डॉ. सुश्रुत जो की एक बहुत ही प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जरी और मोतियाबिंद स्पेशलिस्ट सर्जन थे , उन्हें एक बार किसी समारोह में भाग लेने के लिए किसी दूर शहर जाना था . उस समारोह में उन्हें उनकी नई मेडिकल रिसर्च की सफलता के इस महान कार्य के लिए सम्मानित किया जाना था . वे बड़े उत्साहित थे उस समारोह के लिए , इसलिए वंहा जल्दी से जल्दी पहुंचना चाहते थे . उनहोनें इस रिसर्च के लिए बड़ी मेहनत की थी . इसलिए वो बड़े उतावले हो रहे थे उस पुरस्कार को पाने के लिए .
इसलिए उन्होंने बस , ट्रेन की जगह जहाज से जाने का फैसला किया . उड़ने के लगभग 2 घंटे बाद उनके जहाज में कोई टेक्नीकल खराबी आ गयी , जिसके कारण उन्हें अपने जहाज की एमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी . डॉ. सुश्रुत को लगा की ऐसे तो वो लेट हो जायेंगे और समारोह में समय पर नहीं पहुँच पायेंगे . इसलिए उन्होंने सड़क के रास्ते से ही जाने का फैसला किया . उन्होंने वंहा के लोकल कर्मचारियों से रास्ते का पता किया और एक टैक्सी किराए पर कर ली . क्यूंकि उनको पता था की अगली फ्लाइट का समय 10 घंटे बाद का है . लेकिन उन्हें टैक्सी तो मिली पर बिना ड्राइवर के . इसलिए उन्होंने खुद ही टैक्सी को चलाने का निर्णय लिया और चल पड़े .
जैसे ही उन्होंने यात्रा स्टार्ट की उसके कुछ ही समय बाद बहुत तेज आंधी – तूफ़ान बारिश,शुरू हो गया . चारो तरफ अँधेरा सा छा गया . रास्ता लगभग दिखना बंद सा हो गया . इसलिए वो गलती से जंगल वाले गलत रास्ते की ओर मुड गये . दो घंटे तक उन्हें जब कोई रास्ता नहीं मिला तो उन्हें समझ में आया की वो रास्ता भटक चुके हैं . थक तो वो गये ही थे , अब उन्हें भूख भी लग गयी . पर वंहा आसपास कोई नहीं था बिलकुल सुनसान सड़क . तो वे उस सुनसान सड़क पर भोजन की तलाश में कार को इधर उधर चलाने लगे . लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. फिर कुछ दूर चलने के बाद उन्हें एक झोंपड़ी नजर आयी . झोंपड़ी के बिलकुल पास में जाकर उन्होंने अपनी कार को रोका . परेसान से होकर वो गाडी से उतरे और उस छोटे से घर का दरवाजा खटखटाया ये सोचकर की उन्हें शायद यंहा खाना मिल जाए . एक स्त्री ने दरवाजा खोला . डॉ सुश्रुत उन्हें अपने साथ घटित घटना बताई और एक phone करने की इजाजत मांगी . तो उन्हें पता चला की यंहा पर कोई फोन नहीं है . फिर भी उस स्त्री ने उनसे कहा की आप अंदर आइये और चाय पीजिये . जब मौसम थोडा ठीक हो जाए तब आप आगे चले जाना .
उस स्त्री की बात सुनकर उन्होंने तुरंत हामी भर दी क्यूंकि वो काफी भीग चुके थे और भूख भी लगी हुई थी थकान के कारण . उस औरत ने उन्हें बैठाया और बड़े सम्मान के साथ चाय दी और साथ में कुछ खाने के लिए भी . तभी उस स्त्री ने कहा की आइए , खाने से पहले हम ईश्वर से प्रार्थना करें और उन्हें धन्यवाद कर दें .
डॉक्टर उस स्त्री की बात सुनकर मुस्करा दिए और बोले , “ आप मुझें माफ़ करना पर मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करता मैं खुद की मेहनत पर विश्वास करता हूँ , आप अपनी प्रार्थना कर लीजिये .”
चाय की चुस्कियाँ लेते हुए डॉक्टर उस स्त्री को देखने लगे जो अपने छोटे से बच्चे के साथ ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी . उसने अलग अलग कई तरह की प्रार्थनाएं की . ये सब देखकर डॉ. मार्क को लगा की हो ना हो जरुर इस स्त्री को कोई समस्या है . जैसे ही वो स्त्री अपने पूजा करने के स्थान से प्रार्थना करके उठी , तो डॉ ने उनसे पूछा , “ आप भगवान से क्या मांग रहे थे ? क्या आपको लगता है की आप जो मांग रहे हो भगवान आपको वो दे देंगे .”
डॉ की बात सुनकर उस स्त्री ने धीमे से उदासी भरी मुस्कराहट बिखरते हुए कहा की , “ ये मेरा लड़का है और इसको एक गंभीर रोग है जिसका इलाज केवल डॉ .सुश्रुत नामक व्यक्ति के पास है . पर मेरे पास इतने पैसे नहीं है ,की मैं उनके पास उनके शहर जा सकूं .क्यूंकि वो दूर किसी शहर में रहते हैं . . ये बात सच है की आज तक ईश्वर ने मेरी प्रार्थना सुनी नहीं है ।और कोई जवाब नहीं दिया है . किन्तु मुझे पूरा विश्वास है की एक दिन वो कोई ना कोई रास्ता जरुर बना देंगे . वे मेरा विश्वास को टूटने नहीं देंगे . इसलिए मुझे पूरा विश्वास है की वो अवश्य ही एक दिन मेरे बच्चे का इलाज डॉ सुश्रुत से करवा के इसे ठीक कर देंगे . ”
उस स्त्री की ये बात सुनकर डॉ सुश्रुत तो सुन्न रह गये . उनके मुहं से कोई शब्द ही नहीं निकल रहा था . उनकी आँखों में आंसू आ गये और धीरे से बोले , “ भगवान सच में बहुत महान हैं .”
( उनके दिमाग में वो सारा घटनाक्रम घुमने लगा . कैसे उन्हें समारोह में जाना था . किस तरह उनके जहाज को इस अजनबी शहर में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी . टैक्सी के लिए ड्राइवर का ना मिलना , तूफ़ान का आना , रास्ता भटकना और आखिर में यंहा पर आना . )
अब वे समझ चुके थे ये सब इसलिए नहीं हुआ की ईश्वर को केवल इस स्त्री की प्रार्थना का जवाब देना था ।
बल्कि ईश्वर प्रभू प्रमेश्वर उन्हें भी एक मौका देना चाहते थे ।
की वे अपनी जिन्दगी में पैसा कमाने , प्रतिष्ठा कमाने आदि से ऊपर उठे और असहाय लोगों की मदद करें .
वे समझ गये की ईश्वर चाहते है की मैं उन लोगों का इलाज करूं जिनके पास धन तो नहीं है पर परम पिता परमेश्वर पर अटूट विश्वास है .।
दोस्तों , इस कहानी से हमे बहुत कुछ सिखने को मिलता है .
ये सच है ,की आज हर कोई अपनी life में पैसा कमाने में व्यस्त है . वो पैसे को ही सबसे बड़ा मानते है . पर ये सच नहीं है .
क्यूंकि,
पैसा उतना ही जरूरी है, जितना की कार में पेट्रोल , ना कम ना ज्यादा ।
परमेश्वर हर एक इंसान को बनाया है ताकि,
हमको जितना हो सके एक दुसरे लोगों की निस्वार्थ भावना से सहायता करनी चाहिए . अगर हम सच्चे दिल से ईश्वर से प्रार्थना करते है ,तो वे हमारी प्रार्थना जरुर सुनते है . इसलिए हमे ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए अपने लिए ना सही तो किसी और के लिए क्यूंकि प्रार्थना में बड़ी शक्ति होती है .।।