पटना: हाल ही में हुए टॉपर घोटाले के बाद बिहार में शिक्षा व्यवस्था की जो तस्वीर दुनियां के सामने आई थी उसने बिहार का सिर सबके सामने झुका दिया था. लेकिन बिहार की ही एक बेटी ने ये साबित कर दिया कि बिहार में ना तो कभी प्रतिभा की कमी रही है और ना ही कभी होगी. आईएएस, आईपीएस और इंजीनियर उगलने वाली बिहार घरती पर इस बेटी ने साबित कर दिया कि बिहार में अब भी वो माद्दा है कि पूरी दुनिया के सामने वो खुद का लोहा मनवा सके. बिहार के मुंगेर जिले की मीनाक्षी सिन्हा ने आइंस्टीन की लाइट थ्योरी को चैलेंज किया है. आइंस्टीन ने अपने शोध में कहा था कि प्रकाश की गती नहीं बढ़ती है, लेकिन 11 वीं में पढ़ने वाली मीनाक्षी का दावा है कि प्रकाश की रफ्तार को बढ़ाया जा सकता है. मिनाक्षी को अपने दावे के क्षेत्र में सफलता भी मिली है.
नासा और कैम्ब्रिज ने भी लगाई मुहर
मीनाक्षी के इस शोध पर नासा और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने भी मुहर लगाई है. फिलहाल मीनाक्षी नासा के साथ मिलकर डार्क इनर्जी और ब्लैक होल्स के रहस्यों पर काम कर रही है. आपको बता दें की नासा ने 2014 में पूरी दुनिया से जिन 20 जुनियर साइंटिस्ट का चयन किया था उसमें मुंगेर की मीनाक्षी का भी नाम था. नासा हर 10 साल के बाद पूरी दुनिया से 20 विलक्षी प्रतिभा से धनी जुनियर इंजीनियरों को चयन करता है. जिसके साथ मिलकर नासा रिसर्च पर काम करता है.
बिहार की नाम किया रौशन
11 वीं में पढ़ने वाली मीनाक्षी ने अपनी इस उपलब्धी से बिहार का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है. मीनाक्षी बिहार में मुंगेर के एक छोटे से गांव सुभाष नगर की रहने वाली है. मीनाक्षी के पिता योगा टीचर है और मां जुवेनाईल बोर्ड की मेंबर है. मीनाक्षी की शुरुआती शिक्षा नॉट्रोडेम स्कूल से हुई है और फिलहाल इंटर की पढ़ाई बी.आर.एम महिला कॉलेज से कर रही है.
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