मित्रों एक बड़ी और समर्थी प्रभु की मिनिस्ट्री करने के लिए हमें सबसे पहले एक अच्छा चेला बनने की जरूरत है जिसके अंदर ईमानदारी पवित्रता अनुशासन और आज्ञाकारिता हो क्योंकि आप पूरी बाइबल में उठा कर देख लो जितने भी चेले प्रभु के हुए चाहे वह पुराने नियम में हो या नए नियम में हो जो खुदा के खादिमो के अधीन रहे और जिनको खुदा के खादिमों ने अभिषेक किया वही बड़ी और सफल मिनिस्ट्री को कर पाए!
और आज भी आप अपने चारों ओर नजर उठा कर देख लो प्रभु की सेवा तो सब कर रहे हैं लेकिन बड़ी मिनिस्ट्री और सामर्थी मिनिस्ट्री वही लोग कर रहे हैं जो प्रभु के द्वारा चुने गए अभिषिक्त दासों के अधीन रहे और जिनका अभिषेक प्रभु के अभिषिक्त दासों ने किया वही चेले दुनिया में धूम मचा रहे हैं बाकी सब तो चर्च कलीसिया चला रहे हैं पर उनकी चर्च कलीसिया में बड़े समर्थ के काम नहीं होते और ना ही जीवन परिवर्तन होता है!
प्रभु अपनी सेवा के लिए किसी को चुनता है तो सीधे किसी को अभिषेक नहीं देता और ना ही मिनिस्ट्री के लिए चुन लेता है परंतु अपने चुने हुए व्यक्ति को पहले वह अपने चुने हुए अभिषिक्त दास के चर्च में रखता है उसके बाद गहराई के वचन सीखता है फिर जीवन के अनुभव सिखाता है और उसके बाद में उसके विश्वास को परखा जाता है और जब कोई व्यक्ति विश्वास में परखा जाता है और खरा उतरता है तब वह प्रभु के सेवा के योग्य ठहरता है!
(दानिय्येल 5:27-28)
तकेल अर्थात तू मानो तराजू में तौला गया और हल्का पाया गया
28 परेस अर्थात तेरा राज्य बांटकर मादियो और फारसियों को दिया गया है!
यहां पर परमेश्वर राज्य देने की बात करता है चर्च कलीसिया भी एक तरह का परमेश्वर का घर और स्वर्ग राज्य का नमूना है जहां पर परमेश्वर अपने चुने हुए दासों के द्वारा राज्य करता है
और परमेश्वर अपना राज्य यूं ही किसी को नहीं देता अपना घर यूं ही किसी को नहीं देता इसलिए वचन कहता है तू तौला गया और हल्का निकला यानी जब हम जहां पर प्रभु ने हमको रखा है चुनकर उस चर्च उस कलीसिया उस पासवान के अधीनता में नहीं रहते अपनी मर्जी से जीवन जीते हैं प्रभु की आज्ञा में नहीं रहते हैं ईमानदारी से जीवन नहीं जीते तो प्रभु कहता तो तौला गया लेकिन हल्का निकला इसलिए तेरा राज्य छीन कर अब अन्य जातियों को दिया जाता है या किसी और को दे दिया जाता है जैसे यहां पर लिखा है मादियों और फारसियों को दिया गया जो की अन्य जाति थे और इसीलिए आपने देखा होगा कई बार लोग प्रभु की सेवा को शुरू करते हैं मिनिस्ट्री को शुरू करते हैं लेकिन वह मिनिस्ट्री बहुत दूर तक नहीं चलती बीच रास्ते में तो खत्म हो जाती है या तो प्रभु किसी और के हाथों में सौंप देता है और जो चला रहा था प्रभु उसको उसे मिनिस्ट्री से हटा देता है!
जैसे एली और उसके बेटे जो प्रभु की सेवा में थे परंतु उसके बेटे लुचपन कर रहे थे व्याभिचार कर रहे थे और इसीलिए परमेश्वर ने शमूएल को चुना ताकि एली की मिनिस्ट्री को शमूएल के हाथों में सौंप दिया जाए और जब तक शमूएल इस लायक नहीं हुआ तब तक तो एली के मिनिस्ट्री को एली के हाथ में रखा लेकिन जैसे शमूएल उस लायक हुआ प्रभु एली की मिनिस्ट्री को शमूएल को सौंप दिया और एली और उसके बेटे मर गए!
(1शमूएल 2:12-36)
(4-12-18)
मित्रों परमेश्वर पापियों को तो क्षमा करता है पर पाप से समझौता नहीं करता है आज भी अगर कोई व्यक्ति पाप में बना रहे और प्रभु की सेवा करें तो यह नहीं हो सकता एली और उसके बेटे पाप कर रहे थे इसलिए परमेश्वर ने उनको मार दिया और एली इसलिए मारा गया क्योंकि उसने पाप के साथ समझौता किया जबकि उसको चाहिए था कि वह अपने बेटों को मिनिस्ट्री से अलग कर देता लेकिन उसने ऐसा नहीं किया!
मित्रों मैं अपने जीवन काल में बहुत से ऐसी प्रभु के दासों को देखा जो प्रभु की सेवा तो कर रहे थे पर आज उनका जीवन बदहाल है क्योंकि वह परमेश्वर के चुने हुए लोग नहीं थे बल्कि अपनी मर्जी से उन्होंने प्रभु की सेवा को रुतबे शान और शौकत के लिए चुना था वह अपना मन नहीं फिरा पाए थे पाप से समझौता करके प्रभु की सेवा कर रहे थे इसलिए प्रभु ने उनकी सेवा को छीना और उनका जीवन भी बदहाल हो गया मित्रों मैं ऐसे बहुत से लोगों को देखा जो खाने तक को मोहताज हो गए!
सेवा प्रभु की है व्यापार ना बनाना आखिरी नरसिंगा फूका जाने वाला है मित्रों अंतिम समय की दुनिया है अंतिम समय का प्रचार चल रहा है इसलिए प्रभु की सेवा को व्यापार मत बनाओ खेल मत समझो बल्कि अपने चुने जाने का इंतजार करो और पवित्रता और ईमानदारी और आज्ञाकारिता से प्रभु की सेवा करो ताकि जब परखे जाने का समय आए तो प्रभु आपको हल्का न पाए बल्कि विश्वास योग्य पाए ताकि प्रभु आपको और भी अपनी महिमा के इस्तेमाल करें!
प्रभु आप सबको आशीष दे!