जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!
जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!
(लूका 6:46)
जी हां मित्रों आज यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जो यीशु मसीह ने कहा तुम मुझे हे प्रभु हे प्रभु क्यों कहते हो जब तुम मेरा कहना ही नहीं मानते आज बहुत सारे विश्वासी सच में यीशु मसीह का कहना नहीं मानते ना तो उसके वचन के अनुसार चलते हैं बल्कि अपने मन के अनुसार करते हैं और हे प्रभु हे प्रभु भी कहते रहते हैं ऐसे में क्या परमेश्वर उनकी प्रार्थना को सुनता है क्या परमेश्वर उनकी प्रार्थना का उत्तर देता है क्या वे लोग स्वर्ग जाएंगे यह एक बहुत बड़ा सवाल है जिसके विषय में यीशु मसीह बता रहे हैं!
यीशु मसीह ने अपने वचन को अपने से ज्यादा महत्वपूर्ण बताया है और आगे बताया कि जो कोई मेरी बातें मानता है वह अपना घर उस चट्टान पर बनाता है जो आंधी तूफान आने पर भी नहीं हिलती यानी मसीह जीवन परमेश्वर के वचन के ऊपर बना होना चाहिए मसीह का वचन एक चट्टान के समान जो हमें जीना सिखाता है जो हमें लड़ना सिखाता है!
कुछ ऐसे विश्वासी है जिन्होंने अपना घर मसीह के वचन के अनुसार चट्टान पर बनाया है लेकिन एक बड़ी संख्या ऐसे मसीहो की है जिन्होंने अपना घर बालू के ऊपर बनाया है और इसीलिए वह हे प्रभु हे प्रभु चिल्लाते रहते हैं और जीवन में संघर्ष करते रहते हैं लेकिन जीवन संघर्ष में हार का मुंह देखते निराशा का मुंह देखते हैं क्योंकि उनका घर बालू के ऊपर बना है जो जरा सी मुसीबत आने पर ढह जाता है!
यीशु मसीह मरा था कि हम नर्क जाने से बच जाएं और मरने के बाद स्वर्ग चले जाएं क्योंकि यह संसार तो हमको जल्दी छोड़ना है और यहां कोई हमेशा रहने वाला नहीं है चाहे कोई धनवान हो या कंगाल सबको यहां से जाना है लेकिन जाना कहां है यह सब से बड़ा सवाल है? केवल दो जगह है एक नरक दूसरा स्वर्ग इन दो में से एक जगह हमको मिलेगी सबको स्वर्ग पसंद है किसी को नरक पसंद नहीं लेकिन स्वर्ग में जाएगा कौन? इसका जवाब है कि जो यीशु मसीह की आज्ञा को मानता है यीशु मसीह की आज्ञा ही परमेश्वर की इच्छा है!
लोगों का विचार है कि ज्यादा प्रभु का काम करने से स्वर्ग मिलेगा परंतु प्रभु का काम करने से स्वर्ग नहीं मिलेगा उसकी आज्ञा मानने से स्वर्ग मिलेगा यीशु मसीह कहते हैं कि न्याय के दिन बहुत से लोग कहेंगे हे प्रभु हे प्रभु हमने तेरे नाम से भविष्यवाणी की दुष्ट आत्माओं को निकाला और बड़े-बड़े चमत्कार किए परंतु मैं उनसे साफ-साफ कह दूंगा कि मैं तुम्हें नहीं जानता है सब कुकर्म करने वालों मेरे पास से उस नरक की आग में चले जाओ!
(मत्ती 7: 21-23 )
आज बड़े-बड़े प्रभु के दास और बड़े-बड़े विश्वासी बहुत बड़े बड़े चमत्कार यीशु के नाम में कर रहे हैं यह अच्छा है और ऐसा करना भी चाहिए लेकिन चमत्कार करने वाले गलत काम भी कर रहे हैं सब तो नहीं कर रहे परंतु बहुत से लोग कर रहे हैं चमत्कार हो या ना हो लेकिन गलत काम नहीं होना चाहिए जो उसकी आज्ञा है वह माननी पड़ेगी जो उसकी आज्ञा मानते हैं वह बुद्धिमान है उसका घर चट्टान पर है यह चट्टान यीशु मसीह है !
(कुरिन्थियों10:4 )
परंतु जो उसकी आज्ञा नहीं मानता उसका घर बालू पर है !
(मत्ती 7: 24-26 )
याद रखें आंधी तूफान आएंगे न्याय का दिन आएगा दुख मुसीबत भी आएंगे उस समय जिसने उसकी अज्ञाओं को माना उसका घर नहीं गिरेगा बाकी सब का घर गिर जाएगा सब नर्क में चले जाएंगे केवल आज्ञा मानने वाले ही स्वर्ग में जाएंगे!
मित्रों बहुत से विश्वासी सोचते हैं कि हमें केवल यीशु मसीह की ही आज्ञा माननी है परन्तू बाइबल कहती हर एक वह अधिकार जो पृथ्वी पर है उस अधिकार के नीचे हमको उसकी आज्ञा माननी है चाहे वह मां-बाप का हो भाई बहन का हो अधिकारियों का हो बॉस क हो पास्टर का हो हमको सब की आज्ञा माननी है क्योंकि शुरुआत आपको दुनिया से ही करनी है जब इस दुनिया में जिनके अधीन हम हैं उनकी आज्ञा नहीं मानते हैं तो हम यीशु मसीह की आज्ञा कैसे मानेंगे!
मित्रों आज्ञाकारीता में ही आशीष छुपी है जो इस रहस्य को जान जाएगा वह आशीष पाएगा इसलिए आज्ञा माने आशीष पाए!
प्रभु आप सबको आशीष दे!