संरक्षक
संकटमोचन हनुमानमंदिर
बड़ागाँव श्रीअयोध्याजी
(उत्तर-प्रदेश)
9935328830
🍀🌟🍀🌟🍀🌟🍀🌟🍀🌟🍀🌟