मामला अम्बेडकर नगर जिले के अलीगंज थाने से जुड़ा है. इस थाने पर तैनात दरोगा रविन्द्र प्रताप सिंह खुलेआम घूस लेने की बात स्वीकार करते हुए कैमरे में कैद हुआ है.
उत्तर प्रदेश पुलिस का बेशर्म चेहरा एक बार फिर सामने आया है. मामला अम्बेडकर नगर जिले के अलीगंज थाने से जुड़ा है. इस थाने पर तैनात दरोगा रविन्द्र प्रताप सिंह खुलेआम घूस लेने की बात स्वीकार करते हुए कैमरे में कैद हुआ है.
दरअसल, एक पासपोर्ट के मामले में अलीगंज थाने पर तैनात दारोगा रविन्द्र सिंह ने आवेदक से रिपोर्ट लगाने के नाम पर 2000 रुपए की मांग की थी. काफी मोलभाव के बाद आवेदक ने 1400 रुपए रुपए दे भी दिए, लेकिन उसके बाद भी दारोगा ने रिपोर्ट नहीं लगाई.
इसके बाद जब आवेदक अपने किसी परिचित को लेकर दारोगा के पास गया. वहीं बातचीत में खुद दारोगा ने यह बताया कि इसी पासपोर्ट के पैसे से पुलिस थाने के तमाम खर्च चलते हैं. यह पूछने पर कि पासपोर्ट के लिए कितना पैसा निर्धारित किया गया है, तो दारोगा बताता है कि कोई निर्धारित नहीं है, जितना वसूल लिया जाए.
दारोगा ने बताया कि अगर एसओ साहब कह देंगे तो एक भी पैसा नहीं लगेगा. दारोगा ने जिस तरह से खुलकर घूसखोरी की बात की है उससे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में थानों और पुलिस की क्या हालत होगी.
स्थानीय लोगों के मुताबिक, सच्चाई भी यही है कि बिना घूस दिए आप का कोई भी काम पुलिस से नहीं करवा सकते. इसमें सिपाही, दारोगा से लेकर पुलिस के बड़े अधिकारियों तक का हिस्सा होता है.
पासपोर्ट जैसे संवेदनशील मुद्दे पर जहां पुलिस पैसा लेकर काम करती हो वहां यह समझा जा सकता है कि किसी भी अपराधी, आतंकी या असामाजिक तत्व का पासपोर्ट बनना कितना आसान रहता होगा.