जी हां मित्रों आज आप परमेश्वर का वचन कैसे सुनते हो क्योंकि आज वचन का सुनना हमारे मन के मुताबिक होता है यदि हमारे मन का वचन है तो हम सुनते हैं और नहीं है तो हम उसको हल्के में लेते हैं जब चर्च में कलीसिया के अंदर वचन प्रचार होता है तो कुछ तो सिर को खुजाते हैं कुछ कानो को खुजाते हैं कुछ इधर-उधर ताकते हैं और कुछ ऐसे होते जो वचन को बड़े ध्यान से सुनने हैं !
और परमेश्वर यही चाहता कि उसके वचन को सुनने वाले लोग चाहिए जो बड़े ध्यान से सुने क्योंकि वचन सुनने से विश्वास होता है और जो वचन को ध्यान से सुनता है परमेश्वर उसकी समझ और बूझ को खोल देता है ताकि उस वचन के प्रकाशन को समझ सके!
(प्रेरितो के काम 16:11-13)
पौलुस और सिलास नदी के किनारे प्रार्थना करने गए और वहां कुछ स्त्रियां उनको मिली उनको वह प्रभु का वचन सुनाने लगे उनमें से एक लुदिया नाम की स्त्री वह बैजनी कपड़े बेचती थी बैजनी कपड़े उस जमाने में राजा महाराजा और धनवान लोग पहनते थे उसकी कपड़े की बहुत बड़ी दुकान होगी और यह धनवान स्त्री थी परंतु खुशी की बात है कि धनवान होने के बाद भी भक्त थी धनवान भक्त नहीं होता इसलिए वह स्वर्ग के राज्य में नही जा सकता!
(मरकुस 10:25)
बहुत-सी स्त्रीयों को वचन सुनाया जा रहा था परंतु केवल यह स्त्री ही सुन रही थी आज भी जब प्रभु का वचन सुनाया जाता है तो सब लोग बराबर नहीं सुनते उनका ध्यान वचन सुनने में नहीं रहता विचार इधर-उधर भटकते हैं वचन जब सुनाया जाता है तब उसको बड़े ध्यान से सुनना चाहिए क्योंकि वचन सुनने से विश्वास पैदा होता है!
(रोमियो 10:17)
यह लुदिया बहन बहुत ध्यान से वचन सुन रही थी और प्रभु ने उसके मन को खोल दिया ताकि वह वचन को समझें वचन ध्यान से सुनना और पढ़ना यह हमारा काम है और मन को खोलना यह परमेश्वर का काम है!
अगर हम अपना काम करें तो परमेश्वर अपना काम करेगा शैतान हमारे मनो को बंद करके रखता है ताकि हम उसके वचन को ना समझे परंतु यदि हम परमेश्वर से कहे कि तू हमारे मनों को खोल तब वह जरूर खोल देगा उसने अपने चेलों की समझ को खोल दिया!
( लुका 24:45)
जब इस लुदिया नाम की बहन का मन प्रभु ने खोल दिया तब वह वचन को समझ गई और जो वचन उसने समझा था वह उसने अपने घर के सब लोगों को समझा दिया और उसके पूरे घराने ने बपतिस्मा लिया सचमुच अगर हम अपने घर के लोगों को प्यार करते हैं तो उसको नर्क में जाने से बचाना हमारा फर्ज है इस बहन ने अकेले बपतिस्मा नहीं लिया पूरे परिवार के साथ लिया क्या हमारा परिवार बचा है यह एक बड़ा सवाल है आज बहुत से विश्वासी ऐसे हैं जिनको अपने परिवार के अपने जीवन की कोई चिंता नहीं परंतु हमको इस लुदिया नाम की बहन से सीखना है!
इसके बाद वह पौलुस से विनती करती है कि यदि तू मुझे प्रभु की विश्वासिनी समझता है तो मेरे घर में रहे और वह उसको अपने घर में मना कर ले गई!
इसका मतलब है कि बपतिस्मा लेने के बाद यह बहन संगति की भूखी थी उसको और आगे बढ़ना है उसको पौलुस की संगति की जरूरत है इसलिए वह कहती की मेहरबानी से आप मेरे घर में चल कर रहे केवल कभी-कभी मेरे घर आकर मेरी मुलाकात न करें वह ऐसा नहीं कहती परंतु वह कहती है कि हमेशा के लिए मेरे घर में रहे सचमुच प्रभु के दासो को हमको आदर करना सीखना चाहिए वह ही हमको आत्मिक जीवन में आगे बढ़ाएंगे हम को स्वर्ग में जाना है इसलिए संगति में रहना जरूरी है!
मित्रों परमेश्वर आज भी ऐसे लोगों को ढूंढता है जो उसका वचन ध्यान से सुनते हैं क्योंकि जो वचन को ध्यान से सुनता है वह परमेश्वर को अपने तन मन धन से प्यार करता है और परमेश्वर उसके मन को खोलता है उसकी समझ को खोल देता है और वह व्यक्ति प्रकाश से और समझ से और बुद्धि से भर जाता है!
प्रभु आप सबको आशीष दे!प्रभु आप सबको आशीष दे!